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केपटाउन की हार के बाद अब दूसरे टेस्ट में प्लेइंग इलेवन की माथापच्ची में जुटे कोहली

आर अश्विन की कुरबानी देकर प्लेइंग इलेवन में एक अतिरिक्त बल्लेबाज को शामिल करने पर हो सकता है विचार

FP Staff

केपटाउन में मिली हार के बाद अब टीम इंडिया का मैनेजमेंट दूसरे टेस्ट के लिए बेहद गंभीर मंथन में जुटा है. सबसे बड़ा सवाल सेंचुरियन में दूसरे टेस्ट के लए प्लेइंग इलेवन निर्धारित करने का है.

पहले टेस्ट में रहाणे की जगह रोहित को प्लेइंग इलेवन में शामिल करने के फैसले की जोरदार आलोचना हो रही है. लेकिन सवाल यह कि अगर अगले टेस्ट में रोहित का बाहर बिठाकर रहाणे को प्लेइंग इलेवन में शामिल किया गया तो यह एक तरीके से अपनी 'भूल'  को कबूल करने जैसे होगा और कप्तान कोहली या फिर कोच रवि शास्त्री अहम् इसकी इजाजत नहीं देता.


रोहित को बाहर बिठाएं तो कैसे!

केपटाउन में हार के बार कोहली ने जिस तरह से रोहित के प्लेइंग इलेवन में शामिल किए जाने को सही ठहराया था उससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि रोहित को वह एक और मौका देने के मूड में हैं.

तो फिर अगर जब रोहित टीम में बने ही रहेंगे तो क्या प्लेइंग इलेवन में कोई बदलाव नहीं होगा? क्या केपटाउन में 72 रन से मात खाने वाली टीम इंडिया ही सेंचुरियन में मैदान में उतरने वाली है?

पहले टेस्ट में खेली टीम इंडिया में रोहित की जगह एक ऐसा खिलाड़ी और भी जिसे बाहर बिठाकर कोहली अपनी टीम की बल्लेबाजी की समस्याओं को दुरुस्त कर सकती है.

आर अश्विन की होगी कुरबानी!

वह खिलाड़ी है आर अश्विन. पहले टेस्ट में यह साफ हो गया कि इस सीरीज में भारत की परेशानी गेंदबाजी नही बल्कि बल्लेबाजी है. यानी भारत को अपने बल्लेबाजी डिपार्टमेंट  और ज्यादा मजबूती देने की दरकार है.

केपटाउन में तीन तेज गेंदबाजों और हार्दिक पांड्या ने अपने काम के बेहतरीन तरीके से अंजाम दिया था. अश्विन ने हालांकि दो विकेट जरूर झटके लेकिन वह तो पुछल्ले बल्लेबाजों के ही विकेट थे. लिहाजा अब टीम मैनेजमेंट अश्विन को कुर्बान कर, छह बल्लेबाज-पांच गेंदबाज की रणनीति का त्याग कर, सात बल्लेबाजों के साथ उतरने की रणनीति पर चलने का फैसला ले सकता है.

अब सवाल है कि अगर अश्विन को प्लेइंग इलेवन में से हटाया गया तो रहाणे या राहुल में से किसे टीम में खेलने का मौका मिलेगा.

सलामी जोड़ी भी है समस्या

बात अगर बल्लेबाजी डिपार्टमेंट की ही की जाए तो इस विभाग में टीम की सबसे बड़ी समस्या सलामी जोड़ी की है. पहले टेस्ट में ही नहीं बल्कि भारतीय सबकॉन्टिनेंट बाहर पिछले दो दशकों से सलामी जोड़ी भारत की समस्या बनी हुई हैं. साल 2000 के बाद से भारत को सबकॉन्टिनेंट के बाहर जिन 16 मुकाबलों में जीत मिली है उनमें से एक बार ही सलामी जोड़ी स्कोर बोर्ड पर 100 से ज्यादा रन जोड़ सकी है.

सीरीज के बाकी बचे दो मुकाबलों में यह बात तो तय है कि भारत को उछाल भरी विकेट्स मिलने की संभावना है . ऐसे विकेट्स पर शिखर धवन की नाकामी अब जगजहिर हो चुकी है. ऐसे में जब टीम इंडिया एक एक्स्ट्रा बल्लेबाज के साथ उतरने की सोच रही है अगर धवन की जगह केएल राहुल टीम में आते हैं तो फिर अजिंक्य राहाणे के लिए भी प्लेइंग इलेवन में जगह बन सकती है. या फिर धवन को प्लेइंग इलेवन में बरकरार रखकर रहाणे को शामिल किया जा सकता  है.