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तुलसीदास ने अकबर को कभी राजा नहीं माना: योगी आदित्यनाथ

मुख्यमंत्री ने कहा कि भारत के संतों की विशिष्ट परंपरा और उनका ज्ञान अपने आप में महत्व रखता है

Bhasha

यहां के गोरखनाथ मंदिर के दिग्विजय स्मृति सभागार में रविवार को बाबा गंभीरनाथ शताब्दी पुण्यतिथि का समापन समारोह की अध्यक्षता कर रहे उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री आदित्यनाथ योगी ने कहा कि तुलसीदास जी ने कभी अकबर को राजा नहीं माना. उनका कहना था कि उनके राजा भगवान राम हैं.

उन्होंने कहा, 'हिमालय की तलहटी में बाबा गंभीरनाथ जैसा योगी नहीं था. वह बाबा गंभीरनाथ की पांचवीं पीढ़ी में शामिल हैं.'


अपने समर्थकों को जीत का मंत्र देते हुए योगी ने कहा कि हर कोई अपने जीवन में जीत का सपना जरूर देखता है. मुख्यमंत्री ने कहा कि भारत के संतों की विशिष्ट परंपरा और उनका ज्ञान अपने आप में महत्व रखता है.

मुख्यमंत्री ने अकबर और तुलसीदास का जिक्र करते हुए कहा कि उन्होंने कभी भी अकबर को राजा नहीं माना, बल्कि राम की जयकार की और भगवान राम को ही अपना राजा माना. यह बात कहने के पीछे मुख्यमंत्री का मकसद क्या था, यह लोग सोचते रह गए.

नेताओं ने राम मंदिर निर्माण पर दिया जोर 

मुख्यवक्ता पूर्वमंत्री और विचारक हृदय नारायण दीक्षित ने कहा, जैसे वाराणसी भारत की सांस्कृतिक राजधानी है, वैसे ही गोरखपुर को भी योग-विज्ञान की राजधानी के रूप में जाना जाना चाहिए. यदि कोई भारत के योग-विज्ञान, शील-सौंदर्य के बारे में जानना चाहेगा तो उसे गोरखपुर की तरफ देखना ही पड़ेगा.'

इस दौरान अयोध्या के दिगंबर अखाड़ा के महंत सुरेश दास ने कहा, 'सर्वोच्च न्यायालय की सलाह का हम सम्मान करते हैं. अब इस शर्त पर बातचीत होगी कि अयोध्या में सिर्फ राम मंदिर का निर्माण होगा, मस्जिद का नहीं.'

उन्होंने पार्टी नेता की तरह कहा, 'आदित्यनाथ योगी के मुख्यमंत्री बनने से अब विश्वास हो गया है कि अयोध्या में श्रीराम मंदिर का निर्माण होकर रहेगा. यदि फिर भी किसी तरह की बाधा पहुंचती है तो 2018 में राज्यसभा में हमारा बहुमत होगा. केंद्र और प्रदेश में हमारी सरकार है. कानून लाकर मंदिर निर्माण की सभी बाधाएं दूर करेंगे.'

इससे पहले, सुबह में योगी ने गोशाला जाकर गायों की सेवा की और मंदिर में पूजा की. इसके बाद बाबा गंभीरनाथ के शताब्दी पुण्यतिथि समापन समारोह में शामिल हुए.