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9 साल के इस चेस के धुरंधर को छोड़ना पड़ सकता है इंग्लैंड, ट्विटर पर हुआ विरोध

श्रेयस रॉयल को चेस की दुनिया में इस पीढ़ी की सबसे बड़ी संभावना के तौर पर देखा जाता है. उन्हें दुनिया भर में उनके एज ग्रुप में चौथा स्थान हासिल है

FP Staff

इंग्लैंड में अपनी चेस की काबिलियत से एक खास जगह बना चुके 9 साल के श्रेयस रॉयल को इंग्लैंड छोड़ना पड़ सकता है. इमिग्रेशन लॉ की वजह से इस शतरंज के चैंपियन को देश छोड़ना पड़ सकता है. अधिकारियों का कहना है कि उनके पिता की इनकम इतनी नहीं है कि वो वर्क वीजा खत्म हो जाने के बाद ब्रिटेन में रुक पाएं.

श्रेयस को चेस की दुनिया में इस पीढ़ी की सबसे बड़ी संभावना के तौर पर देखा जाता है. उन्हें दुनिया भर में उनके एज ग्रुप में चौथा स्थान हासिल है. तीन साल की उम्र में अपने पिता के साथ इंग्लैंड गए श्रेयस वहां काफी चर्चित हैं.


पिछले सितंबर में श्रेयस के पिता जितेंद्र सिंह को बताया गया कि उनका वर्क वीजा खत्म हो जाएगा, तो उसे रिन्यू नहीं किया जा सकता क्योंकि उनकी इनकम सलाना 12 मिलियन पाउंड नहीं है. जितेंद्र सिंह टीसीएस कंपनी के साथ आईटी प्रोजेक्ट मैनेजर के तौर पर काम करते हैं.

इसके बाद उन्होंने होम ऑफिस में इस आधार पर अपील दाखिल की कि उनका बेटा राष्ट्रीय संपत्ति है. लेकिन जवाब आया कि श्रेयस रॉयल ने दिखाया है कि वो एक बड़ी संभावना हैं, लेकिन इसका मतलब ये नहीं है कि वो देश में रह सकते हैं.

श्रेयस ने अपने फेसबुक पेज पर लिखा है कि अगर आपमें साहस और जुनून है तो और किसी चीज से फर्क नहीं पड़ता, आप सफल होते हैं.

इसके बाद कई लोगों ने श्रेयस के पक्ष में आवाज उठाई है. लोगों ने तर्क दिया है कि इनकम वाली बात बेतुकी है. आईटी सेक्टर में किसी की सैलरी इतनी नहीं होती. कई सांसदों ने भी श्रेयस के पक्ष में बोला है. लेबर सांसद रेचल रीव्स ने होम मिनिस्ट्री को खत लिखा है. वहीं एक और सांसद मैथ्यू पेनीकुक ने दो कैबिनेट मिनिस्टर्स को खत लिखकर कहा है कि श्रेयस इंग्लैंड का अगला वर्ल्ड चेस चैंपियन बन सकता है, इसलिए उसे इंग्लैंड में रहने दिया जाए.