विदेश मंत्री सुषमा स्वराज को ट्विटर के जरिए लोगों की मदद करने के लिए जाना जाता है. दुनिया के किसी कोने में रह रहे भारतीयों के लिए वो हमेशा मौजूद रहती हैं. लेकिन गुरुवार को एक मेडिकल स्टूडेंट को उन्होंने मदद करने से इनकार कर दिया. छात्र ने ट्विटर प्रोफाइल पर खुद को 'भारत अधिकृत कश्मीर' का बताया था.
जम्मू-कश्मीर के शेख अतीक ने अपने पासपोर्ट के संबंध में विदेश मंत्री से मदद मांगी थी. अतीक मनीला में रहकर मेडिकल की पढ़ाई कर रहे हैं. उन्होंने अपने ट्वीट में लिखा था कि मैं जम्मू-कश्मीर का रहने वाला हूं और फिलीपींस में रह कर मेडिसिन की पढ़ाई कर रहा हूं. मेरा पासपोर्ट खराब हो गया है. अतीक ने लिखा कि मैंने एक महीने पहले ही नए पासपोर्ट के लिए अप्लाई कर दिया था. आप मेरी मदद करें, मुझे मेडिकल चेकअप के लिए घर जाना है.
सुषमा स्वराज को अतीक के मदद मांगने से कोई परेशानी नहीं थी, लेकिन दिक्कत इस बात से हुआ कि अतीक ने अपने ट्विटर प्रोफाइल में लिख रखा था 'MBBS स्टूडेंटड/भारत अधिकृत कश्मीर का मुस्लिम होने पर गर्व करते हैं.'
यह देखने के बाद सुषमा स्वराज ने मेडिकल स्टूडेंट को जवाब देते हुए लिखा कि अगर आप जम्मू-कश्मीर राज्य से हैं, तो मदद जरूर मिलेगी, लेकिन आपका प्रोफाइल कहता है कि आप 'भारत अधिकृत कश्मीर' के रहने वाले हैं. सुषमा स्वराज ने लिखा कि ऐसी कोई जगह नहीं है.
सुषमा स्वराज के इस ट्वीट के बाद अतीक को अपनी गलती का एहसास हुआ और उन्होंने अपने ट्विटर प्रोफाइल में सुधार किया.
इसके बाद सुषमा स्वराज ने मनीला में भारतीय दूतावास को मदद करने के लिए कहा. स्वराज ने लिखा कि मुझे खुशी है कि आपने अपने प्रोफाइल में सुधार कर लिया. उन्होंने मनीला दूतावास को लिखा कि वह जम्मू-कश्मीर के रहने वाले एक भारतीय नागरिक हैं. इनकी मदद करें.