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पाकिस्तान से 'पाक' रिश्तों के लिए 'अटल' ने शुरू की थी 'सदा ए सरहद' बस सर्विस

मतभेदों को दरकिनार करते हुए फैसले लेने की क्षमता ही वाजपेयी को सियासत का एक नया किरदार बनाती थी. इसीलिए उन्हें सियासत का अजातशत्रु कहा जाता था

FP Staff

पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी का दिल्ली के एम्स में 94 साल की उम्र में निधन हो गया. उनके निधन से पूरे देश में शोक की लहर फैल गई है. हिंदुस्तान की राजनीति में अटल को हमेशा एक ऐसे शख्स के तौर पर याद किया जाएगा जिन्होंने तमाम मतभेदों के होते हुए भी विरोधियों के खिलाफ कभी भाषाई तौर पर आपा नहीं खोया.

विरोधी भी उन्हें उतना ही सम्मान देते थे जितना खुद उनकी पार्टी के नेता किया करते थे. मतभेदों को दरकिनार करते हुए फैसले लेने की क्षमता ही वाजपेयी को सियासत का एक नया किरदार बनाती थी. इसीलिए उन्हें सियासत का अजातशत्रु कहा जाता था.


अटल जब प्रधानमंत्री बने तो सबसे पहले उन्होंने दिल्ली और लाहौर के बीच बस सेवा शुरू करके शांति का संदेश दिया. इस बस सर्विस को आधिकारिक रूप से सदा-ए-सरहद के नाम से जाना जाता है. बात 19 फरवरी 1999 की है. भारत और पाकिस्तान के रिश्तों में नरमी लाने और दोनों देशों के बीच यातायात की सुविधा को बढ़ावा देने के उद्देश्य से वाजपेयी ने एक बस सर्विस को शुरू किया.

दिल्‍ली ट्रांसपोर्ट कारपोरेशन और पाकिस्‍तान टूरिज्‍म डेवलपमेंट करती है संचालन 

भारत में इस सर्विस को दिल्‍ली ट्रांसपोर्ट कारपोरेशन और पाक में पाकिस्‍तान टूरिज्‍म डेवलपमेंट कारपोरेशन संचालित करता है. अमृतसर, करतारपुर, कुरुक्षेत्र, सरहिंद रुकते हुए यह बस वाघा पहुंचती है.

दरअसल 1999 में जब वाजपेयी की सरकार बनी तो वह दो दिन के दौरे पर पाकिस्तान गए थे. यह दौरा 19 और 20 फरवरी को हुआ था. इसी यात्रा के दौरान ही वाजपेयी ने भारत-पाक बस सर्विस को शुरू किया था. वाजपेयी के इस कदम का तत्कालीन प्रधानमंत्री नवाज शरीफ ने स्वागत किया था.

इस दौरान दोनों ही देशों के बीच लाहौर घोषणापत्र नाम से द्विपक्षीय समझौता हुआ था. हालांकि कुछ महीने बीतने के बाद पाकिस्तान ने घुसपैठ करनी शुरू कर दी जिसके बाद भारत ने कारगिल युद्ध लड़ा. जब-जब दोनों देशों के बीच तनाव बढ़ा, तब इस बस सर्विस पर भी असर पड़ा.

बता दें कि यह बस सर्विस दिल्ली के अंबेडकर टर्मिनल से चलती है. हफ्ते के 6 दिन इस सर्विस की सुविधा ली जा सकती है, रविवार के दिन छुट्टी रहती है. बस का समय दिल्ली से सुबह 6 बजे निकलती है और लाहौर में शाम को 6 बजे पहुंचती है. इस बस सर्विस की टिकट बुक करने के लिए यात्रियों को पासपोर्ट और वीजा के मूल दस्तावेज के साथ-साथ फोटोकॉपी देना जरूरी है.