view all

दो साल पुराने Farrago वाले ट्वीट पर अब जाकर शशि थरूर ने दी सफाई!

शशि थरूर ने बताया है कि आखिर उन्होंने किस मानसिक स्थिति में ये ट्वीट किया है

Bhasha

कांग्रेस नेता शशि थरूर ने आखिरकार 2017 के अपने प्रसिद्ध ‘फरैगो’ ट्वीट के बारे में स्थिति स्पष्ट कर दी है. इस ट्वीट के बारे में सोशल मीडिया पर काफी चर्चा हुई थी.

थरूर ने कहा कि उन्होंने ‘गुस्से’ में ट्वीट किया, लेकिन इस बात को महसूस नहीं किया कि इसका बड़ा हिस्सा उनके ढेर सारे फॉलोअर्स को पूरी तरह समझ में नहीं आएगा.


उन्होंने लिखा था, ‘Exasperating farrago of distortions, misrepresentations&outright lies being broadcast by an unprincipled showman masquerading as a journalst  (ये दावे तोड़-मरोड़ कर पेश किए गए हैं. वे भ्रमित करने वाले, पूरी तरह झूठे और गुस्सा दिलाने वाले हैं और इन्हें पेश करने वाला शख्स खुद को पत्रकार बताता है लेकिन वह ऐसे शख्स हैं जिसका कोई उसूल नहीं है).'

उन्होंने कहा, ‘मैंने गुस्से में इस बात को नहीं समझा कि ‘लाइज’ (झूठ) के अलावा सभी शब्द विशेष रूप से समझ में नहीं आने वाले थे. मैं इस शब्द (फरैगो) का अपने कॉलेज के दिनों से इस्तेमाल कर रहा था.’

फरैगो का अर्थ होता है तथ्यों और कल्पना की ऐसी मिली-जुली बातें जो आपको भ्रमित कर दें.

मई 2017 का ट्वीट उनकी पत्नी सुनंदा पुष्कर की मौत पर एक पत्रकार की रिपोर्टिंग के खिलाफ उनके गुस्से को व्यक्त करता है. इस ट्वीट का अर्थ समझने के लिए कई लोगों को ऑक्सफोर्ड डिक्शनरी उलटने पर मजबूर होना पड़ा था, जबकि कई अन्य लोग उनकी शब्दावली पर चुटकुले बनाने से खुद को रोक नहीं सके.

जयपुर साहित्य महोत्सव में कांग्रेस नेता ने कहा कि सोशल मीडिया पर उनके ट्वीट की चर्चा होने के बाद लोगों ने जिस तरह के शब्दों का वह इस्तेमाल कर रहे थे उसमें और दिलचस्पी लेनी शुरू कर दी.

इसके बाद उन्होंने महसूस किया कि वह इसका इस्तेमाल व्यापक संदर्भ में कर सकते हैं.

उन्होंने गुरुवार को कहा, ‘मैंने ऐसा एक नेता के लिये ‘स्नॉलीगॉस्टर’ का इस्तेमाल करते हुए किया और पिछले साल अपनी नयी पुस्तक ‘द पैराडॉक्सिकल प्राइम मिनिस्टर’ के प्रचार के लिए ‘फ्लोक्सिनॉसिनिहिलिपिलिफिकेशन’ शब्द ट्वीट किया जिसपर लोगों ने चर्चा की.’

स्नॉलीगॉस्टर शब्द का अर्थ होता है चतुर, बिना सिद्धांतों का व्यक्ति विशेष तौर पर नेता जबकि फ्लोक्सिनॉसिनिहिलिपिलिफिकेशन शब्द का अर्थ होता है किसी चीज को बेकार मानने की क्रिया या आदत.

थरूर ने कहा कि संयुक्त राष्ट्र महासचिव बन पाने में विफल रहने से उनके लिए राजनीति के दरवाजे खुले. यह मंच उन्हें ‘भारत के प्रति कुछ दृष्टि को आगे बढ़ाने देता है.’