भारत के कई लोग आए दिन विदेशों में नस्लवाद का शिकार होते हैं. लेकिन उन हमलों की निंदा करते हुए हम नहीं सोचते कि खुद हमारे देश में ही कितनी बार लोग इसका शिकार होते हैं. हाल ही में इसका निशाना बने भारतीय क्रिकेटर अभिनव मुकुंद. भारत के सल्लामी बल्लेबाज अभिनव बल्लेबाज हैं और सोशल मिडिया पर उनके रंग को लेकर उनका माजाक उडाया जाता है.
गुरुवार को अभिनव मुकुंद ने इस संबंध में अपनी आवाज बुलंद की. सोशल मीडिया में की गई एक पोस्ट में अभिनव ने अपने पूर्व के अनुभव को याद किया और कहा, 'मैं 10 साल की उम्र से क्रिकेट खेल रहा हूं और मैंने धीरे-धीरे सफलता की ऊंचाई छुईं और वहां पहुंचा जहां मैं आज हूं.
उच्च स्तर पर देश के लिए खेलना एक गर्व की बात है. मैं आज किसी की सहानुभूति और ध्यान खींचने के लिए नहीं लिख रहा हूं बल्कि इस उम्मीद से कि उस मुद्दे पर लोगों की सोच बदल पाऊं जिसके बारे में मैं सबसे ज्यादा सोचता हूं.'
उन्होंने आगे कहा 'मेरे रंग को लेकर मुझपर कई तरह के ताने दिए गए, बचपन से ही मुझे इसका कारण समझ नहीं आया. पर आज मैं सिर्फ इतना कहना चाहती हूं कि सिर्फ गोरा होना आपकी खूबसूरती का प्रमाण नहीं. आप जैसे हैं खुद से वैसे प्यार करे.'
अभिनव मुकंद पर पिछले कई समय से उनके रंग को लेकर सोशल मीडिया पर उनका माजाक उड़ाया जाता रहा है. इससे ही उन्होंने तंग आकर ट्विटर पर जवाब दिया. उन्होंने लिखा 'आज सिर्फ अपने लिए नहीं बोल रहे हैं बल्कि अन्य कई लोगों के लिए बोल रहे हैं.
मुकुंद ने कहा, 'सोशल मीडिया के आने से, यह बात बहुत बढ़ गई है कि लोग अक्सर गालियां देने लगते हैं, यह कुछ ऐसा है जिसमें मेरा कोई नियंत्रण नहीं है. गोरे लोग ही सिर्फ हैंडसम लोग नहीं होते. सच्चे बनो, ध्यान रखो, और अपनी स्किन में आरामदेह रहो.'