आपको भी लगता है गाड़ी, ड्राइविंग, ऑटोमोबाइल ये सब लड़कों की बाते हैं. इनका लड़कियों से कुछ लेना-देना नहीं. ये बात गलत है. अगर महिलाएं नहीं होतीं तो आपका गाड़ी चलाना शायद आज न सुरक्षित होता, न आरामदेह. आधुनिक ऑटोमोबाइल इंडस्ट्री में तमाम ऐसे आविष्कार हैं जिनको महिलाओं ने बनाया.
सीधे-साधे तरीके से कहें तो कार बनाई भले ही आदमी ने हो मगर उसमें सेफ्टी के इंतज़ाम औरतों ने किए. आइए नजर डालते हैं ऐसे ही कुछ आविष्कारों और घटनाओं पर.
कार के वाइपर
अगली बार जब भी तेज बारिश हो और वाइपर ऑन करें, तो मैरी एंडर्सन का शुक्रिया जरूर अदा करिएगा. मैरी ने कार का पहला वाइपर बनाया. इसके लिए कार के अंदर एक लीवर होता था जिसे घुमाकर विंड शील्ड साफ की जा सकती थी. मैरी 1905 में इस आविष्कार को लेकर कैनेडा गईं तो लोगों ने कहा कि ये वाहियाद आइडिया है और इसमे कोई पैसे नहीं लगाएगा. 1916 में जाकर ये वाइपर स्टैंडर्ड बने.
इंडीकेटर और ब्रेक लाइट
इंडीकेटर और ब्रेक लाइट रोड सेफ्टी और ड्राइव करने के सबसे बेहतरीन इन्वेंशन्स में से हैं. इनकी शुरुआत भी एक औरत ने की थी. हॉलीवुड की साइलेंट फिल्मों कि स्टार फ्लोरेंस लॉरेंस ने जब 1913 में अपनी पहली कार खरीदी तो उसमें 'ऑटो सिग्नलिंग आर्म' लगाया. इसमें ड्राइवर एक बटन दबाता था और एक सिग्नल लिख कर आता था, लेफ्ट, राइट या स्टॉप. फ्लोरेंस ने अपने आइडिया को पेटेंट नहीं करवाया. ऑटो इंडस्ट्री ने इसे कॉपी किया और इसका कोई क्रेडिट कभी फ्लोरेंस को नहीं दिया.
कार हीटर
1893 में मार्ग्रेट विलिकॉक्स ने कार हीटर बनाया. विलिकॉक्स एक मैकेनिकल इंजीनियर थीं. उन्होंने इंजन से निकलने वाली गर्मी को ही इस्तेमाल कर शुरुआती कारों को गर्म रखने का इंतज़ाम किया.
ब्रेक पैड्स और मल्टिपल गियर
मशहूर कार ब्रैंड मर्सिडीज़ बेंज की शुरुआत करनेवाले कार्ल बेंज़ की पत्नी बेर्था बेंज़ ने कारों में कई सुधार किए. वो अपने बच्चों को लेकर क्रॉस कंट्री टेस्ट ड्राइव पर गईं ताकि लोगों को कारों की सुरक्षा पर भरोसा हो. उन्होंने ब्रेक शू में अंदर पैड्स लगाए और पहाड़ों के लिए गाड़ी में अलग से गियर फिट किए ताकि पहाड़ पर भी गाड़ियां अच्छे से चलें.