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सचिन देव बर्मन: राजपाट छोड़ सुरों की विरासत में आया राजकुमार

सचिन देव बर्मन के गानों में बीच का संगीत अक्सर बाकी गाने से अलग होता है

FP Staff

एसडी बर्मन त्रिपुरा के राजकुमार थे. संगीत का शौक ऐसा दिल पर चढ़ा कि सुर लय ताल के राजकुमार भी बन गए. क्रिकेट के भगवान सचिन तेंदुलकर का नाम भी सचिन दा के नाम पर रखा गया है. केसी डे, उस्ताद अलाउद्दीन खान जैसे दिग्गजों से संगीत की तालीम लेने वाले बर्मन दा के संगीत में कुछ खास बाते हैं. मसलन उनके कई गानों में दो अंतरों के बीच का संगीत बाकी गाने से अलग होता है. इसी तरह बर्मन दा अपने गानों में दीपचंदी, रूपक और दादरा जैसी शास्त्रीय ताल को बखूबी इस्तेमाल करते हैं.

एसडी बर्मन ने अपने गानों कई प्रयोग भी किए जैसे गाइड फिल्म का गाना कांटों से खींच कर आंचल शायद पहला ऐसा गाना है जो मुखड़े के बजाए अंतरे से शुरू होता है. हालांकि बर्मन दा ने हमेशा अपनी शर्तों पर काम किया. पेइंग गेस्ट फिल्म के दौरान लता मंगेशकर के साथ विवाद हुआ तो कई साल तक लता के साथ काम नहीं किया. इसी तरह किस्सा मिलता है कि एक बार रिकॉर्डिंग के दिन बारिश के चलते जब कोई म्यूजीशियन नहीं आया तो एक-एक कर के सारे इंस्ट्रूमेंट खुद बजाए और रिकॉर्ड करते गए और अकेले ही पूरा म्यूजिक ट्रैक बना लिया.


रवींद्र संगीत की धुन को अभिमान फिल्म में ’तेरे मेरे मिलन की ये रैना’ के तौर पर इस्तेमाल करने के चलते उन्हें आलोचनाओं का सामना भी करना पड़ा और गाइड के लिए कोई अवॉर्ड न दिए जाने पर उनके पक्ष में सहानुभूति भी रही. बर्मन दा इन सबसे परे बस बर्मन दा थे.

उनके गाने फिल्म की थीम से गहरे तक मिल जाते हैं. गाइड के गानों में राजू गाईड के जीवन की बदलती फिलॉसफी और रोज़ी के डांस की कलात्मक्ता को उन्होंने बखूबी सुरों में पिरोया है. इसी तरह से बंदिनी, चलती का नाम गाड़ी और अभिमान जैसी फिल्मों की कहानी को बढ़ाने में संगीत अहम किरदार निभाता है. और आराधना में खुली जीप मेरे सपनों की रानी को तलाशते सुपर स्टार राजेश खन्ना की आमद कौन भूल सकता है.

एसडी बर्मन ने जिस खूबी के साथ बाउल और भटियाली लोक संगीत को अपनी कंपोजीशन में इस्तेमाल किया शायद ही कोई दूसरा कर पाया हो. सुनते हैं उनके कुछ रचे गए कुछ गाने.

मेरे सपनों की रानी कब आएगी तू

वहां कौन है तेरा

एक लड़की भीगी भागी सी

मन की किताब से तुम मेरा नाम ही मिटा देना

मीत न मिला रे मन का