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लाखों लोगों की जिंदगी में उजाला भरने वाले Dr. Govindappa Venkataswamy को गूगल ने किया याद

डॉ. गोविंदप्पा वेंकटस्वामी एक ऐसी हस्ती थे जिन्होंने लाखों लोगों के अंधपेन को दूर कर उनकी जिंदगी में उजाला भरा

FP Staff

Google Doodle: तमिलनाडु में जन्में देश के जाने मानें नेत्र सर्जन डॉ. गोविंदप्पा वेंकटस्वामी के 100वें जन्मदिन पर गूगल ने सोमवार को एक खास डूडल बनाकर उन्हें श्रद्धांजलि दी है. डॉ. गोविंदप्पा वेंकटस्वामी एक ऐसी हस्ती थे, जिन्होंने लाखों लोगों के अंधपेन को दूर कर उनकी जिंदगी में उजाला भरा. डॉ. गोविंदप्पा वेंकटस्वामी को डॉ. वी के नाम से भी जाना जाता है.

1918 में तमिलनाडु के वडालप्पुरम में जन्में डॉ. वी  ने1944 में मद्रास के स्टेनली मेडिकल कॉलेज से अपनी पढ़ाई पूरी कर मेडिकल की डिग्री ली थी. इसके बाद 1948 तक वे भारतीय सेना में फिजिशियन के तौर पर काम करते रहे.


उनकी जिंदगी में मोड़ तब आया जब उन्हें 30 साल की उम्र में ही रूमेटाइड अर्थराइटिस हो गया. इस बीमारी के चलते वे सर्जरी करने में असमर्थ हो गए. लेकिन फिर भी उनका खुद पर से भरोसा नहीं टूटा और अंधेपन की खास वजहों में से एक मोतियाबिंद के इलाज के लिए सर्जरी करना सीखा. डॉ. वी ने अपने पूरे जीवनकाल में एक लाख से ज्यादा लोगों की सर्जरी की और उनकी जिंदगी में फैले अंधेरे को दूर किया.

अरविंद आई हॉस्पिटल की स्थापना

वो डॉ. वी ही थे जिन्होंने 1976 में देश में अरविंद आई हॉस्पिटल की स्थापना की. इस हॉस्पिटल में आज हर साल 2 लाख से ज्यादा लोगों की सर्जरी की जाती है. यहां आने वाले ज्यादातर मरीजों का इलाज या तो बहुत कम खर्च या फिर नि:शुल्क किया जाता है.

डॉ गोविंदप्पा वेंकटस्वामी के योगदान को देखते हुए 1973 में उन्हें पद्मश्री से नवाजा गया. जिंदगी भर लोगों की सेवा करने के बाद 7 जुलाई 2006 को 87 साल की उम्र में उनका निधन हो गया.