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माचिस लौटाने को लिखे गए ऑफिशियल लेटर का सच कुछ और है

क्या आपने भी मान लिया कि कोई एक माचिस मांगने के लिए ऑफिशियल लेटर लिख सकता है

FP Staff

छोटी-छोटी चीज़ों को लोग कई बार बहुत छोटा मान लेते हैं. जैसे माचिस मांगना और वापस न करना. मुरादाबाद के बिजली विभाग में असिस्टेंट इंजीनियर सुशील कुमार का अपने सहकर्मी को लिखा एक लेटर वायरल हो गया.

सुशील कुमार ने अपने सहकर्मी मोहित पंत को एक चिट्ठी लिखी. 1 फरवरी को लिखी गई इस चिट्ठी में 23 जनवरी को उधार मांगी गई माचिस की डिब्बी का ज़िक्र है.


किसी ऑफीशियल लेटर की तरह लिखे गए इस पत्र का सब्जेक्ट है, दिनांक 23 जनवरी को ली गई माचिस वापस न लौटाने के संबंध में. मगर सोशल मीडिया पर वायरल हुए इस लेटर को लिखने की वजह माचिस मांगना नहीं कुछ और है.

वैसे अगर आपने ये पत्र न पढ़ा हो तो जान लें कि इस पत्र में लिखा गया है कि 23 जनवरी 2018 को आपने शाम 8:40 पर आपने माचिस की तीली उधार मांगी थी, ताकि आप ऑफिस में मॉस्किटो कॉइल जला सकें. इस डिब्बी में करीब 19 माचिस की तीलियां थीं. मगर दुख के साथ कहना पड़ रहा है कि एक हफ्ते बाद भी आपने माचिस की डिब्बी नहीं लौटाई है.

इसके आगे पत्र में कहा गया है कि माचिस की डिब्बी न होने से ऑफिस में दिक्कत हो रही हैं. और ये भी लिखा है कि मोहित पंत लेटर मिलने के तीन दिन में माचिस लौटा दें नहीं तो उनपर कारवाई हो सकती है. इसके साथ ही इसमें आधिकारिक मोहर भी लगी थी.

इसके बाद यूपी पुलिस के एएसपी राहुल श्रीवास्तव ने ये पत्र ट्विटर पर पोस्ट कर दिया. साथ ही लिखा कि अगर माचिस वापस न मिली हो तो पुलिस जांच करवा सकती है. राहल श्रीवास्तव का ये ट्वीट वायरल हो गया.

बाद में सुशील कुमार ने बताया कि दरअसल मोहित पंत उनके जूनियर हैं. पंत को फॉर्मल लेटर लिखने की ट्रेनिंग देने के लिए ये सैंपल लेटर सुशील ने लिखा था. इस लेटर को कहीं पोस्ट नहीं किया गया. मगर इसको मिली प्रतिक्रिया से लोग हैरान भी हैं और खुश भी.