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कंधार हाईजैकिंग की स्याह यादों के बीच भारत का अफगानिस्तान को तोहफा, एक नया क्रिकेट स्टेडियम

मनमोहन सिंह की यूपीए सरकार ने कंधार में क्रिकेट स्टेडियम के लिए करीब साढ़े छह करोड़ दान में दिए थे, अब यह स्टेडियम बन कर तैयार हो गया है

Jasvinder Sidhu

कंधार याद है आपको! हो सकता है कि यादें धुंधली पड़ गई हों. लेकिन जब भी आप अफगानिस्तान के इस शहर का नाम सुनें तो एक बार जेहन पर जोर जरूर दें और याद करने की कोशिश करें कि यह नाम हिंदुस्तानियों के लिए क्यों मायने रखता है!

बहुत से लोगों को याद होगा. जिन्हें याद नहीं है, वे एक बार फिर उसके बारे में जान लें. दरअसल, यह शहर भारतीयों की सुरक्षा को लेकर सरकार की नाकामी का गवाह ही नहीं है. इस शहर ने भारत जैसे दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र को आतंकवाद के सामने घुटने टेकते हुए भी देखा है.


1999 के दिसंबर में पाकिस्तानी आतंकवादी इंडियन एयरलाइंस के विमान को हाईजैक कर कंधार ले गए थे. 160 यात्रियों की रिहाई के लिए कई दिन तक चला था ड्रामा. यह ड्रामा भारत सरकार के कंधार में तीन आतंकवादियों को रिहा करने के बाद खत्म हुआ था.

हिंदुस्तानी सरकार का तोहफा

उस हाईजैकिंग ने भारतीयों का जो दर्द दिया, वह भूल जाने वाला नहीं है. लेकिन कंधार के लोग जब भी यहां तैयार नए क्रिकेट स्टेडियम से सामने से गुजरेंगे तो वे शायद हिंदुस्तानी सरकार का शुक्रिया करना ना भूलें.

मनमोहन सिहं की यूपीए सरकार ने कंधार में क्रिकेट स्टेडियम के लिए करीब साढ़े छह करोड़ दान में दिए थे. अब यह स्टेडियम बन कर तैयार हो गया है.

अफगानिस्तान क्रिकेट के चेयरमैन शुक्रउल्लाह आतिफ मशाल फर्स्ट पोस्ट हिंदी को बताते हैं कि इस नए स्टेडियम ने कंधार के क्रिकेट को नई जान दी है. इसके लिए भारत सरकार का जितना शुक्रिया अदा किया जाए कम है.

मशाल कहते हैं कि जिस समय में हाईजैकिंग हुई, वह अफगानिस्तान का सबसे बुरा दौर था, क्योंकि तालिबान की सोच ही अलग थी. क्रिकेट के अलावा बाकी खेलों को भी उस दौर में काफी नुकसान झेलना पड़ा. लेकिन यह नया स्टेडियम भारत और अफगानिस्तान की दोस्ती का दस्तावेज है.

नए स्टेडियम में पांच पिचें हैं और  करीब 20 हजार क्रिकेट प्रेमी यहां पर खेल का आनंद ले सकते हैं. अफगानिस्तान के पांच इलाकों में कंधार भी क्रिकेट का बड़ा सेंटर है. इस नए स्टेडियम के बनने से यहां के क्रिकेट को और ऊंचाई मिलने में मदद मिलेगी.

कंधार के सबसे महंगे इलाकों में से एक आइनो मिना एरिया में बने इस स्टेडियम के लिए जमीन पूर्व राष्ट्रपति हामिद करजई के भाई महमूद करजई ने दान में  दी थी.

अफगानिस्तान के क्रिकेट ने हाल के सालों में जिस तेजी से तरक्की की है, वह हैरान कर देने वाली है. हर दिन होने वाले बम ब्लास्ट, आतंकी व ड्रोन हमलों से जूझ रहे इस देश ने 2015 के  विश्व कप के लिए भी क्वालिफाई किया.

फुटबॉल की दीवानगी वाले देश अफगानिस्तान में क्रिकेट बहुत तेजी से फैल रहा है. एशियन क्रिकेट काउंसिल के अनुसार  इस समय अफगानिस्तान में 700 से ज्यादा क्लब और करीब 90 क्रिकेट ग्राउंड हैं.

वैसे नए स्टेडियम का नाम अभी नहीं रखा गया है. तो क्या नए स्टेडियम के नाम में भारत-अफगानिस्तान की दोस्ती का अक्स होगा, इस सवाल पर आतिफ मशाल कहते हैं कि अभी इस बारे में कोई फैसला नहीं हुआ है लेकिन यह बुरा आइडिया नहीं हैं.