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मकर संक्रांति 2019: इस दिन भूलकर भी न करें ये 6 काम, जिंदगी भर रहेगा पछतावा

मान्यता है कि यही वो समय है जब सूर्य अपने पुत्र शनि से मिलने आते हैं. इस समय को किसी भी शुभ काम की शुरुआत के लिए अच्छा माना जाता है

FP Staff

मकर संक्रांति के दिन सूर्य उत्तरायण होता है. इस दिन पूजा-पाठ और दान करने का विशेष महत्व होता है. कहा जाता है इस दिन दान करने से उसका फल कई गुना ज्यादा हो जाता है. मान्यता है कि यही वो समय है जब सूर्य अपने पुत्र शनि से मिलने आते हैं. इस समय को किसी भी शुभ काम की शुरुआत के लिए अच्छा माना जाता है. यह दिन काफी शुभ माना जाता है. हालांकि ऐसे भी बहुत काम हैं जिन्हें करने के लिए मनाही की जाती है. लोगों का मानना है कि इस दिन कुछ गलत काम करने से जिंदगी भर उसका भुगतान करना पड़ता है. आइए जानते हैं उन कार्यों के बारे में जो संक्रांति के दिन भूलकर भी नहीं करने चाहिए.

न काटें पेड़ पौधे


मकर संक्रांति के दिन किसी पेड़ पौधे की कटाई-छंटाई भी नहीं करनी चाहिए. कहते हैं ऐसा करने से बुरा होता है. वहीं इस दिन महिलाओं को बाल धोने से बचना चाहिए. साथ ही पुण्यकाल में दांत साफ नहीं करने चाहिए.

न करें नशा

मकर संक्रांति के दिन किसी भी तरह के नशा जैसे सिगरेट, शराब, गुटका आदि से खुद को दूर रखना चाहिए. इसके अलावा मसालेदार भोजन का सेवन भी नहीं करना चाहिए. इस दिन तिल और मूंग दाल की खिचड़ी का सेवन करना अच्छा माना जाता है.

न दूहें गाय-भैंस

अगर आप घर में गाय या भैंस पालते हैं तो मकर संक्रांति के दिन उनका दूध नहीं दुहना चाहिए. ऐसा करना अमंगल की निशानी है.

मांस का न करें सेवन

इस दिन गलती से भी लहसुन, प्याज और मांस का सेवन नहीं करना चाहिए. इसके अलावा अपनी वाणी को भी पवित्र रखना चाहिए. किसी तरह के अपशब्दों का प्रयोग न करें और न ही गुस्सा करें. सभी के साथ मधुरता से पेश आएं.

नहाने से पहले चाय का न करें सेवन

बहुत सारे लोगों को आदत होती है कि वह सुबह उठकर बिस्तर पर ही चाय पीते हैं. अगर आप उन लोगों में से हैं तो कम से कम मकर संक्रांति के दिन ऐसा बिल्कुल न करें. वैसे तो इस दिन गंगा या किसी अन्य नदी में स्नान और दान करके ही कुछ खाना चाहिए लेकिन अगर आपके आस-पास कोई नदी नहीं है तो आप घर पर ही नहाकर दान कर उसके बाद खाना खाएं.

किसी को खाली हाथ न लौटाएं

मकर संक्रांति के दिन अगर आपके घर पर कोई भिखारी, साधु या बुजुर्ग आता है तो उसे घर से खाली हाथ न जाने दें. आपसे जो कुछ हो सके उसके अनुसार ही उसे कुछ न कुछ दान देकर विदा करें क्योंकि इस दिन दान का बहुत महत्व होता है. एक बात का ख्याल रखें, दान में देने के लिए अगर तिल का कोई भी सामान हो तो और भी अच्छा होगा.