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अखिलेश के साइकिल ट्रैक पर योगी का हथौड़ा

योगी सरकार आने के बाद से ही लगातार सपा सरकार के फैसलों पर वार किए जा रहे हैं

Amitesh

योगी राज में अखिलेश सरकार के फैसले पर दनादन वार किए जा रहे हैं. कुछ गड़े मुर्दे उखाड़े जा रहे हैं तो कई पुराने मामलों में भ्रष्टाचार की जांच कराई जा रही है. अखिलेश सरकार की नाकामियों को सामने लाने के लिए हर संभव कोशिश हो रही है.

लेकिन, अब सड़कों के किनारे बने साइकिल ट्रैक को तोड़ने का फैसला किया गया है. पिछली सरकार के कार्यकाल में पूरे यूपी में सड़कों के किनारे साइकिल ट्रैक बनाए गए थे. इसे तो साइकिल पर चलने वालों के नाम पर ही बनाया गया था. लेकिन, इस ट्रैक के पीछे पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव की रणनीति थी जिसे वो अपनी पार्टी के प्रचार के तौर पर भी इस्तेमाल करना चाहते थे.


अखिलेश यादव की पार्टी समाजवादी पार्टी का चुनाव चिन्ह भी साइकिल है. ऐसे में सियासी हल्कों में मतलब निकाला गया कि साइकिल ट्रैक को बनाने का फैसला यूपी में पार्टी के प्रचार के लिए ही किया जा रहा है. इसके अलावा साइकिल ट्रैक पर जगह-जगह साईकिल का निशान भी बनाया गया था जो कि समाजवादी पार्टी का चुनाव चिन्ह है.

अब साइकिल ट्रैक को तोड़ने का फैसला कर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की सरकार ने सीधे अखिलेश के एक बडे़ फैसले पर हथौड़ा चला दिया है. यूपी की योगी सरकार की तरफ से कहा जा रहा है कि साइकिल ट्रैक तोडने से सड़कों को चौड़ा किया जाएगा.

कहा ये जा रहा है कि यूपी में कई जगहों पर नालों के ऊपर भी साइकिल ट्रैक बनाए गए हैं जिससे कई तरह की परेशानी होती है. इससे नालों की सफाई भी नहीं हो पाती है. यही वजह है कि सरकार की तरफ से अब ये कदम उठाया जा रहा है.

इसके अलावा सरकार की तरफ से कहा जा रहा है कि कई जगह सड़कें काफी संकरी हैं, जहां ट्रैफिक को लेकर बेहद परेशानी भी होती है. उन संकरी सड़कों पर भी ट्रैफिक से निजात दिलाने के लिए सरकार ने साइकिल ट्रैक को तोड़कर सड़कें चौड़ी करने का फैसला किया है.

लेकिन, साइकिल की राजनीति करने वाली समाजवादी पार्टी के लिए अब यही साइकिल ट्रैक भारी पड़ रहा है. योगी सरकार साइकिल ट्रैक बनाने के मामले की अब जांच भी कराएगी. जांच इस बात की होगी कि साइकिल ट्रैक बनाने के मामले में कहीं भ्रष्टाचार तो नहीं हुआ.

इसके पहले अखिलेश यादव की सरकार के कार्यकाल में शुरू हुई समाजवादी एंबुलेंस सेवा से समाजवादी शब्द हटाने का फैसला भी योगी सरका ने लिया था. अब अपने नए फैसले से एक बार फिर से अखिलेश सरकार के काम पर योगी सरकार ने हथौड़ा चला दिया है.