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गलत सनी लियोनी का गरबा विज्ञापन नहीं, आहत होने वाले लोग हैं

गरबा पंडालों में युवा लड़के लड़कियों का करीब आ जाना सामान्य बात है

Animesh Mukharjee

देश में त्योहारों का मौसम आते ही लोग आहत होना शुरू हो जाते हैं. कुछ हफ्ते पहले जावेद हबीब के दुर्गा पूजा की तैयारियों को लेकर बनाए गए विज्ञापन से आहत हुए. कुछ दिनों बाद दीपावली पर पटाखे न चलाने की अपील से आहत होंगे. अंत में सूखे रंगों से होली खेलने की अपील पर आहत होंगे. फिलहाल सनी लियोनी के डांडिया के एक विज्ञापन पर लोगों के एक वर्ग को आहत पाया गया है.

सनी लियोनी पहले एक पॉर्नस्टार थीं. अब स्टार हैं. देश और दुनिया में उनके प्रशंसकों की कमी नहीं है. मगर इनमें से बहुत से लोग उनके पिछले प्रोफेशन को भुला नहीं पाए हैं.


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सनी मैनफोर्स नाम के एक कॉन्डम ब्रांड का प्रचार करती हैं. इसी के एक विज्ञापन ने लोगों को आहत कर दिया. गुजरात में नवरात्र के दौरान खेले जाने वाले डांडिया को ध्यान में रख कर बनाए गए प्रिंट विज्ञापन में कहा गया है 'प्ले सेफ' यानी 'खेलो मगर प्यार से'. यहां खेलना शब्द द्विअर्थी है. एक डांडिया खेलना और दूसरा इस विज्ञापन मे दिखाए गए प्रोडक्ट के परिपेक्ष्य में इस्तेमाल हुआ है.

कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स ने उपभोक्ता संरक्षण मामलों को लिखे एक पत्र में कहा है, 'यह बिक्री को बढ़ाने का गैरजिम्मेदाराना और अपरिपक्व तरीका है जिसमें हमारी सारी संस्कृति और मूल्यों और दांव पर लगा दिया गया है.

अब इस विज्ञापन का विरोध करने वालों से कुछ सवाल पूछे जाने चाहिए. क्या इस विज्ञापन में कोई ऐसा शब्द इस्तेमाल किया गया है जो भद्दा या अश्लील है. अगर नहीं तो क्या इस विज्ञापन पर इसलिए आपत्ति है कि इसमें सनी लियोनी हैं? अगर हां तो समस्या शिकायत करने वालों के दिमाग में है जिसमें सनी लियोनी को लेकर अभी भी न जाने क्या-क्या चल रहा है.

अगर समस्या सनी लियोनी से नहीं कॉन्डम से है तो आहत हुए लोगों को कुछ बातें याद रखनी चाहिए. कॉन्डम कोई अश्लील वस्तु नहीं. देश के जनसंख्या नियंत्रण प्लान का अहम हिस्सा है. सरकारें दशकों से निरोध को सुलभ और सहज बनाने के लिए हजारों करोड़ रुपए खर्च कर चुकी हैं.

साथ ही डांडिया के समय युवा लड़के लड़कियों का काफी करीब आना एक सामान्य बात है. गुजरात की पूर्व मुख्यमंत्री आनंदीबेन पटेल ने साल दो हजार में महिला कल्याण मंत्री रहते हुए बताया था कि नवरात्र के कुछ महीनों बाद गुजरात में गर्भपात के मामले कई गुना बढ़ जाते हैं.

इसके बाद गुजरात के कई एनजीओ गरबा-डांडिया पंडालों में कॉन्डम वेंडिंग मशीन लगाने, फ्री कॉन्डम बांटने और सेक्स एजुकेशन देने में सक्रिय हुए थे.

नवरात्र से जुड़े धार्मिक पहलुओं को मद्देनजर रखते हुए ज्यादातर पंडाल सीसीटीवी कैमरा और बाउंसर तैनात करते हैं ताकि सार्वजनिक रूप से कोई अश्लील हरकत न हों मगर फिर भी इन पंडालों में एड्स रोकथाम में सक्रिय एजेंसियां कॉन्डम उपलब्ध करवाती ही हैं

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डांडिया एक ऐसा त्योहार है जहां धार्मिक पक्ष पर मौज-मस्ती हावी रहती है. लाखो की संख्या में युवा लड़के लड़कियां सज संवर कर एक साथ जमा होते हैं. ऐसे में इस तरह की घटनाएं होना कोई चौंकाने वाली बात नहीं है. अच्छाई इसी में है कि शुतुरमुर्ग की तरह सर छिपाने की जगह इसको सही तरीके से सुलझाने का प्रयास किया जाए.