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Kiss Day: वेदों में किस का मिलता है पहला जिक्र, पश्चिम ने हमसे सीखा

1933 में आई फिल्म में देविका रानी और हिमांशू रॉय का सिनेमा के पर्दे पर 4 मिनट लंबा लिपलॉक था

Animesh Mukharjee

वैलेंटाइन वीक में किस डे आता है. 14 फरवरी से ठीक एक दिन पहले यानी 13 फरवरी को. इस किस डे पर भारतीय संस्कृति की रक्षा करनेवाले सक्रिय होना शुरू कर देते हैं. ये सक्रियता 14 फरवरी को चरम पर पहुंचती है. मगर जिस किस को लोग भारतीय संस्कृति और पाश्चात्य सभ्यता की दुहाई का बहाना बनाते हैं. जिस किस के चलते टीवी के चैनल बदल दिए जाते हैं वो दरअसल भारत की दुनिया को देन हैं.


कई तरह का है किस

भारत और किस का कनेक्शन जानने से पहले जान लीजिए कि किस कई तरह का होता है. मसलन फोरहेड किस कोई बड़ा किसी छोटे को आशीर्वाद के तौर पर करता है. गाल पर किस अक्सर बच्चों को प्रेम के तौर पर किया जाता है. फिल्मों मे जिस किस की चर्चा होती है उसे फ्रेंच किस, स्मूच या लिप-लॉक कहते हैं. इसलिए किस कहने पर कई तरह के किस की बात हो सकती है.

किस का भारत कनेक्शन

किस का सबसे पहला लिखित जिक्र वेदों में आता है. इसके बाद इसका जिक्र महाभारतकालीन संस्कृत साहित्य में मिलता है. येल यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर ई वॉशबर्न हॉपकिंस का रिसर्च पेपर 'स्निफ किस इन इंडिया' कहता है कि किस बहुत समय तक कई सभ्यताओं में अनजाना रहा. मगर भारतीय संस्कृति में इसका जिक्र मिलता है.

इस पेपर के अनुसार ये किस सूंघकर होता था. मतलब कोई बड़ा अपने से छोटे के लिए प्रेम दिखाने के लिए उसके चेहरे के पास अपनी नाक लेकर आता था, 'जैसे गाय अपने बछड़े को सूंघत कर पहचानती है.' मगर इस किस में कहीं भी होंठ शामिल नहीं थे.

इसके 500-1000 साल बाद के श्लोक में होठों का जिक्र आने लगता है. कामसूत्र में तो कई तरह के चुंबनों का वर्णन है. यहां चूमना स्नेह के साथ-साथ 'प्रेम' प्रदर्शित करने का तरीका बन गया.

कैसे पश्चिम पहुंचा किस

अंग्रेजी का किस शब्द लैटिन के बेसियम से बना है. बेसियम से किस बनने में ये शब्द बस्स और कस बना. टेक्सास यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर वॉग्हन ब्रायन्ट मानते हैं कि ये शब्द भारतीय शब्द 'कस' और 'बुसा' से आए. उर्दू में अभी भी किस के लिए बोसा शब्द इस्तेमाल होता है.

किस को पश्चिम में सिकंदर ने पहुंचाया. सिकंदर के हमले के बाद उत्तर भारत से ये 'प्रथा' पश्चिम में पहुंची. और समय के साथ उनकी होकर रह गई.

भारत में एक ओर जहां कामसूत्र सार्वजनिक स्थानों पर प्रेम दिखाने का जरिया किस को बताता है. वहीं आज पार्क में साथ बैठने और हाथ पकड़ने को भी गलत माना जाने लगा है. इसके पीछे तमाम धारणाएं हैं. और ज्यादातर पिछले दो दशक से भी कम समय में बनाई गई हैं.

फिल्म कर्मा में हिमांशू रॉय देविका रानी

उदाहरण के लिए फिल्मों में किस सीन. ये चलन हिंदी सिनेमा में नया नहीं है. भारतीय सिनेमा में किस 1929 से शुरू हो गया था. 'थ्रो ऑफ डाइस' पहली किस सीन वाली फिल्म है. 1933 में देविका रानी और हिमांशू रॉय का पर्दे पर 4 मिनट लंबा लिपलॉक था. देविका और हिमांशु असल जिंदगी में पति पत्नी थे. इसके बाद धीरे-धीरे किस सेंसर बोर्ड के चलते पर्दे से गायब होता गया और 1990 के दशक के बाद वापस भी आ गया.

दुनिया भर के किस

आज दुनिया भर में किस को मोटे तौर पर तीन तरह से देखा जाता है. पश्चिम के लिए किस का सार्वजनिक प्रदर्शन सहज है. शादी की रस्म पूरी करने के लिए हो या किसी के प्रति सहज स्नेह करने के लिए या प्रेम प्रदर्शन चुम्बन पश्चिम के लिए सहज है.

भारत और दूसरे देशों में किस को इरॉटिका के अर्थ में ही लिया जाता है और ये सार्वजनिक जगहों पर लगभग प्रतिबंधित है. मुस्लिम देशों जैसे ईरान में ये पूरी तरह प्रतिबंधित है. यहां किसी महिला को चूमना या छूना लोगों को जेल पहुंचा सकता है.

अभिशाप का चुंबन

तमाम तरह के किस अच्छे अर्थों में ही लिए जाते हैं. मगर एक किस ऐसा भी है जिसे अभिशाप से कम नहीं माना जाता. 'किस ऑफ जूडस' दुर्भाग्य का प्रतीक है. ईसा मसीह के शिष्यों में से एक जूडास ने उन्हें किस किया. ये एक गुप्त संकेत था. इसी के चलते सैनिकों ने जीजस को भीड़ में पहचान लिया. जिसके बाद उन्हें क्रॉस पर लटका दिया गया.

खैर, कुछ चीज़ें समझने और महसूस करने की होती हैं. प्रेम भी ऐसा ही है. किसी एक तरह के रिश्ते को प्रेम में बांधना गलत है. इसके अलावा भी आपने खिलाड़ियों को अपना मेडल और ट्रॉफी चूमते देखा होगा क्या वो अश्लील या गलत है? अगली बार जब किस शब्द सुनें तो कोशिश करिएगा कि थोड़ा अलग तरह से सोचें.