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'लाइक' बटन बनाने वाले ने लत लगने के डर से फेसबुक ऐप हटाया

उन्होंने यहां तक कह दिया कि स्नैपचैट दरअसल 'हेरोइन' जैसे किसी ड्रग्स की तरह है

FP Staff

जिस शख्स ने फेसबुक में 'लाइक' का बटन डाला था उसने खुद अपने फोन से फेसबुक ऐप हटा दिया है.

जस्टिन रोसेन्सटीन ही वह इंजीनियर थे जिन्होंने 2007 में फेसबुक में यह खास फीचर डाला था पर अब वही शख्स एप्स के कारण लोगों की मानसिक स्थिति पर पड़ते असर को लेकर परेशान है.


वह इतने परेशान हैं कि उन्होंने खुद को रेडिट और स्नैपचैट से भी हटा लिया है. यही नहीं, उन्होंने नया आईफोन खरीदा और अपने सहायक को कहा कि इसमें ऐसी व्यवस्था हो कि इसमें कोई ऐप ही ना डाला जा सके.

उन्होंने तो यहां तक कह दिया कि स्नैपचैट दरअसल 'हेरोइन' जैसे किसी ड्रग्स की तरह है. उनके मुताबिक फेसबुक 'लाइक्स' किसी फर्जी आनंद का अहसास कराते हैं लेकिन इनका असर नकारात्मक होता है.

'कंटीन्यूअस पार्शियल अटेंशन' का खतरा

उन्होंने 'द गार्डियन' अखबार से कहा कि आदमी अच्छी नीयत से कोई चीज बनाता है पर ना चाहते हुए भी कभी-कभी उसका गलत पड़ जाता है. एक रिसर्च के मुताबिक युवा जितना वक्त सोशल मीडिया पर बिताते हैं, उनके डिप्रेशन की संभावना उतनी ज्यादा होती है. रिसर्च के मुताबिक लोगों की सेहत पर सबसे बुरा प्रभाव इंस्टाग्राम से पड़ता है.

लोगों को इन ऐप्स की सिर्फ लत ही नहीं लगती है बल्कि सोशल मीडिया के कारण लोगों की बुद्धि भी कमजोर होती जा रही है. इसे 'कंटीन्यूअस पार्शियल अटेंशन' कहा जाता है जिसके चलते लोगों के फोकस करने की क्षमता और आईक्यू कम होती है.