अगर आप सोशल मीडिया पर खबरें पढ़ रहे हैं तो थोड़े सावधान हो जाएं. उसकी खबरों को तरुंत यकीन न करें. क्योंकि एक शोध में खुलासा हुआ है कि यहां सच खबरों से अधिक गलत खबर तेजी से फैल रहा है. या यूं कह लें कि झूठी खबरें जंगल में आग की तरह फैल जाती है, सच खबर पीछे छूट जाती है.
रिपोर्ट के मुताबिक इस शोध में कुल 1,26,000 खबरों को शामिल किया गया था, जिसे 3 मिलियन लोगों ने 2006 से 2017 के बीच ट्विटर पर शेयर किया गया और री-ट्वीट किया गया. यह आंकड़ा सही खबरों के मुकाबले 70 फीसदी ज्यादा है.
एनबीसी न्यूज में छपी खबर के मुताबिक मैसाचुसेट्स इंस्टिट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी के मीडिया लैब की एक रिपोर्ट के मुताबिक किसी तरह की प्राकृतिक आपदा, राजनैतिक संकट आदि के वक्त झूठी खबरें तेजी से फैल रही है. इसका सबसे अधिक असर दुनियाभर के राजनीतिक खबरों पर सबसे अधिक है.
राजनीतिक लोगों को उठाना पड़ रहा है नुकसान
रिपोर्ट में यह बात भी सामने आई है कि झूठी खबरें किसी सही व्यक्ति या सही सोर्स से नहीं आ रही है. अक्सर फर्जी सोर्स या लोगों के माध्यम से यह प्रसारित हो रही होती हैं. ऐसा इसलिए हो रहा है कि झूठी खबरों में चौंकानेवाली चीजों की भरमार होती है.
रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि दुनियाभर की सरकारें, बड़े संस्थान, औद्योगित संस्थान इससे प्रभावित हो रहे हैं. वह इसकी जांच में भी जुट गए हैं. राजनीतिक क्षेत्र के लोग बड़ी संख्या में इसके शिकार हो रहे हैं. अमेरिकी खुफिया एंजेंसी एफबीआई ने खासतौर पर इसके लिए एक टीम का गठन किया है.