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मदर्स डे 2017: गूगल डूडल की कैक्टस मदर, जानें किसने शुरू किया ये खास दिन

क्या आप जानते हैं मदर्स डे की शुरूआत कैसे हुई?

Tulika Kushwaha

आज दुनिया का सबसे खास दिन है. आज यानी 14 मई को मदर्स डे है. तो भला गूगल डूडल इसे कैसे भूल सकता है. डूडल में एक सुपर कैक्टस मदर की सुपर कहानी दिखाई गई है.

इस जिफ इमेज में कैक्टस के प्रेग्नेंट होने से लेकर अपने बच्चे कैक्टी का ख्याल रखने, उसे गाइड करने, सिखाने से लेकर सबकुछ दिखाया गया है.


पहली इमेज में कैक्टस प्रेग्नेंट है और अपने बेबी के आने का इंतजार कर रही है. दूसरे इमेज में कैक्टस मदर अपने बच्चे को पानी दे रही है. इसके अगले इमेजेज में कैक्टस मदर के जरिए उन सभी स्टेज को दिखाया गया है, जिससे हर मां गुजरती है.

हम सब जानते हैं कि मां इस दुनिया को ईश्वर का सबसे बड़ा तोहफा है और हर दिन ही मदर्स डे है. लेकिन क्या आपको पता है कि मदर्स डे की शुरुआत कैसे हुई या किसने की?

मदर्स डे की शुरुआत एना मेरी जार्विस ने की थी, उन्होंने अपनी पूरी जिंदगी मदर्स डे की स्थापना में लगा दी थी. और खास बात ये है कि उन्हें इसकी प्रेरणा अपनी मां से ही मिली थी. उनकी मां एन मारिया रीव्स जार्विस ने ही सबसे पहले मदर्स डे वर्क क्लब्स की शुरुआत की थी.

9 मई, 1914 को अमेरिका के 28वें राष्ट्रपति थॉमस वुडरो विल्सन ने एना मेरी जार्विस के अथक प्रयासों को देखते हुए एक घोषणा पर हस्ताक्षर किया, जिसमें मई महीने के दूसरे रविवार को मदर्स डे के तौर पर मनाने की घोषणा की गई.

एना मेरी जार्विस की मां सोशल एक्टिविस्ट थीं. वो मदर्स डे वर्क क्लब इवेंट का आयोजन करती थीं, जिनमें मांओं को हिस्सा लेने के लिए प्रोत्साहित किया जाता था. ऐसे आयोजनों में डॉक्टर्स हिस्सा लेते थे और मांओं के स्वास्थ्य संबंधी परेशानियों, बच्चों के स्वास्थ्य और शिक्षा पर जानकारी दी जाती थी.

एना मेरी ने एक बार अपनी मां को ये प्रार्थना करते हुए सुना कि ‘मैं आशा और प्रार्थना करती हूं कि किसी दिन कोई तो मां के स्वार्थहीन और अद्भुत समर्पण के प्रति आभार व्यक्त करने के लिए किसी दिन को उसके नाम करेगा.’

एना मेरी जार्विस.

1905 में अपनी मां के निधन के बाद एना मेरी जार्विस ने उनके इस सपने को पूरा करने की कसम खाई. 10 मई, 1908 को एना जार्विस ने उसी एंड्रयूज मेथोडिस्ट चर्च, जिसमें उनकी मां 25 सालों तक संडे स्कूल में पढ़ाती रहीं थी, सार्वजनिक आयोजन किया. इस समारोह में हिस्सा लेने वाले सभी लोगों को उन्होंने 500 सफेद कार्नेशन के फूल डोनेट किए और इस तरह मदर्स डे की शुरूआत हुई.

हालांकि, बाद में उन्होंने इसे खत्म करने के लिए भी अभियान चलाया क्योंकि उन्हें लगने लगा था कि बिजनेस ऑर्गनाइजेशन्स अपने प्रॉफिट के लिए इसका बेजा फायदा उठा रहे थे.