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अलविदा 2017: वो साल जब सवा सौ करोड़ लोग बस आहत होते रहे!

शाहिद कपूर की पत्नी मीरा घर पर हाउस वाइफ बनकर रहना इसलिए पसंद करती हैं कि उनका बच्चे कुत्ते के बच्चे की तरह पलें

Swati Arjun

साल 2017 बस जाने को है और 2018 के आने में बस कुछ ही घंटों की देर है. लेकिन जाते-जाते एक बार फिर एक भारतीय महिला ने वो कर दिया जो उसे नहीं करना था या वो जो वो इस जाते हुए साल में लगातार करती रही. 130 बिलियन भारतीयों की भावनाओं को आहत!

शुरुआत उनसे करते हैं, जिनके जिक्र से हमारी बात शुरू हुई, यानी अभिनेत्री प्रियंका चोपड़ा. अंतर्राष्ट्रीय पब्लिशिंग हाउस पेंग्विन ने अपने भारतीय संस्करण यानि पेंग्विन रैंडम हाउस इंडिया ने अपने ऐनुअल लेक्चर के लिए आमंत्रित किया, जिसे प्रियंका ने स्वीकार भी किया और बखूबी निभाया भी, लेकिन इससे बुद्दिजीवियों का एक वर्ग नाराज हो गया. जिनके मुताबिक, चूंकि प्रियंका चोपड़ा एक अभिनेत्री हैं और उनकी साख चाहे एक ग्लोबल आईकन की ही क्यों न हो, लेकिन पढ़ने-लिखने वालों की इस दुनिया में जहां इससे पहले इस प्रतिष्ठित आयोजन के लिए अमर्त्य सेन, रामचंद्र गुहा, एपीजे अब्दुल कलाम, दलाई लामा और अमिताभ बच्चन को मौका दिया गया. वहां आखिर अरुंधती रॉय और अनुराधा रॉय के होते प्रियंका चोपड़ा क्यों? लेकिन प्रियंका तो ठहरीं प्रियंका, उन्हें भला क्या रोक सकता है. वो वहां गईं. अपना भाषण दिया और सोशल मीडिया पर छा गईं.


विराट-अनुष्का की इटली में शादी से भी लोगों की भावनाएं आहत हुईं

प्रियंका से कुछ ही दिन पहले, हिंदी फिल्म इंडस्ट्री की एक और अभिनेत्री अनुष्का शर्मा और भारतीय क्रिकेट टीम के कप्तान विराट कोहली ने जब इटली जाकर शादी की, तो कुछ लोगों को उनका ये कदम राष्ट्रविरोधी लगा. उनके मुताबिक विराट और अनुष्का चूंकि पब्लिक फिगर हैं तो उन्हें दूसरे देश के बजाय अपने देश में शादी करनी चाहिए थी ताकि उनके फैंस और अन्य लोगों में पॉजिटिव संदेश जाता. लेकिन जैसा कि होना चाहिए विराट और अनुष्का के लिए अपने फैंस को संदेश देने से ज्यादा महत्वपूर्ण था अपनी शादी को मीडिया की नजरों से बचाना.

अगला नाम भी फिल्मों से ही हैं और वो है एक और टॉप की अभिनेत्री दीपिका पादुकोण से जुड़ी. दीपिका संजय लीला भंसाली की फिल्म पद्मावती में रानी पद्मावती का किरदार निभा रही हैं, जो उन्हें इस फिल्म के रिलीज को लेकर चिंतित बनाता है. फिल्म के रिलीज पर दीपिका के ये कहने पर कि वो रिलीज होकर रहेगी, उन्हें हर तरह से धमकाने की कोशिश की गई, नाक काटने से लेकर, जान लिए जाने तक की. इतना ही नहीं उनकी निजी जिंदगी पर तल्ख टीका टिप्पणी की गई. लेकिन दीपिका ने दिखा दिया कि वो सिर्फ पर्दे पर मजबूत अभिनय नहीं करती हैं बल्कि सार्वजनिक जीवन में भी लड़ने का माद्दा रखती हैं.

महिलाओं के मुद्दे पर फ्रंट फुट पर खेलना भी कईयों को आहत करने वाला रहा

टीवी न्यूज एंकर और मिरर नाउ की एक्ज्यूकिटिव एडिटर फाये डिसूजा एक नहीं कई बार अपने पैनल में शामिल सेक्सिस्ट और पुरुषवादी भेदभाव या हमलों का मुंहतोड़ जवाब दिया. इसी साल जून महीने में दंगल फिल्म की अभिनेत्री फातिमा सना शेख से जुड़े मसले पर, एक कार्यक्रम के दौरान जब एक उलेमा ने फाये डिसुजा पर अपमानजनक टिप्पणी की तो डिसूजा ने ये कहकर उनका मुंह बंद कर दिया कि वे इन आजमाए गए तरीकों से डरकर न तो घर पर बैठने वाली है, न ही ऐसी महिलाओं के समर्थन में बोलना बंद करेंगी. किसी फीमेल एंकर का इस तरह से महिला मुद्दे पर फ्रंट फुट पर खेलना शायद कईयों को आहत कर गया.

अक्टूबर महीने में जब समूचा हॉलीवुड प्रोड्यूसर हार्वे व्हाईंस्टीन के खिलाफ एकजुट हो रहा था और भारत की हर औरत #Metoo कैंपेन का हिस्सा बन रहीं थी, तब दिल्ली यूनिवर्सिटी की एक पूर्व छात्रा राया सरकार, जो इस समय अमेरिका में फेलोशिप पर पढ़ाई कर रही है. उसने फेसबुक और ट्विटर पर ऐसे दो दर्जन से ज्यादा शिक्षकों और प्रोफेसर्स के नाम जारी कर दिए थे, जो सालों-साल महिला छात्राओं के साथ यौन अपराध कर रहे थे. ये अपराध मामूली छेड़छाड़ से लेकर शारीरिक शोषण तक फैला था.

राया के इस लिस्ट के सामने आने के साथ ही कई और महिलाएं सामने आईं और उन्होंने इस लिस्ट में कई और लोगों के नाम भी शामिल किए. कहना न होगा कि दिल्ली की अकादमिक दुनिया इस घटना से बुरी तरह से बौखला गई. क्योंकि जो निशाने पर थे उनके नाम के साथ सेंट स्टीफंस, हिंदू और मिरांडा हाउस जैसे नामी गिरामी कॉलेजों के नाम जुड़े थे.

महिला क्रिकेटरों पर पहले कभी भी इतना तीखा हमला नहीं हुआ होगा

भारतीय महिला क्रिकेट टीम इस साल के वर्ल्ड कप के दौरान रनर अप टीम रही है. इसके साथ ही टीम की कप्तान मिताली राज भी अचानक से सुर्खियों में आ गई लेकिन जब एक प्रेस वार्ता में उनसे एक पत्रकार ने पूछा कि उनके पसंदीदा पुरुष क्रिकेटर कौन हैं, तो जवाब में मिताली ने पलटकर पूछ लिया कि क्या वे ऐसे सवाल किसी पुरुष क्रिकेटर से पूछते हैं? खेलों में खासकर क्रिकेट जैसे खेल में किस कदर भेदभाव व्याप्त है, शायद उसपर इससे पहले कभी भी इतना तीखा हमला न हुआ हो. भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड हो या भगवान का दर्जा पा चुकी धोनी या कोहली टीम. उन्हें अभी ऐसे सवालों की आदत नहीं हुई है.

फिल्मी दुनिया में करण जौहर, पत्रकारिता में रजत शर्मा ये वे दो नाम हैं जिनके शो में आना हर किसी के लिए ना सिर्फ़ फक्र बल्कि एक तरह से ए-लिस्टर्स की सूची में शामिल होने का मौका होता है. लेकिन, करण जौहर ने ये मौका कंगना को दिया तो उन्होंने इस मंच का इस्तेमाल उनके ही खिलाफ आवाज उठाने, उनके भाई-भतीजेवाद की नीति और भेदभावपूर्ण नजरिए को दुनिया के सामने लाने के लिए कर दिया. उन्हें अपनी गलती को सुधारने का एक और मौका दिया गया. रजत शर्मा के शो आपकी अदालत में बुलाकर. लेकिन कंगना तो ठहरी कंगना, वो भला कहां रुक सकतीं थी. बस एक के बाद एक आधा दर्जन लोगों की भावनाओं के साथ खुलकर खेल गईं.

सेक्स से जुड़े अधिकारों से क्यों होती हैं लोगों की भावनाएं आहत

पूर्व सीबीएफसी चीफ पहलाज निहलानी ने पहली बार निर्देशक बनीं अलंकृता श्रीवास्तव को एक चिट्ठी लिखकर कहा कि उनकी फिल्म लिप्स्टिक अंडर माय बुरखा का विषय इतना आपत्तिजनक है कि उसे थियेटर में रिलीज नहीं किया जा सकता है. महिलाओं के सेक्सुअल डिजायर की अभिव्यक्ति पर बनी इस फिल्म को पर्दे पर आने से रोकने के तमाम हथकंडे अपनाए गए. लेकिन निहलानी की चिट्टी को ट्विटर पर ट्वीट कर लोगों के सामने लाने के अलंकृता के फैसले ने इस लड़ाई को एक अंजाम तक पहुंचाया. जाहिर है जहां महिलाओं के सेक्स से जुड़े अधिकारों की बात होगी, वहां एक-दो नहीं अनगिनत लोगों की भावनाएं आहत होंगी.

असल में ये लिस्ट बहुत लंबी है, क्रिटिक्स द्वारा सराही गई फिल्म सेक्सी दुर्गा का टाईटल हो या सनी लियोनी का नवरात्रि थीम का कॉन्डम ऐड या फिर माहिरा खान का छोटी ड्रेस में सिगरेट पीना और प्रियंका चोपड़ा का पीएम मोदी से मिलने के दौरान स्कर्ट पहनना, लीज़ा हेडन का अपने नए-नए जन्मे बच्चे को स्तन पान कराने की तस्वीर शेयर करना! फातिमा सना शेख बिकिनी पहनकर, इरफान पठान की पत्नी नेल पॉलिश लगाकर और मोहम्मद शमी की पत्नी गाउन पहनकर हर कोई बस आहत करने में लगा है. क्योंकि भारत में महिलाएं न तो सिगरेट पीती हैं, न सेक्स के दौरान पति या पार्टनर को कॉन्डम यूज करने के लिए कहती हैं.

वे कभी पार्टी वियर भी नहीं पहनतीं हैं, बिकिनी तो बहुत दूर की बात है. और जो ऐसा कर रहीं है वो न सिर्फ इस 1.3 बिलियन की आबादी वाले देश में लोगों को नाराज कर रहीं हैं बल्कि उनकी भावनाओं के साथ खेल रहीं हैं. हद तो तब हो गई जब शाहिद कपूर की पत्नी मीरा राजपूत ने एक इंटरव्यू में कह दिया कि वे घर पर हाउस वाइफ बनकर रहना इसलिए पसंद करती हैं क्योंकि वो नहीं चाहतीं कि उनका बच्चे कुत्ते के बच्चे की तरह पले. इसने भी लोगों को बुरी तरह से आहत कर दिया. आखिर, कुत्ते का बच्चा भी अगर किसी गाड़ी के नीचे आ जाता है तो दुख तो होता ही है.