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विमुद्रीकरण की लागत बताए मोदी सरकार: माकपा

माकपा ने विमुद्रीकरण को गंभीर नाकामियों से ध्यान हटाने की कोशिश बताया

IANS

मार्क्‍सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) ने बड़े नोटों को प्रतिबंधित करने के सरकार के फैसले को 'नौटंकी' करार देते हुए नकद नोटों को वापस लेने की लागत सार्वजनिक करने की मांग की है.

माकपा महासचिव सीताराम येचुरी ने ट्वीट कर कहा, 'यह विमुद्रीकरण पिछले ढाई साल में सरकार की गंभीर सामाजिक और राजनीतिक नाकामियों से ध्यान हटाने की कोशिश है.'


येचुरी ने इस कदम को एक और 'जुमला' बताते हुए कहा, 'नोटों को वापस लेने और उन्हें 2,000 रुपये के नोटों से बदलने की लागत क्या है?

इसकी आर्थिक और सामाजिक कीमत को भी सार्वजनिक की जानी चाहिए.' माकपा नेता ने कहा, 'इस कदम से जितने काले धन पर रोक लगेगी, उसका क्या अनुमान है? सरकार को ये आंकड़े सार्वजनिक करने चाहिए.'

मोदी ने काले धन पर लगाम लगाने के लिए मंगलवार को घोषणा की थी कि आधी रात से 500 और 1,000 रुपये के नोट बंद हो जाएंगे. येचुरी ने कहा कि सरकार का यह कदम 'सोच समझ कर नहीं लिया गया'

और इसमें विदेश में काले धन या संपत्ति या सोने के रूप में निवेश किए गए काले धन को बाहर लाने के लिए कोई कदम नहीं उठाया गया.

येचुरी ने कहा, 'काले धन पर रोक लगाने के लिए हम मांग करते हैं कि सरकार बैंक ऋण के शीर्ष 100 बकाएदारों के नाम घोषित करे.'