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बिना मेहनत किए डॉक्टरेट की उपाधि लेने से सचिन ने किया इनकार

पश्चिम बंगाल की जादवपुर यूनिवर्सिटी के प्रस्ताव को सचिन ने 'नैतिक आधार' पर ठुकराया

FP Staff

क्रिकेट के मैदान पर सचिन तेंदुलकर एसे की कारनामे किए हैं जिनसे उनके फैंस प्रेरणा लेते रहे हैं. सचिन अब क्रिकेट से संन्यास ले चुके हैं लेकिन उसके बाद भी वह सामाजिक सरोकारों से जुड़कर लोगों को प्रेरित करते रहते हैं. और अब सचिन ने एक ऐसा फैसला लिया है जिससे उनके फैंस की नजरों में उनकी इज्जत और बढ़ जाएगी.

न्यूज 18 की खबर के मुताबिक दरअसल पश्चिम बंगाल की जादवपुर यूनिवर्सिटी अपने सालाना जलसे में उन्हें डॉक्टरेट की मानद उपाधि देना चाहती थी लेकिन सचिन ने इसे लेने से इनकार कर दिया. सचिन ने यूनिवर्सिटी को भेजे अपने जवाब में लिखा है कि वह ‘एथिकल ग्राउंड’ पर यह उपाधि नहीं ले सकते हैं क्योंकि उन्हें लगता कि जिस उपाधि के लिए उन्होंने मेहनत नहीं की उसे स्वीकार करना करने उनके लिए वाजिब नहीं होगा.


सचिन के इनकार की खबर जब यूमिवर्सिटी के चांसलर और सूबे के राज्यपाल केसरीनाथ त्रिपाठी के पास पहुंची को फिर उन्होंने 24 सितंबर को होने वाले कार्यक्रम के लिए यह उपाधि बॉक्सर और राज्यसभा की सांसद एमसी मेरीकॉम को देने का फैसला किया है.

इससे पहले राहुल द्रविड़ भी पिछले साल बेंगलोर यूनिवर्सिटी ने इसी तरह की मानद डॉक्टरेट देने का प्रस्ताव दिया था जिसे उन्होंने नकार दिया था.