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क्या हम राजनीति में महिलाओं को बर्दाश्त कर पाते हैं? सोशल मीडिया देखकर तो नहीं लगता

प्रियंका गांधी इस कीचड़ में खिली नई कमल हैं. इसके पहले उनकी मां सोनिया गांधी से लेकर मायावती, ममता बनर्जी, स्मृति ईरानी, जया प्रदा, वसुंधरा राजे जैसी महिला नेताएं पुरुषवादी कुंठित समाज के निशाने पर आती रही हैं

Kumari Prerna

हमारे यहां जब एक महिला राजनीति में प्रवेश करती है तो उसके कंधे पर देश, राज्य, जिला, पंचायत से इतर साड़ी के पल्लू और सूट के दुप्ट्टे का बोझ भी डाल दिया जाता है. अगर नहीं डाला गया तो वह आसानी से घटिया चुटकुलों और मीम्स का कंटेंट बन जाती हैं. हालांकि साड़ी या सूट में लिपटे रहना भी भद्दी टिप्पणियों से बच जाने की गारंटी नहीं है. विडंबना देखिए हमेशा साड़ी और सूट जैसे पारंपरिक परिधान पहनने वाली पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी, यूपी की पूर्व मुख्यमंत्री मायावती, राजस्थान की पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे भी स्तरहीन टिप्पणियों से बच नहीं सकीं .

चूंकि सोनिया गांधी इटली की रहने वाली हैं, उन्होंने राजनीति में प्रवेश करने से पूर्व हर तरह के कपड़े पहने हैं, हिंदी बोलना नहीं जानती हैं, उनकी परवरिश काफी अलग रही है, ऐसे में ट्रोलर्स और राजनीतिक विरोधियों के लिए वह सबसे सॉफ्ट टार्गेट रहीं. उनकी फोटोशॉप की हुई तस्वीरों की बाढ़ वॉट्सऐप के हर ग्रुप में तैरती रहती हैं. फोटोशॉप की हुई इन तस्वीरों से हटकर भी सोनिया के बारे में कई उल्टी सीधी टिप्पणियां की जाती रही हैं. यह सबकुछ बीते कई सालों से चला आ रहा है.


अब ट्रोलर्स और कुंठित वर्ग के लोगों की नई टारगेट राजनीति में हाल ही प्रवेश करने वाली प्रियंका गांधी बन गई हैं. प्रियंका गांधी को हाल ही अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी की राष्ट्रीय महासचिव और पूर्वी उत्तर प्रदेश की प्रभारी के रूप में नियुक्त किया गया है. इससे पहले उन्होंने खुद को राजनीति से दूर ही रखा था.

प्रियंका ने जब से सक्रिय राजनीति में एंट्री की, उन पर विरोधियों के जरिए सेक्सिस्ट टिप्पणियां की जाने लगीं. इसी मामले में सोमवार को बिहार से योगी संजय नाथ नाम से ट्विटर पर मौजूद इस शख्स को बिहार से गिरफ्तार किया गया है.

योगी संजय नाथ का ट्विटर हैंडल केसरिया रंग से रंगा हुआ है. मिशन बीजेपी 2019, मोदी, अमित शाह, हर हर मोदी, नमो भक्त, राष्ट्रवाद, हिंदू और फिर ये

राजनीति बलि मांगती है-

इस आखिरी ट्विट का स्क्रीनशॉट हमने आधा ही लगाया है, क्योंकि इसके साथ लगाई गई फोटोशॉप तस्वीर काफी आपत्तिजनक थी. संजय नाथ के इसी ट्वीट के बाद सामाजिक कार्यकर्ता शाहीन सैयद ने बिहार साइबर अपराध जांच इकाई में शिकायत दर्ज कराई. जिसके बाद कटिहार से योगी संजय नाथ को गिरफ्तार कर लिया गया.

नाथ की इस ट्वीट से यही बात समझ आती है कि राजनीति में प्रवेश करने वाली महिलाओं को अपने ब्लाउज से पल्लू और सूट से दुपट्टे के बीच उस छोटे से पिन का रिश्ता इतना मजबूत रखना चाहिए कि उनकी छाती का उभार कितना है, इसका अंदेशा कोई दूर-दूर तक ना लगा सके.

एक स्त्री जिसका स्त्रीत्व उसकी काया और शारीरिक संरचना से पहचाना जाता है, उसे राजनीति में उतरने से पूर्व अपने स्त्रीत्व को साड़ी की आड़ में छुपा लेना चाहिए. भूतकाल में जाके अपनी जिंस-टीशर्ट, फ्रॉक, शॉर्ट्स पहनी हुई तस्वीरों को या तो जला देना चाहिए या तो स्केचपेन से काला कर देना चाहिए. क्योंकि हमारे देश में एक स्त्री का राजनीति में प्रवेश करना एक सहज प्रक्रिया नहीं होती. हमारे देश में एक स्त्री का राजनीति में उतरना, कीचड़ में कमल के फूल खिलने जैसा है.

पुरुष प्रधान राजनीति में औरत होना असली लड़ाई

प्रियंका इस कीचड़ में खिली नई कमल हैं. इसके पहले उनकी मां सोनिया गांधी से लेकर मायावती, ममता बनर्जी, स्मृति ईरानी, जया प्रदा, वसुंधरा राजे जैसी महिला नेताएं पुरुषवादी कुंठित समाज के निशाने पर आती रही हैं. कभी इन महिलाओं को वैश्या, तो कभी शराबी की उपमा दी गई. नाथ के पुराने ट्विट्स को अगर आप देखेंगे तो इनमें ममता बनर्जी से लेकर मायावती के ऊपर भी आपत्तिजनक टिप्पणियां की गई हैं.

अभी हाल ही बॉलीवुड एक्ट्रेस और यूपी के रामपुर से सांसद रहीं जया प्रदा ने भी राजनीति में अपने अनुभव को लेकर काफी चौंकाने वाले खुलासे किए थे. जया प्रदा ने कहा था कि लोग उनके और अमर सिंह के बारे में अजीब बातें कहते हैं. अगर वो अमर सिंह को राखी भी बांध देती, तब भी लोग बातें करना बंद नहीं करते. उन्होंने कहा, 'मेरी जिंदगी में बहुत से लोगों ने मेरी मदद की है. इनमें से अमर सिंह भी एक हैं. वो मेरे गॉडफादर हैं.'

जया ने कहा कि पुरुष प्रधान राजनीति में औरत होना असली लड़ाई है. जया ने आगे कहा, 'यहां तक कि एक सांसद होने के बाद भी, मुझे बख्शा नहीं गया. आजम खान ने मुझे हैरेस किया. उन्होंने मेरे ऊपर एसिड अटैक कराने की कोशिश की. मुझे उस वक्त इस बात का कोई यकीन नहीं रहता था कि मैं अगले दिन जिंदा रहूंगी भी या नहीं.'

जया प्रदा और अमर सिंह के रिश्ते को लेकर उठने वाले बेतुके सवाल के बीच स्मृति ईरानी और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के रिश्ते को भी नहीं बख्शा गया है.

12 मार्च, 2017 - क्या स्मृति ईरानी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की दूसरी पत्नी हैं?

12 अगस्त, 2018 - मोदी और स्मृति के बीच क्या रिश्ता है?

28 दिसंबर, 2015 - बहुत लोग यह मानते हैं कि स्मृति ईरानी नरेंद्र मोदी की दूसरी पत्नी हैं.

ऊपर के तीन सवाल quora से उठाए गए हैं और अंतिम में लगाया गया वाक्य महज वाक्य नहीं, बल्कि साल 2015 में आए एक कांग्रेस के पूर्व नेता का बयान है.