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आखिरी नॉर्दन सफेद गैंडा: हमारी जरूरतें पूरा करते-करते अकेला रह गया 'सूडन'

आज हम विकास पर इतना फोकस हो चुके हैं कि इसके चक्कर में दुनिया से एक और प्रजाति विलुप्त होने को है.

Subhesh Sharma

हम अक्सर पर्यावरण को बचाने की बातें टीवी, रेडियो और बड़े-बड़े मंचों पर सुनते रहते हैं, लेकिन कभी ये नहीं सोचते कि इस पर्यावरण को तभी बचाया जा सकता है, जब हम इंसानों के अलावा दुनिया में मौजूद अन्य जीव-जंतुओं की सेफ्टी का भी पूरा ध्यान रखें.

आज हम विकास पर इतना फोकस हो चुके हैं कि इसके चक्कर में दुनिया से एक और प्रजाति विलुप्त होने को है. मैन-ईटर्स का नाम आते ही लोगों में डर की लहर दौड़ जाती है, लेकिन मेरी समझ से सबसे बड़े कातिल तो हम हैं, जो एक के बाद एक इस दुनिया से उसके अनमोल रत्न छीनते जा रहे हैं.


आपको जानकर हैरानी होगी कि गैंडे जैसी मशहूर प्रजाति जल्द ही हमको 'बाय-बाय' कह देगी. पूरी दुनिया में पिछले काफी समय से गैंडा एक संकटग्रस्त प्रजाति की श्रेणी में है.

ऐसा नहीं है कि गैंडे को बचाने के लिए कैंपेन नहीं चलाए गए या फिर उनके लिए प्रोटेक्टिव हैबिटैट नहीं बनाया गया, लेकिन इतना कुछ करने के बाद भी आज पूरी दुनिया में नॉर्दन व्हाइट राइनो के वंश को आगे बढ़ाने का सारा बोझ, एक मात्र 'सूडन' के कमजोर घुटनों पर है.

इसलिए ये कहना गलत नहीं होगा कि आने वाली जनरेशन के लिए गैंडे किसी डायनासोर से कम नहीं होंगे, जिन्हें सिर्फ किताबों में और मूवीज में ही देखा जा सकेगा.

कौन है सूडन

सूडन इन दिनों काफी चर्चा में है और हो भी क्यों न, जनाब अपनी प्रजाति के आखिरी 'मेल' जो हैं. गैंडे के सींग की बढ़ती मांग को पूरा करने को लेकर आज सूडन अपनी ही दुनिया में अकेला रह गया है. करीब 43-44 साल के इस गैंडे का केन्या के ओल पेजेटा कंजरवेंसी में खूब ख्याल रखा जाता है.

यही नहीं सिक्योरिटी के नाम पर इसके साथ गनमैन भी तैनात रहते हैं, लेकिन अब इस सबका क्या फायदा, क्योंकि सूडन की उम्र इतनी हो चुकी है कि उसमें अपने वंश को आगे बढ़ाने की क्षमता नहीं रही है.

सूडन के अलावा नॉर्थन सफेद गैंडों के नाम पर दो मादा गैंडे और जीवित हैं और इन्हें भी शिकारियों से बचाने के लिए पूरी चौकसी में रखा गया है.

नहीं रहा दम

गैंडा एक मजबूत और विशाल जानवर है और इसके सामने आने पर अच्छे-अच्छे घबराते हैं, लेकिन बेचारे सूडन की हालत खस्ता है. सूडन की देखभाल करने वालों का कहना है कि 43 वर्षीय इस गैंडे के पिछले पैरों में अब इतनी शक्ति नहीं बची है कि ये मादाओं के साथ ब्रीडिंग कर सके और न ही इसका स्पर्म काउंट इस काबिल है, जिससे इस संकटग्रस्त प्रजाति के वंश को बचाया जा सका.

ये सब देखते हुए ये तो मान ही लेना चाहिए की अब नेचुरल प्रोसेस के जरिए भी सफेद गेंडों को बचा पाना बड़ा मुश्किल है.

कितने प्रकार होते हैं गेंडे

1960 के दशक में पूरी दुनिया में करीब हजारों नॉदर्न सफेद गैंडे आजादी से घूमते थे, लेकिन उनके सींग की बढ़ती मांग के चलते पता ही नहीं पड़ा कि कब ये बेमिसाल जानवर इस दुनिया से विलुप्त होने की कगार पर आ खड़ा हुआ.

आपको बता दें कि दुनिया भर में गैंडों की कई प्रजातियां हैं जैसे, सफेद गैंडा, काला गैंडा, भारत और नेपाल में पाया जाने वाला एक-सींग वाला गैंडा, सुमात्रन गैंडा, जावा में पाए जाने वाला छोटा गैंडा, लेकिन इन सभी में एक बात जो कॉमन है वो ये है कि इनका भविष्य हम इंसानों के राज में सुरक्षित नहीं है.

क्या कहते हैं आंकड़े

आंकड़ों पर नजर डालें तो अफ्रीका में सबसे ज्यादा वर्ष 2014 में करीब 1,215 गैंडों का शिकार किया गया था, जबकि 2015 में करीब 750 गैंडों को मौत के घाट उतार दिया गया था. भारत और नेपाल में भी गैंडों की हालत अच्छी नहीं है, यहां के जंगलों में करीब तीन हजार से कुछ ज्यादा ही एक सींग वाले गैंडे बचे हैं.