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जब प्लेबॉय मैगजीन ने छापा था पंडित नेहरू का इंटरव्यू

अक्टूबर 1963 में देश के पहले प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू का प्लेबॉय मैगजीन में एक इंटरव्यू छपा था. इंटरव्यू के मैगजीन में छपते ही सनसनी मच गई

FP Staff

प्लेबॉय के फाउंडर ह्यू हेफनर का 91 साल की उम्र में निधन हो गया. प्लेबॉय मैगजीन अपने एडल्ट कंटेट की लोकप्रियता की वजह से पूरी दुनिया में मशहूर थी. हालांकि मैगजीन ने वक्त वक्त पर दुनियाभर के कुछ मशहूर शख्सियतों के गंभीर इंटरव्यू वाले कंटेट भी छापे. कई बार इस पर सनसनीखेज विवाद हुए. एक ऐसा ही इंटरव्यू जवाहरलाल नेहरू का था. प्लेबॉय मैगजीन भारत में बैन थी लेकिन उसमें जवाहर लाल नेहरू का इंटव्यू छपा.

अक्टूबर 1963 में देश के पहले प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू का प्लेबॉय मैगजीन में एक इंटरव्यू छपा था. इंटरव्यू के मैगजीन में छपते ही सनसनी मच गई. लोगों के बीच चर्चा इस बात को लेकर हो रही थी कि जो मैगजीन भारत में बैन है, उसमें नेहरू का इंटरव्यू छपा कैसे.


इस इंटरव्यू के छपते ही भारत में मैगजीन की स्मगलिंग होने लगी. बैन होने के बावजूद भारत में प्लेबॉय तीसगुनी कीमत पर मिलने लगी. इंटरव्यू की हेडिंग थी- मॉर्डन इंडिया के आर्किटेक्ट से हल्कीफुल्की बातचीत.

इंटरव्यू सवाल जवाब के फॉर्मेट में था. कुल 45 सवालों के जवाब नेहरू ने दिए थे. जिसमें भारत को लेकर उनके राजनीतिक विचार शामिल थे. इंटरव्यू में नेहरू ने परमाणु उर्जा को जरूरी बताया था और भारत की सुरक्षा जरूरतों के लिए परमाणु बम की वकालत की थी. नेहरू ने कहा था कि उन्हें भरोसा है कि भारत प्रगति के पथ पर आगे बढ़ेगा और उद्योगों से लेकर दूसरे क्षेत्रों में देश विकास करेगा.

हालांकि इसके बाद इंटरव्यू पर खासा विवाद हुआ. भारतीय उच्चायोग ने प्लेबॉय को पत्र लिखा कि जब नेहरू ने मैगजीन को इंटरव्यू दिया ही नहीं तो ये छपा कैसे. पत्र में लिखा गया कि इंटरव्यू लेने वाले ने नेहरू के पब्लिक स्पीच और दूसरे पब्लिकेशन में छपे उनके भाषणों को कॉपी पेस्ट के जरिए एक जगह इकट्ठा करके इंटरव्यू का शक्ल दे दिया है.

इसके जवाब में प्लेबॉय ने अपने इसी एडिशन के आखिरी संस्करण में तीसरे पेज पर सफाई प्रकाशित की. मैगजीन ने लिखा कि इस इंटरव्यू को एक मशहूर शख्सियत से खरीदा गया है. इस शख्सियत ने पूर्व में भी दुनिया के कई नामचीन लोगों के इंटरव्यू किए हैं. मैगजीन ने लिखा कि उनके पास इंटरव्यू की हॉर्ड कॉपी और उसका ऑडियो टेप मौजूद है. हालांकि बाद में जब अथॉरिटी ने इंटरव्यू लेने वाले के बारे में पड़ताल की तो ऐसा कोई शख्सियत मिला ही नहीं.

इस विवादस्पद मामले के बाद एक ऐसा ही इंटरव्यू पंडित नेहरू के नाती राजीव गांधी का भी आया. राजीव गांधी ने यह इंटरव्यू पेंटहाउस मैगजीन को दिया था. पेंटहाउस भी एडल्ट मैगजीन है. यह इंटरव्यू जनवरी 1987 में किया गया था. इस मैगजीन ने भी राजीव गांधी की तरफ कई नकारात्मक सवाल खड़े कर दिए थे.

कुछ साल पहले 2012 में प्लेबॉय भारत में अपना बिजनेस बढ़ाना चाहता था. इसी क्रम में प्लेबॉय ने भारत में होटल, रिसॉर्ट, कैफे और बार खोलने की इच्छा जाहिर की थी. इनकी कुल संख्या 120 थी. कंपनी का उद्देश्य पहले गोवा के बीच पर ऐसे बार खोलने का था. लेकिन 2013 में कुछ महीने बाद राज्य सरकार ने कंपनी की इस मांग को ठुकरा दिया. विरोधियों के द्वारा घेरे गए गोवा के उस वक्त के मुख्यमंत्री मनोहर पर्रिकर ने अपने बचाव में कहा कि बार के लाइसेंस किसी कंपनी को नहीं दिए जाएंगे. यह सिर्फ व्यक्ति को मिल सकता है.

(नोट: फीचर इमेज यूट्यूब चैनल सोशल के वीडियो का स्क्रीनग्रैब है )