1 अप्रैल को लोग बस अप्रैल फूल मान लेते हैं. बड़ी-बड़ी कंपनियां अप्रैल फूल बना देती हैं. कुछ साल पहले गूगल ने एक ऐप पर क्लिक किया था जिसमें लिखा था कि इसे बार-बार क्लिक करने से पर इसमें महक आती है. जो स्क्रीन पर महसूस होती है. इसके बाद तमाम लोग कंप्यूटर स्क्रीन पर नाक रगड़ते पाए गए थे. लेकिन भारत के संदर्भ में अप्रैल फूल से जुड़ा मजाक श्रीदेवी से जुड़ा है. इस साल श्रीदेवी हमारे साथ नहीं हैं. लेकिन उनकी सहमति से अनुपम खेर और ब्लिट्ज ने पूरे देश को अप्रैल फूल बनाया था.
90 का दशक शुरू हुआ तो मुंबई से छपने वाली मशहूर फिल्मी मैग्ज़ीन सिने ब्लिट्ज़ के कवर पर एक ग्लैमरस फोटो छपी. मॉडल का नाम प्रभादेवी बताया गया था. मैग्ज़ीन का दावा था कि ये मॉ़डल तब की बड़ी स्टार श्रीदेवी की गुमशुदा बहन है. तस्वीर ने हंगामा मचा दिया. खबरें बन गईं. लोगों ने प्रभादेवी को प्रपोज़ भी कर दिया लेकिन बाद में पता चला कि प्रभादेवी के रूप में दरअसल ऐक्टर अनुपम खेर थे. अनुपम ने फोटोग्राफर गौतम राजाध्यक्ष और मेकअप आर्टिस्ट मिकी कॉन्ट्रैक्टर के साथ मिलकर श्रीदेवी की बहन के तौर पर शूट करवाया था. इसके साथ ही श्रीदेवी की बहन वाली इस कहानी को बड़ा ही सनसनीखेज रखा गया था.
इस पूरे शूट को इतना गुप्त रखा गया था कि शूट करने वाली टीम के अलावा श्रीदेवी ही अकेली थीं जिन्हें इस पूरे प्रैंक के बारे में पता था. श्रीदेवी ने भी इसे पूरी तरह से गुप्त रखा था. मैग्ज़ीन छपने के बाद श्रीदेवी के परिवार को भी लगा था कि सस्ती लोकप्रियता के लिए इस तरह का स्टंट किया गया है.
लेकिन अप्रैल फूल सिर्फ मूर्ख बनने और बनाने का दिन नहीं है. इस दिन को कई और अहम बातें हुई हैं. गूगल की सबसे बड़ी और मशहूर ईमेल सर्विस 'जीमेल' एक अप्रैल को ही लॉन्च हुई थी. एपल का पहला कंप्यूटर भी एक अप्रैल को दुनिया के सामने आया. भारतीय रिजर्व बैंक भी एक अप्रैल 1935 को स्थापित हुआ था