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सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव, YSR कांग्रेस, TDP देगी जोर

अविश्वास प्रस्ताव नोटिस के लिए सदन में कम से कम 50 सदस्यों का समर्थन चाहिए

Bhasha

लोकसभा में सोमवार को वाईएसआर कांग्रेस और तेलगु देशम पार्टी मोदी सरकार के खिलाफ अपना अविश्वास प्रस्ताव लाने पर जोर देगी लेकिन संसद की कार्यवाही में गतिरोध दूर होने का कोई संकेत नजर नहीं आ रहा.

वाईएसआर कांग्रेस के वाई वी सुब्बा रेड्डी ने लोकसभा सचिवालय को सोमवार की संशोधित कार्य सूची में उनका नोटिस रखने के लिए पत्र लिखा है. टीडीपी ने भी अविश्वास प्रस्ताव के लिए नोटिस दिया है. पिछले सप्ताह नोटिस नहीं लिए जाने पर संसदीय कार्य मंत्री अनंत कुमार ने दलील दी थी कि सदन में कई दलों के सदस्यों की नारेबाजी के कारण ऐसा नहीं हो पाया.


विधायी कार्यों पर सरकार के साथ अक्सर सहयोग करने वाली तेलंगाना राष्ट्र समिति और अन्नाद्रमुक कई मुद्दों पर विरोध कर रही है इसलिए इस पर अनिश्चितता ही है कि व्यवस्था बन पाएगी. बजट सत्र के अंतिम चरण का पहला दो हफ्ता बीत चुका है. हालांकि सरकार कई महत्वपूर्ण विधेयक लाने और बिना चर्चा के ध्वनिमत के जरिए बजट पारित कराने में कामयाब रही.

विशेष राज्य न मिलने से टीडीपी ने तोड़ा था एनडीए से नाता 

केंद्र की ओर से आंध्रप्रदेश को विशष दर्जा दिए जाने से इंकार के बाद सबसे पहले वाईएसआर कांग्रेस ने पिछले सप्ताह अविश्वास प्रस्ताव लाने का नोटिस दिया था. मुद्दे पर बीजेपी की लंबे समय से सहयोगी रही टीडीपी ने इसके बाद सरकार से अपना नाता तोड़ने का फैसला किया और खुद ही अविश्वास प्रस्ताव लाई.

दोनों पार्टियां अपने- अपने नोटिसों पर समर्थन जुटाने के लिए विपक्षी दलों को लामबंद कर रही हैं. अविश्वास प्रस्ताव नोटिस के लिए सदन में कम से कम 50 सदस्यों का समर्थन चाहिए.

सरकार ने भरोसा जताया है कि नोटिस स्वीकारकर लिए जाने पर भी लोकसभा में उसकी संख्या बल के कारण प्रस्ताव औंधे मुंह गिर जाएगा. लोकसभा में मौजूदा सदस्यों की संख्या 539 है और सत्तारूढ़ बीजेपी के 274 सदस्य हैं. यह बहुमत से अधिक है और पार्टी को कई घटक दलों का समर्थन भी है.