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चंदू सर की खुशी देखकर रजनीश गुरबानी की आंखों में आ गए आंसू

पहली बार रणजी ट्रॉफी फाइनल में जगह बनाने बाद विदर्भ के कोच चंद्रकांत पंडित हुए गदगद

FP Staff

घरेलू क्रिकेट जगत में चंद्रकांत पंडित को ‘खडू़स’ मुंबईकर के रूप में जाना जाता है, जो अपनी भावनाओं को जाहिर नहीं करते. लेकिन कर्नाटक को हराकर पहली बार रणजी ट्रॉफी फाइनल में जगह बनाने बाद विदर्भ के प्रफुल्लित कोच को देखकर रजनीश गुरबानी की आंखों में आंसू आ गए. गुरबानी ने गुरुवार को यहां दूसरी पारी में सात विकेट चटकाए जिससे विदर्भ ने कर्नाटक को पांच रन से हराकर फाइनल में प्रवेश किया.

निजी तौर पर भारत के पूर्व विकेटकीपर पंडित का यह मुंबई क्रिकेट संघ (एमसीए) को भी जवाब है, जिन्होंने पिछले साल टीम के फाइनल में जगह बनाने के बावजूद उन्हें कोच के पद से हटा दिया था.


मैच में 12 विकेट चटकाने वाले गुरबानी ने कहा, ‘अंतिम विकेट लेने के बाद मैं काफी भावुक हो गया और चंदू सर (पंडित का उपनाम) की प्रतिक्रिया देखने के बाद मेरी आंखों में आंसू आ गए. पंजाब के खिलाफ लीग चरण में पहले मैच से लेकर आज तक मैंने अपने रूटीन में कोई बदलाव नहीं किया.’

उन्होंने कहा, ‘मैं अंतिम दिन के खेल से पहले की रात बमुश्किल सो पाया पूरी रात मैं काफी नर्वस था. सबसे पहले मैं साढ़े 12 बजे उठा, मुझे लगा कि सुबह के छह बज गए. इसके बाद मैं साढ़े चार बजे उठा और फिर नहीं सो पाया. मैं पांच बजे उठ गया और छह बजे से पहले ही तैयार हो गया. दो बार क्वार्टर फाइनल में हार के बाद हम इस साल फाइनल में पहुंचने को लेकर प्रतिबद्ध थे.’

नई गेंद के अपने जोड़ीदार उमेश यादव के संदर्भ में गुरबानी ने कहा कि भारत के इस अंतरराष्ट्रीय गेंदबाज के साथ गेंदबाजी की शुरुआत करना सपना साकार होने की तरह था. उन्होंने कहा, ‘उमेश यादव की मौजूदगी से मुझे बड़ी मदद मिली और उमेश भैया के साथ गेंदबाजी की शुरुआत करना मेरा सपना था. वह एक छोर से काफी तेज गेंद कर रहे थे और उन्हें गेंदबाजी करते देखकर मैं काफी सहज महसूस कर रहा था. उमेश यादव मेरे आदर्श हैं और वह मेरे पसंदीदा तेज गेंदबाज हैं.’