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रॉडरीगेज़: संगीत की दुनिया में इससे रोमांचक कहानी नहीं है

इस म्यूज़ीशियन जैसी कहानी शायद दुनिया में कोई और नहीं हो सकती

Animesh Mukharjee

पाकिस्तान के मशहूर गायक अताउल्ला खान से जुड़ी अफवाहें तो हम सब ने सुनी होंगी. लेकिन दुनिया में एक म्यूज़ीशियन ऐसा भी हुआ है जिसकी कहानी जैसी शायद दुनिया में कोई और कहानी नहीं हो सकती.

अमेरिका में पैदा हुए रॉक म्यूज़ीशियन सिक्स्टो रॉडरीगेज़ की किस्मत को पता नहीं क्या कहा जाएगा. उन्होंने अपनी जिंदगी का लंबा हिस्सा बतौर मजदूर इमारतों में काम करते हुए गुजार दिया, जबकि उस दौरान दुनिया में कहीं और उन्हें दुनिया का गुमनाम महानतम रॉक स्टार माना जा रहा था.


वो अगला बॉब डिलन हो सकता था

1966 की सर्दियों में अमेरिका के डेट्रॉयट शहर के एक बार में एक आदमी गाने गा रहा था. गानों में सियासत की बातें थीं. सिस्टम पर गहरे तंज थे. उस बार में दो म्यूजिक प्रोड्यूसर भी बैठे थे. उन्हें लगा कि उन्हें अगला बॉब डिलन मिल गया है. जिसके गानों में बेहतरीन गायकी के साथ-साथ बेजोड़ कविता भी थी. फिर क्या था, कॉन्ट्रैक्ट साइन किया और एल्बम निकाल दिया. 'सर्चिंग फॉर द सुगर मैन' के एक गाने की बानगी आप भी देखिए.

मेयर अपराध के आंकड़े छिपा रहा है.

काउंसिल की औरतें हिचकिचा रही हैं,

जनता चिढ़ती है पर वोट की तारीख भूल गई...

हर कोई विरोध प्रदर्शन कर रहा है,

मगर बॉयफ्रेंड कह रहा है कि तुमसा कोई नहीं...

बंदूकों की बिक्री बढ़ रही है,

हाउस वाइफ की जिंदगी बोरिंग हो रही है,

शादी से तलाक और तंबाकू से कैंसर होता है...

लड़कियों की मिनी स्कर्ट सबसे फ्लर्ट करती है,

मैं बंदिश नहीं लगा सकता तो तो मुझे आहत करती है...

एल्बम आया और बुरी तरह फ्लॉप हुआ. लोगों को लगा कि मार्केटिंग वगैरह में कमी रह गई होगी. एक और एल्बम आया ‘कोल्ड फैक्ट’ के नाम से. दूसरे एल्बम की और बुरी दशा हुई. शायद 100 कैसेट भी उस समय नहीं बिकी हों. कंपनी ने कॉन्ट्रैक्ट खत्म कर दिया. 1973 तक रॉडरीगेज़ ने रॉक स्टार बनने के ख्वाब छोड़ दिए. 50 डॉलर का एक पुराना घर खरीदा और मजदूरी करने लगा.

तीसरी दुनिया उसके इंतजार में थी

एल्बम निकालने वाली कंपनी ने बाकी कैसेट ऑस्ट्रेलिया और अफ्रीका भेज दीं. ऑस्ट्रेलिया में दोनों एल्बम को ठीक-ठाक सफलता मिली. मगर अफ्रीका में रॉडरीगेज़ सुपर स्टार का दर्जा मिला गया. कंपनी रॉडरीगेज़ का करार खत्म कर चुकी थी तो उसने रॉयल्टी बचाने के लिए रॉडरीगेज़ की पहचान छिपा ली. अफ्रीका में जैसे-जैसे रंगभेद के खिलाफ आंदोलन बढ़ा, रॉडरीगेज़ के गानों का क्रेज़ बढ़ता गया. मगर एल्बम के कवर पर छपी एक तस्वीर के अलावा इस सुगरमैन की कोई पहचान नहीं थी.

सुगरमैन की तलाश शुरु हुई

आवश्यक्ता की तरह उत्सुकता भी कल्पनाशीलता की जननी होती है. 90 का दशक आने तक अफ्रीका में ये गाने लोगों को रट चुके थे. लोगों को लगता कि रॉडरीगेज़ भी एल्विस, बीटल्स, बॉब डिलन की लीग का ही एक लेजेंड है.

कुछ लोगों ने अपने अमेरिकी दोस्तों से रॉडरीगेज़ के बारे में पूछा तो वो कुछ नहीं बता पाए. रॉडरीगेज़ के दीवानों को लगा कि शायद इस सुपर स्टार की भी कम उमर में मौत हो चुकी हो. इसके बाद मौत को लेकर कई कहानियां चल निकली. किसी ने कहा कि वो ड्रग ओवर से मर गया, किसी का मानना था कि स्टेज पर खुद को गोली मार ली.

बात इतनी बढ़ी कि 1997 में स्टीफन ‘सुगर’ सेगरमैन ने ठान लिया कि पूरी दुनिया का चक्कर लगाकर भी पता करना पड़े तो पता करूंगा. गानों में रिफरेंस तलाशे गए. पता चला कि अमेरिका के डेट्रॉयट के कुछ खास इलाकों का ज़िक्र आया है. इस बीच नए-नवेले इंटरनेट की भी मदद ली गई.

एक दिन स्टीफन के पास मेल आया कि आप जिस गाने की बात कर रहे हैं वो मेरे पिता ने लिखा है. अफ्रीका में बैठे स्टीफन ने तय किया कि अमेरिका जाकर पता करेंगे, दावा सच्चा है या झूठा. अमेरिका पहुंचने पर एल्बम निकालने वाली कंपनी से उसके प्रोड्यूसर का पता मिल गया.

स्टीफन प्रोड्यूसर के पास पहुंचे और पूछा, रॉडरीगेज़ कैसे मरा?

किसने कहा वो मर गया? वो तो बिलकुल ठीक है.

प्रोड्यूसर का जवाब सुनकर स्टीफन को क्या लगा होगा कल्पना करिए.

मगर सबकुछ इतना आसान न था

गाने के शौकीन एक दिहाड़ी मजदूर से कोई कहे कि दुनिया के दूसरे हिस्से में लोग तुम्हें संगीत का भगवान मानते हैं तो क्या होगा. रॉडरीगेज़ को लगा कि कोई उनके पुराने शौक का मज़ाक उड़ा रहा है. ऐसा भी भला होता है क्या.

खैर, जब रॉडरीगेज़ को सच का यकीन हुआ तो एक नई मुसीबत सामने थी. अफ्रीका में सबका मानना था. कि स्टीफन किसी बहरूपिए को पकड़ लाए हैं. ये आदमी तो दो दशक पहले मर चुका है.

अभूतपूर्व स्वागत

रॉडरीगेज़ का कॉन्सर्ट केपटाउन में तय हुआ. अभूतपूर्व स्वागत हुआ. रॉडरीगेज़ के स्वागत में हवाई जहाज से एयरपोर्ट के गेट तक सफेद कालीन बिछा. अमेरिका से उड़ान भरने वाले एक मज़दूर के कदमों के छाप जब सफेद कालीन पर पड़े तो वो एक लेजेंड रॉक स्टार के फुट प्रिंट थे.

खचाखच भरे स्टेडियम में रॉडरीगेज़ ने माइक पकड़ कर जैसे ही कहा ‘सुगर मैन’ जनता पागल हो गई. जिस आवाज़ को वो दशकों से सुनते आए तो वो उनके सामने साक्षात थी. इसके बाद भीड़ शब्द दर शब्द सारे गाने दोहराती रही.

फिर सब कुछ पाकर भी सब छोड़ दिया

रॉडरीगेज़ ने इसके बाद कुछ सालों तक अफ्रीका में कई कॉन्सर्ट किए. 2012 में उनके ऊपर बनी डॉक्यूमेंट्री ‘सर्चिंग फॉर द सुगरमैन’ आई. इस फिल्म के ज़रिए दुनिया ने रॉडरीगेज़ को जाना. फिलहाल 74 साल का ये रॉक स्टार बीच-बीच में कॉन्सर्ट करता है और ढेर सारे पैसे कमाकर अपने बच्चों को बांट देता है. खुद उसी 50 डॉलर के घर में रहता है जहां न टीवी है, न कार, न फोन और न ही कम्प्यूटर.

रॉडरीगेज़ ‘सर्चिंग फॉर द सुगरमैन’ के लिए ऑस्कर रिसीव करने भी नहीं गए. जिस समय उनका कोडक थिएटर के स्टेज पर उनका नाम पुकारा जा रहा था, वो सो रहे थे. उनके अब के व्यवहार से लगता है कि किस्मत के खेल ने रॉडरीगेज़ को कबीर के उस दोहे का मर्म समझा दिया है जिसमें वो कहते हैं, ‘माया महा ठगिनी हम जानि’. आप वो वीडियो देखिए जिसमें रॉडरीगेज़ पहली बार अफ्रीका की जनता के सामने हैं.