अभी कुछ दिनों पहले ही सात दिनों के लिए घर गया था. इन सात दिनों का बस इतना ही एजेंडा था- खाना, सोना और हैरी पॉटर पढ़ना. सात दिनों में हैरी पॉटर सीरीज की सातों किताबें पढ़ गया. ऐसा पहली बार नहीं था. हैरी पॉटर को पढ़ना छुट्टियों में घर जाने जैसा है, फिर से बच्चा हो जाने जैसा है और फिर उसके साथ-साथ बड़े होने सा है.
26 जून को हैरी पॉटर सीरीज की पहली किताब आए 20 साल हो गए. हैरी पॉटर एंड द फिलॉसफर्स स्टोंस 1997 में आई थी लेकिन मुझे वो अगले साल मिली. यह पहला मौका था जब मैंने जाना कि फैंटसी क्या होती है? कल्पना की उड़ान क्या होती है? किसी किरदार में खुद को देखना क्या होता है? हैरी पॉटर की उम्र कमोबेश मेरी जितनी ही थी. मुझे भी लगता था कि एक दिन कोई मेरे दरवाजे पर खटखटाएगा और कहेगा कि तुम एक जादूगर हो. खैर वो तो न होना था और न हुआ. लेकिन किताब दर किताब और फिर फिल्म दर फिल्म मैं और हैरी साथ बड़े होते रहे.
तो बीस साल बाद हैरी पॉटर मेरे लिए क्या है? जिन्होंने हैरी पॉटर नहीं पढ़ी है या फिल्में नहीं देखी हैं- वह इसे कभी नहीं समझ सकते. हमने पढ़ाई-लिखाई तो स्कूल में सीखी लेकिन हम सबसे जीवन में एक किताब ऐसी होती है जो हमें 'पढ़ना' सिखाती है. मेरे लिए वह किताब हैरी पॉटर थी. झारखंड के एक छोटे से कस्बे में रहने वाले एक बच्चे (फिर एक टीएनजर) के लिए हैरी पॉटर की एक-एक किताब एक खिड़की की तरह थी जहां से एक अनदेखी दुनिया दिखाई देती थी.
हैरी पॉटर को बच्चों की और जादू वाली किताब कहकर खारिज करने वाले दोस्त ये कभी नहीं समझ पाएंगे कि हैरी पॉटर केवल एक फंतासी नहीं है. इसकी सबसे बड़ी ताकत इसके किरदार हैं जो आपको बहुत कुछ सिखा जाते हैं.
नेविल लॉन्गबॉटम आपको सिखाता है जो हर साधारण चीज के भीतर कुछ असाधारण छुपा होता है. हरमाइनी ग्रेंजर से हमने सीखा कि हम जिन बातों में यकीन करते हैं, उनके लिए खड़ें रहें. और कभी-कभी सही करने के लिए थोड़ा गलत हो जाना पड़ता है.
रॉन वीजली से मैंने सीखा कि खास न होना भी कितना खास है. किसी के लिए खास होने का मतलब महान होना या बहुत टैलेंटेड होना नहीं है- खास होने के लिए सबसे जरूरी है अपने सच्चे दोस्तों के साथ खड़े रहना. सेवेरस स्नेप ने सिखाया बस बाहरी इंप्रेशन ही सबकुछ नहीं होता. सभी को एक और मौका मिलना चाहिए.
स्नेप ने सिखाया कि प्यार की ताकत आपको बदल सकती है. अल्बस डंबलडोर के किरदार से हमने जाना कि हमारे हीरो हमेशा परफेक्ट नहीं होते. हैरी पॉटर से मैंने सीखा कि दुनिया एक मुश्किल जगह है लेकिन अगर आपके साथ सच्चे दोस्त, प्यार और अच्छाई की ताकत हो तो आप इससे आगे बढ़ सकते हैं. सबसे बड़ी बात कि हर मुश्किल से अकेले निपटना जरूरी नहीं, अगर आप मदद ढूंढेंगे तो आपको मदद हमेशा मिलेगी.
(और हां, फ्रेड और जॉर्ज ने 'कूल' होना सिखाया.)
आज 20 साल बाद भी जब हैरी पॉटर को पढ़ने पर कुछ दोस्त कहते हैं कि बड़े हो जाओ. पर मुझे तो लगता है कि बड़े होना बड़ा ओवररेटेड है. थोड़ा बच्चा ही रह जाने में क्या बुराई है? सपनों, उम्मीदों, दोस्ती और प्यार में यकीन करने में क्या बुराई है? जब असल दुनिया की भुल-भुलैया आपको भटकाए तो एक जादुई दुनिया में खो जाने में क्या बुराई है? एक बच्चे से यह सीखने में क्या बुराई है कि 'सबसे गहरे अंधेरों में भी खुशी पाई जा सकती है, अगर बस हम लाइट जलाना याद रखें.'