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हद है! अब कार चोर भी दिल्ली के सीएम साब से मजे ले रहे हैं

कमबख्त ये चोर भी बड़े लोगों के काम आसान कर देते हैं. इसी बहाने सुर्खियां तो बनती हैं. आजम खान की भैंस चोरी हुई तो जनाब ऐवैं ही चर्चा में आ गए

Vivek Anand

अजी! वो दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल की कार नहीं थी. उनकी पहचान थी वो ब्लू कलर की मारुति वैगन आर कार. जैसे मफलर उनकी पहचान है, खांसी उनकी पहचान है, हाफ बाजू वाली शर्ट पे झूलती पैंट उनकी पहचान है. कमबख्त चोर दिल्ली के सीएम केजरीवाल की पहचान ले उड़े. घोर कलियुग है भाईसाहब! यहां कुछ भी सुरक्षित नहीं है. चोरों का कोई ठिकाना नहीं, क्या पता कब क्या ले उड़ें.

इस हाईप्रोफाइल चोरी ने सीएम केजरीवाल को एक मौका दे दिया था. वो इस चोरी के बहाने ही एलजी अनिल बैजल को घेरने लगे थे. उन्होंने फटाफट एलजी को चिट्ठी लिख डाली कि देखो जी यहां तो सीएम की कार भी सुरक्षित नहीं, आम आदमी क्या खाक सुरक्षित महसूस करेगा. दिल्ली पुलिस तो मेरे अंडर है नहीं जी. मैं तो कुछ कर नहीं सकता जी और आप कुछ कर नहीं रहे हो जी.


लेकिन वो इस मामले में ज्यादा रायता फैला पाते कि चोरी गई कार मिल गई. दो दिन बाद गाजियाबाद के मोहननगर से कार बरामद कर ली गई. जिसे ढूंढ़ रहे थे गली-गली वो घर के पिछवाड़े में मिली. लगता है किसी ने मजे के लिए सीएम साब की कार उठा ली थी.

वैसे देखा जाए तो ऐसे चोर बड़े समाजवादी टाइप होते हैं. बड़े लोगों और आम अादमी के बीच फर्क ही नहीं करते. अरे उठाना ही तो था तो दिल्ली में लाखों ब्लू कलर की वैगन आर कार होगी, किसी को उठा लेते. लेकिन उन्होंने सीएम साब की कार उठाकर खामख्वाह उन्हें दो दिनों के लिए फुटेज खाने का मौका दे दिया. दिल्ली पुलिस दो दिनों तक हलकान रही वो अलग.

आपको याद है न आजम खान की भैंसिया भी ऐसे ही ले उड़े थे चोर. यूपी पुलिस के डीजीपी से लेकर एसपी-डीएसपी गली मोहल्ले में भैंसिया की खोजबीन में लगे थे. दो दिनों तक दिल्ली पुलिस लगी रही. दिल्ली से लेकर मेरठ तक के चोर बाजार खंगाले गए कि पता नहीं सीएम साहब की कार को चोरों ने कहीं ले जाकर खपा तो नहीं दिया. राहत की बात है कि कार मिल गई. हम फिर कहते हैं कि वो कार थोड़े ही थी. वो तो दिल्ली के सीएम साब के संघर्षशील राजनीति की हमसफर थी.

जिस कार पे कभी चढ़कर तो कभी उतरकर सीएम साब ने आम आदमी की आवाज बुलंद की थी. जिस कार से गाजियाबाद के कौशांबी से निकलकर वो दिल्ली की राजनीति की सबसे उलझाऊ गलियों में भटका करते थे. जिस कार से वो सीएम बनने के बाद पहली बार शपथ लेने के लिए रामलीला मैदान गए थे.

जिस कार से वो केंद्र सरकार की चूलें हिलाने निकले थे लेकिन पुलिस के बीच रास्ते में रोक लिए जाने पर रेल मंत्रालय के पास उसी के सिरहाने रातभर सोए रहे थे. उस कार को एक झटके में उड़ा ले गए थे चोर. हाय! आम आदमी की आवाज का ऐसा अपमान.

कम से कम चोर ये तो सोचते कि इक्कीसवीं सदी में ईमानदारी की मिसाल हमारे दिल्ली के सीएम के पास ये इकलौती कार है. वो भी किसी ने दान में दी है. इसी इकलौती कार से उन्होंने राजीनीति का इतना लंबा सफर तय किया है.

इस कार चोरी पर क्या-क्या न कहा लोगों ने

ये नेता-अभिनेता कम थे, जो बात-बात पर दिल्ली के सीएम साहब को लपेट रहे थे कि अब चोर भी पीछे पड़ गए. बताइए ये भी कोई बात हुई. दिल्ली पुलिस ही परेशान नहीं रही. आम लोग तक हलकान हो गए कि आखिर इसके पीछे किसकी साजिश हो सकती है. ट्विटर पर सीएम साहब के लिए फिक्रमंद लोग टूट पड़े.

कार चोरी पर एक साहब ने कहा कि पता नहीं कौन हमारे सीएम साब के पीछे पड़ गया है कार तक तो ठीक है, कोई उनका मफलर न उड़ा ले जाए. सर्दियां आ रही हैं भई! अगर ऐसा हुआ तो वो खांस-खांस के पूरी दिल्ली का जीना हराम कर देंगे.

एक जनाब ने फरमाया कि देखना दिल्ली के सीएम की कार चुराने वाले लोग कुछ दूरी पर जाने के बाद ही पकड़े जाएंगे क्योंकि उनकी कार पेट्रोल से नहीं रायते से चलती है. लगता है ठीक ही कहा था. मिली भी तो गाजियाबाद में ही.

एक भाईसाब इतने बेरहम निकले कि कह डाला कि मजा तो तब आता जब चोर सीएम साहब के साथ ही कार को उड़ा ले जाते. दिल्ली का कुछ तो भला होता. कुछ लोगों को इसमें भी पीएम मोदी की साजिश नजर आने लगी थी. एक भाईसाहब ने फरमा दिया कि दिल्ली के मालिक के पास एक ही गाड़ी थी मोदीजी ने उसे भी उठवा दिया. अब तो सरजी को अंतरराष्ट्रीय न्यायालय की शरण लेनी चाहिए.

कार चोरी पर भी लोगों ने लिए मजे

बड़ी नाइंसाफी है साब! एक तो सीएम साब की कार चोरी हो गई. उस पर लोगों ने इस पर मजे लिए अलग. अरे भई! कुछ तो रहम करते. इन दो दिनों के दौरान कार चोरी पर एक से बढ़कर एक लतीफे आए. कार चोरी के बाद एक जनाब कह रहे थे कि सीएम साहब अपनी इकलौती कार के चोरी हो जाने के बाद अब एक सेकेंड हैंड कार लेने का प्लान बना रहे हैं.

हां भई! सेकेंड हैंड कार, वो भी सीएनजी से चलने वाली. अब सीएम साब कोई बीजेपी-कांग्रेस के नेता तो हैं नहीं. वो आम आदमी के नेता हैं. सो आम आदमी की कहां इतनी हैसियत कि वो नई कार खरीद सके. इसलिए सीएम साब ने बड़ी हिम्मत करके सेकेंड हैंड कार लेने का मन बनाया है.

इन जनाब ने बताया कि सीएम साब सोच रहे हैं कि सेकेंड हैंड कार लेने के लिए एक इश्तिहार ही दे डालें. इश्तिहार का मजमून कुछ यूं होगा- एक अच्छी चालू हालत वाली मारुति कार चाहिए (बिल्कुल हमारी तरह). वैगन आर मिल जाए तो अच्छा (एक यही कार है जो आम आदमी वाला फील देती है). ज्यादा चली न हो (जैसे हम राजनीति में बिना ज्यादा चले हुए सीएम बन बैठे), माइलेज अच्छा देती हो (जैसे हम बिना खाए-पीए 12-13 दिन की भूख हड़ताल निकाल देते हैं), चलाने में आरामदायक हो (मतलब और कुछ हो न हो यू टर्न लेने में दिक्कत न हो, हमें बार-बार लेना पड़ता है भई!), कलर ब्लू ही होना चाहिए (एक यही रंग है जो भगवा और हरे रंग से अलग सौ प्रतिशत शुद्ध सेक्युलर कलर है).

उन  जनाब ने फरमाया कि सीएम साब सोच रहे थे कि अपनी मुस्कुराती हुई तस्वीर के साथ इस इश्तिहार को देश के हर प्रमुख समाचारपत्रों में छपवा दिया जाए. सीएम साब की सेकेंड हैंड कार खरीदने की योजना जनता के बीच अच्छा संदेश लेकर भी जाएगी. ट्विटर फेसबुक पर भी इसका जमकर प्रचार किया जाएगा.

हद देखिए कि जनाब ने बताया कि इतना ही नहीं सीएम साब ने इस सेकेंड हैंड कार लेने के लिए कार लोन लेने की भी सोच रखी है. आम आदमी हैं भाई! इतने पैसे एकमुश्त कहां से ला पाएंगे कि बिना लोन के कार खरीद पाएं. 20-30 हजार के डाउन पेमेंट पर कार लोन ले लेंगे.

एक मस्त संदेश भी चला जाएगा जनता के बीच कि ये होता है जनता का सीएम. क्या आपलोग 'चाय-वाय' और 'चपरासी-प्रधानसेवक' के चक्कर में पड़े हैं. ये देखिए खालिस आम आदमी सीएम. सीएम बनने के बाद भी सेकेंड हैंड कार खरीदता है, वो भी लोन लेकर.

बड़े लोग तो चोरी के बहाने भी चर्चा में आ जाते हैं 

मुआ चोर भी बिल्कुल सही मौके पर कार चुराकर ले गया था. दिल्ली के सीएम केजरीवाल की कहीं खबर ही नहीं आ रही थी. पिछले दिनों एलजी अनिल बैजल साब के साथ दो-दो हाथ करने की नौबत आने वाली खबर तो आई थी. लेकिन मामला कुछ ज्यादा जम नहीं पाया.

इन एलजी साब में न वो पुराने वाले एलजी नजीब जंग जैसी बात है न दिल्ली पुलिस के वो पुराने वाले कमिश्नर बीएस बस्सी साब हैं, जो सीएम साब को रोज-रोज सुर्खियों में लाते फिरें. मामला पूरा ठंडा पड़ा था. कार चोरों ने दो दिनों के लिए ही सही लेकिन सीएम साब को खबरों में लाकर गर्मी तो ला ही दी.

बड़े लोगों के यहां से जब कोई बड़ी खबर नहीं आती तो उनके यहां चोरियां होती हैं. इसी बहाने बड़े लोग चर्चा में आ जाते हैं. कमबख्त ये चोर भी बड़े लोगों के काम आसान कर देते हैं. इसी बहाने सुर्खियां तो बनती हैं. आजम खान की भैंस चोरी हुई तो जनाब ऐवैं ही चर्चा में आ गए.

भैंस से कुत्तों तक के लापता होने पर हुआ है हंगामा 

खान साहब के सीधे तबेले से आई इस सनसनीखेज खबर ने खूब गोलमाल किया. यूपी से लेकर दिल्ली के गलियारों में इस चोरी के चर्चे हुए. इस राजनीतिक चोरी की प्रतिद्वंद्विता में 'समाजवादी चोरी' के बाद 'राष्ट्रवादी चोरी' का मामला भी सामने आ गया.

आजम खान की भैंस चोरी के कुछ ही दिनों बाद यूपी के ही बीजेपी नेता रमाशंकर कठेरिया का कुत्ता चोरी हो गया. कठेरिया के प्यारे पालतू कुत्ते 'कालू' पर उनकी पत्नी जान छिड़कती थी. मृदुला कठेरिया पहुंच गई थाने में रपट दर्ज करवाने सीधे आगरा के एसपी सिटी के सामने कि पुलिस आजम खान की भैंस ढूंढ़ सकती है तो मेरा कुत्ता क्यों नहीं. समाजवादी राज में भैंस-कुत्ते का फर्क बीजेपी को बर्दाश्त नहीं था. पूरी राजनीतिक नौटंकी हुई.

रमाशंकर कठेरिया की पत्नी मृदुला कठेरिया ने ऐलान कर दिया कि अगर लापता कुत्ता नहीं मिला तो प्रदर्शन किया जाएगा, धरना होगा, भूख हड़ताल किया जाएगा. इसके बाद हरियाणा से कांग्रेस राज्यसभा सांसद परवेज हाशमी की दो बकरियां गुम हो गई. हरियाणा से लेकर राजस्थान की पुलिस तीन दिन तक बकरियां ढूंढ़ने में लगी रहीं.

भैंस से लेकर कुत्ता बकरी और कार चोरी की ये घटनाएं आम घटनाएं नहीं हैं. दिल्ली के सीएम केजरीवाल के दिल से पूछिए तब पता चलेगा. ब्लू रंग की वैगन कार मामूली कार नहीं थी. दिल्ली में हुई एक युगांतकारी घटना की प्रतीक थी. कार तो मिल गई है. अब बस चोर मिल जाए. इस चोरी का सजा मिलेगी...बराबर मिलेगी.