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क्रिकेट के यादगार पलों का गवाह रहा साल 2016

भारतीय टीम और खिलाड़ियों ने किया शानदार प्रदर्शन, सपने की तरह रहा साल

Lakshya Sharma

साल 2016 को भारतीय क्रिकेट के लिए स्वर्णिम साल कहा जाए तो गलत नहीं होगा. इस साल भारतीय टीम ने हर फॉर्मेट में शानदार प्रदर्शन किया. टेस्ट, वनडे या टी20 भारतीय टीम ने हर जगह अपनी छाप छोड़ी.

इस साल कई खिलाड़ियों ने जबरदस्त प्रदर्शन किया. भारतीय खिलाड़ियों ने कई मैच एकतरफा तरीके से अपने नाम किए तो कई मैच में फैंस को नाखून चबाने पड़े. चलिए अब आपको साल 2016 के वो पल याद दिलाते है जब आपको अपनी टीम और खिलाड़ियों पर गर्व महसूस हुआ था.


भारत- ऑस्ट्रेलिया पांचवां वनडे. मनीष पांडे ने जिताया मैच

आपको याद होगा साल की शुरुआत में भारतीय टीम ऑस्ट्रेलिया दौरे पर गई थी. साल के शुरुआती दिनों में भारतीय टीम लगातार हार रही थी. वह 5 मैचों की वनडे सीरीज में 4-0 से पीछे थी.

पांचवें वनडे में भारत के सामने साख बचाने की चुनौती थी. पांचवे वनडे में भी ऑस्ट्रेलिया ने वॉर्नर और मिचेल मार्श की शतक की बदौलत 330 रन का बड़ा स्कोर खड़ा किया.

बड़े स्कोर का पीछा करते हुए भारत ने शानदार शुरुआत की. लेकिन भारत ने 10 रन के अंदर ही शिखर धवन और विराट कोहली के विकेट गंवा दिए. इसके बाद भारत के युवा खिलाड़ी मनीष पांडे क्रीज पर बल्लेबाजी के लिए उतरे.

मनीष ने रोहित शर्मा के साथ शतकीय साझेदारी की, हालांकि रोहित 99 रन के स्कोर पर आउट हो गए. इसके बावजूद मनीष ने अपना हौसला नहीं खोया और धोनी के साथ मिलकर भारत को जीत के करीब पहुंचा दिया.

धोनी तो आखिरी ओवर में आउट हो गए लेकिन मनीष पांडे ने न केवल अपना पहला वनडे शतक लगाया बल्कि भारत को भी 6 विकेट से एक यादगार जीत दिला दी. मैच में नाबाद 104 रन बनाने लिए पांडे को मैन ऑफ द मैच का अवॉर्ड मिला.

 भारत ने टी20 सीरीज में ऑस्ट्रेलिया का सफाया किया

ऑस्ट्रेलिया में वनडे सीरीज 4-1 से हारने के बाद भारतीय टीम टी20 मैचों की सीरीज के लिए मैदान में उतरी.

पांचवें वनडे में जिस तरह भारतीय टीम ने जीत हासिल की थी उसके बाद भारतीय खिलाड़ियों के हौसले बुलंद थे.भारतीय टीम ने प्रदर्शन भी वैसा ही किया. भारतीय टीम ने पहली बार ऑस्ट्रेलिया में क्लीन स्विप करते हुए सीरीज 3-0 से जीती.

पहले टी20 मैच में भारत ने विराट कोहली के नाबाद 90 रन की बदौलत ऑस्ट्रेलिया के सामने 189 रन का टारगेट रखा. जिसके जवाब में मेजबान टीम केवल 151 रन ही बना पाई. भारत ने पहला मैच 37 रन से जीता.

दूसरे मैच में भी भारत की यंग ब्रिगेड ने शानदार प्रदर्शन किया. भारत के टॉप तीन बल्लेबाजों ने 40 से ज्यादा रन बनाए. जिसकी वजह से भारत ऑस्ट्रेलिया के सामने 185 रन का लक्ष्य रखने में कामयाब रहा.

185 रन का पीछा करने उतरी ऑस्ट्रेलिया टीम का स्कोर एक समय 9 ओवर में 90 से ज्यादा था, लेकिन भारतीय गेंदबाजों ने शानदार वापसी करते हुए ऑस्ट्रेलिया को केवल 157 रन बनाने दिए. 27 रन की जीत के साथ भारत ने टी20 सीरीज पर कब्जा जमा लिया.

तीसरे मैच में भी भारतीय खिलाड़ियों के प्रदर्शन का इसी बात से अंदाजा लगाया जा सकता है कि भारतीय टीम ने ऑस्ट्रेलिया के 197 रन के स्कोर का भी पीछा कर लिया. भारतीय बल्लबाजों ने शानदार बल्लेबाजी करते हुए ऑस्ट्रेलिया से अपने ही अंदाज में वनडे सीरीज की हार का बदला लिया.

 अंडर 19 वर्ल्डकप के फाइनल तक पहुंची भारतीय यंग ब्रिगेड

बांग्लादेश में हुए अंडर 19 वर्ल्डकप में भारतीय टीम ईशान किशन की कप्तानी में खिताब जीतने के मकसद से गई. हालांकि वह खिताब जीतने से तो एक कदम दूर रह गई लेकिन पूरे टूर्नामेंट में उसने शानदार प्रदर्शन किया.

भारत की तरफ से ईशान किशन, महिपाल लोमरोर और ऋषभ पंत ने सबका ध्यान अपनी और खींचा. फाइनल में वेस्टइंडीज ने भारत को हराते हुए खिताब पर कब्जा जमाया.

ऋषभ पंत का बल्ला इसके बाद आईपीएल और रणजी सीजन में भी गरजा. इस साल पंत ने 8 रणजी मैचों में 80 से ज्यादा की औसत से 905 रन बनाए. इस दौरान उन्होंने 1 तिहरे शतक सहित 4 शतक भी लगाए. 8 मैचों में पंत ने 103 की स्ट्राइक रेट से बल्लबाजी की और 48 छक्के भी लगाए.

 वर्ल्ड टी20 कप में कोहली और धोनी का करिश्मा

इस साल टी20 वर्ल्डकप भारत में हुआ. भारत सेमीफाइनल में हार जरूर गया लेकिन उसका प्रदर्शन शानदार रहा था. भारत ने कई मौकों पर पिछड़ने के बाद वापसी की. खासकर बांग्लादेश के खिलाफ मैच में.

भारत ने बांग्लादेश के खिलाफ 147 रन का लक्ष्य रखा. एक समय बांग्लादेश आसानी से मैच जीत रहा था. उसे 3 गेंद पर केवल 2 रन चाहिए थे, लेकिन धोनी की शानदार कप्तानी और हार्दिक पांड्या की समझदार गेंदबाजी के कारण बांग्लादेश 1 रन से मैच हार गया. आखिरी गेंद पर धोनी ने रन आउट कर पूरी दुनिया को हक्का-बक्का कर दिया था.

इस मैच के बाद ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ भी भारत मैच में पिछड़ रहा था, लेकिन पूरे टूर्नामेंट में अपनी बल्लेबाजी का जलवा बिखेर रहे कोहली ने नाबाद 82 रन बनाकर भारत को अपने दम पर एक यादगार जीत दिलाई.

आईपीएल में कोहली का विराट प्रदर्शन

वर्ल्ड टी20 कप में अपने बल्ले से धूम मचाने वाले विराट कोहली ने अपना असली रूप तो आईपीएल में दिखाया. इस साल के आईपीएल में विराट ने रिकॉर्ड की झड़ी लगाते हुए 900 से ज्यादा रन बनाए.

विराट ने एक सीजन में बनाया गए सबसे ज्यादा रन का रिकॉर्ड भी अपने नाम किया. सबसे खास बात इस साल से पहले विराट ने टी20 क्रिकेट में एक भी शतक नहीं लगाया था, लेकिन इस साल उन्होंने 4 शतक ठोके.

ये भी आईपीएल के इतिहास में एक रिकॉर्ड है. विराट के इसी प्रदर्शन के बूते उनकी आरसीबी टीम टूर्नामेंट के फाइनल तक पहुंची.

टेस्ट में नंबर वन बनी टीम इंडिया

साल भर में जो टीम एक भी टेस्ट मैच न हारे, तो आप उसके प्रदर्शन का अंदाजा लगा सकते है. इस साल विराट कोहली की टीम ने एक भी टेस्ट मैच नहीं हारा, बल्कि इस साल भारतीय टीम ने 9 टेस्ट मैच जीते.

इस दौरान उसने वेस्टइंडीज में सीरीज जीती और घरेलू मैदान पर न्यूजीलैंड और इंग्लैंड को भी मात दी. इसी प्रदर्शन के कारण भारतीय टीम टेस्ट को फिर से नंबर वन टीम का खिताब मिला.

अश्विन ने गेंदबाजी में लगाई रिकॉर्ड की झड़ी

भारतीय टीम ने अगर टेस्ट में नंबर वन की रैंकिंग हासिल की है तो इसमें सबसे महत्वपूर्ण योगदान आर अश्विन का है.

अश्विन मे साल 2016 में 12 मैचों में 72 विकेट लिए है. इस दौरान उन्होंने 8 बार पारी में 5 विकेट और 3 बार मैच में 10 विकेट का कारनामा किया.

अश्विन इस साल सबसे ज्यादा विकेट लेने वाले गेंदबाज भी बने. इसके साथ ही अश्विन ने इंटरनेशनल क्रिकेट में दूसरे सबसे तेज 200 विकेट लेने का रिकॉर्ड भी अपने नाम किया.

टेस्ट मैचों में विराट ने लगाए 3 दोहरे शतक

आप सोच रहे होंगे कि पूरी रिपोर्ट में कोहली की ही सबसे ज्यादा चर्चा क्यों? लेकिन आप ही बताए उनके प्रदर्शन को कैसे नजरअंदाज करें?

वनडे और टी20 की तरह कोहली ने इस साल टेस्ट में भी धमाल मचाया. विराट ने इस साल करीब 80 की औसत से 1215 रन बनाए.

इस दौरान उन्होंने 3 दोहरे शतक भी लगाए. एक साल में 3 दोहरे शतक लगाने वाले विराट पहले भारतीय है.

आपको ये जानकर हैरानी होगी कि इससे पहले विराट ने अपने टेस्ट या प्रथम श्रेणी मैच में भी दोहरा शतक नहीं लगाया था.

जयंत यादव ने 9वें नंबर पर लगाया शतक

इंग्लैंड के खिलाफ खेली गई टेस्ट सीरीज से पहले जयंत यादव को बहुत कम लोग पहचानते थे. लेकिन इस एक सीरीज में वह स्टार बन गए.

जयंत टीम में आए तो एक बॉलिंग ऑलराउंडर के तौर पर आए थे, लेकिन जिस तरह उन्होंने सीरीज में बल्लेबाजी की, उसे देखकर तो कप्तान ने भी मान लिया था कि उन्हें भी नहीं लगा कि जयंत अपनी पहली सीरीज नहीं खेल रहे है.

मोहाली टेस्ट में उन्होंने पहले जिम्मेदारी से खेलते हुए अर्धशतक लगाया. उसके बाद मुंबई टेस्ट में उन्होंने नंबर 9 पर शतक लगाते हुए कोहली के साथ 241 रन की साझेदारी भी की. नंबर 9 पर शतक लगाने वाले जयंत भारत के पहले बल्लेबाज है.

करुण नायर का तिहरा शतक

अगर ये लिस्ट रिकॉर्ड के हिसाब से होती तो शायद करुण नायर की इंग्लैंड के खिलाफ चेन्नई टेस्ट में खेली गई 303 रन की पारी टॉप पर होती. और हो भी क्यों न, करुण ने अपनी तीसरी ही पारी में तिहरे शतक का कारनामा किया. करुण टेस्ट मैचों में तिहरा शतक लगाने वाले केवल दूसरे भारतीय है. उनसे पहले वीरेंद्र सहवाग ने दो बार तिहरा शतक लगाया था. उनके इस प्रदर्शन के कारण भारत ने चेन्नई टेस्ट में इंग्लैंड को हरा 5 मैचों की वनडे सीरीज 4-0 से जीती.