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शौक के लिए 24 साल से नहीं कटवाए बाल

तकनीक से कदमताल करने वाले सकलदेव स्मार्टफोन और इंटरनेट के हैं शौकीन

FP Staff

दुनिया में लोगों के अजब-गजब शौक होते हैं.  इस शौक को पूरा करने के लिए लोगों को खासी मेहनत और त्याग भी करना होता है. एक ऐसे ही शौकीन हैं बिहार के सकलदेव टुड्डु जिन्होंने अपनी शौक के लिए एक दो नहीं बल्कि पूरे 24 सालों से बाल नहीं कटवाए और न ही संपूर्ण  स्नान किया है.

24 सालों से नहीं किया स्नान 


सकलदेव टुड्डू को अपने सिर पर लंबे बाल रखने का शौक था फिर बाल ने धीरे-धीरे जटा का रूप ले लिया. 6 फीट लंबी जटा रखने के शौक में उन्होंने करीब 24 साल से स्नान नहीं किया. अब हम और आप सोच रहे होंगे की सकलदेव आधुनिकता से कटे कोई पुरातनपंथी होंगे लेकिन वो नई तकनीक से कदमताल कर चलने वाले बुजुर्ग हैं.

वो स्मार्टफोन पर चैटिंग करते हैं तो इंटरनेट के भी यूजर हैं. सकलदेव बिहार के मुंगेर जिला अंतर्गत टेटिया प्रखंड में एक गांव है 'ढंगडा' में रहते हैं. 56 साल के टुड्डु अपनी दिनचर्या के हिसाब से सारे काम करते हैं, लेकिन स्नान नहीं करते. उन्होंने पिछले कई सालों से बाल भी नहीं कटवाए जिस कारण उनके सिर पर जटाओं का बड़ा गुच्छा लटक गया.

'शिव'अवतार और 'महात्मा' के नाम से जाने जाते है सकलदेव

जटा के कारण इलाके में उन्हें 'शिव' का अवतार और 'महात्मा' बुलाया जाता है. सकलदेव के अनुसार जब वे 22 साल के थे, तब किसी कारणवश एक साल तक बाल नहीं कटवा सके थे. उस दौरान बालों में जटाएं बनने लगी थीं. जटा होते देख ग्रामीण उन्हें भगवान शिव का रूप मानने लगे.  लोगों की श्रद्धा के कारण तब से आज तक न तो सिर से नहाए, न ही बाल कटवाए.

जटा होने के बाद से ही सकलदेव शुद्ध शाकाहारी भोजन करते हैं और सात्विक जीवन गुजारते हैं. पहले मांस खाते थे, लेकिन अब उसे छोड़ चुके हैं. जीविकाेपार्जन के लिए उनके पास वन विभाग की नौकरी का सहारा है. शुरूअाती दौर में साल में कभी-कभी बड़ी मुश्किल से संपूर्ण स्नान करते थे तो बाल सुखाने में परेशान हो गए तब से यह सिलसिला भी बंद हो गया.

ग्रामीण भले ही सकलदेव को महात्मा मानें लेकिन वे खुद को साधारण इंसान मानते हैं. जब भी कोई बीमारी या समस्या होती है लोग सकलदेव के पास आते हैं. वे उन्हें समझाते और आशीर्वाद देते हैं.

(न्यूज 18 इंडिया के लिए अरुन कुमार शर्मा की रिपोर्ट)