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प्रदूषित हवा बना रही है आपको इन रोगों का शिकार, ये हैं बचने के उपाय

जिंदगी जीने के लिए सांस लेना बेहद जरूरी है, लेकिन आप जिस हवा को सांस के रूप में ले रहे हैं, वह आपको गंभीर बीमारी भी दे रहा है, सावधानी बरतकर ही बीमारी के खतरे को कम किया जा सकता है

FP Staff

प्रदूषित हवा में सांस लेने से दिमाग की क्षमता कम होने के साथ-साथ, ब्रेन स्ट्रोक, दिल संबंधी बीमारियों का खतरा भी बढ़ जाता है. जिंदगी जीने के लिए सांस लेना बेहद जरूरी है, लेकिन आप जिस हवा को सांस के रूप में ले रहे हैं, वह आपको गंभीर बीमारी भी दे रहा है. सावधानी बरतकर ही बीमारी के खतरे को कम किया जा सकता है. हवा में हानिकारक कण जैसे ओजोन, नाइट्रोजन डाइऑक्साइड, कार्बन मोनोऑक्साइड और सल्फर डाइऑक्साइड, धूल, शीशा, आर्सेनिक, निकल, बेंजीन, अमोनिया, बेंजोपाइरिन और डीजल आदि पार्टिकुलेट मैटर तय मानक से कई गुना ज्यादा बढ़ चुके हैं. ये जहरीले कण गंभीर बीमारियों को बढ़ाने का प्रमुख कारण हैं.

इंटरनेशनल फूड पॉलिसी रिसर्च इंस्टीट्यूट का शोध कहता है कि वायु प्रदूषण के संपर्क में रहने से दिमागी क्षमता भी प्रभावित होती है. हवा में घुले हानिकारक कण अस्थमा, श्वसन तंत्र की शिथिलता से दिल के दौरे का खतरा, एलर्जी, आंखों में जलन, नजर कमजोर होना, त्वचा संबंधी रोगों का बड़ा कारण है. डब्ल्यूएचओ का एक शोध कहता है कि वायु प्रदूषण से फेफड़ों का कैंसर जैसी बीमारी भी हो सकती है.


भारत के सबसे प्रदूषित शहर जहरली होती हवा के मामले में भारत दुनिया के सबसे प्रदूषित देशों की सूची में शुमार है. 10 सबसे प्रदूषित देशों में भारत 9वें नंबर पर है. हाल ही में डब्ल्यूएचओ ने विश्वभर के 20 सबसे प्रदूषित शहरों की सूची जारी की है.

ऐसे करें बचाव

जहरीली हो चुकी हवा से होने वाले रोगों से बचने के लिए सावधानी बरतना बहुत जरूरी है. इस मौसम में सुबह और शाम हवा ज्यादा प्रदूषित होती है. कोशिश करें कि सुबह और शाम कम से कम बाहर निकलें. सुबह-सुबह खुले में व्यायाम, योगा, सैर करने से बचें. अगर सुबह घर से बाहर निकलना मजबूरी है, तो मुंह पर कपड़ा या मॉस्क लगाकर निकलें. जंकफूड, बाहर का खाना खाने से परहेज करें. ताजे फल, सब्जियों को आहार में शामिल करें. घर में रहकर रोजाना व्यायाम करें. ज्यादा से ज्यादा पानी पिएं. इससे हानिकारक कण शरीर से बाहर निकल जाते हैं और बीमारियों का खतरा कम हो जाता है.

गंभीर बीमारियों का खतरा

-वायु प्रदूषण से क्रोनिक ऑब्सट्रक्टिव पल्मोनरी डिजीज का खतरा बढ़ता है.

-फेफड़ों का कैंसर हो सकता है.

-डायबिटीज की संभावना बढ़ जाती है.

-ज्ञान संबंधी कौशल भी प्रभावित होता है.

-शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता घटती है.

-प्रदूषित वायु में सांस लेने से प्रदूषण के कण साइनस कैविटी को भरने लगते हैं.

-वायु प्रदूषण से किडनी रोग का खतरा भी बढ़ता है.