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वर्ल्ड मलेरिया डे: साल 2027 तक खत्म हो जाएगा मलेरिया का नामों निशान

दक्षिण-पूर्व एशिया में तीन चौथाई मलेरिया के मामले अकेले भारत में हैं

Pallavi Rebbapragada

हवा में बेधड़क उड़ता एक छोटा सा जीव कैसे खुद से हजारों गुना बड़े इंसानों में मरने का खौफ फैला सकता है. सिर्फ खौफ ही नहीं बल्कि कई लोगों की जिंदगियां भी ले सकते हैं. जी हां, हम बात कर रहे हैं मलेरिया के मच्छरों की.

वर्ल्ड हेल्थ आर्गेनाइजेशन का कहना है कि दक्षिण-पूर्व एशिया में तीन चौथाई मलेरिया के मामले अकेले भारत में हैं.


दिसंबर 2016 की रिपोर्ट के मुताबिक, 2015 में मलेरिया के 21.2 करोड़ मामले आए थे. इससे करीब 429,000 मौतें हुईं.

भारत में 2000-2016 के बीच में मलेरिया के मामलों में 59 फीसदी की कमी आई है.

बदले हैं हालात

सरकार इस बीमारी से निपटने के लिए कई तकनीकों का इस्तेमाल कर रही है. 25 अप्रैल को वर्ल्ड मलेरिया डे मनाया जाता है.

इस मौके पर नेशनल वेक्टर बोर्ने डिजिज कंट्रोल प्रोग्राम के डायरेक्टर ए.एस धारीवाल ने फ़र्स्टपोस्ट के जरिए जनता को समझाया कि डिजिटल इंडिया और इसरो की मदद से मलेरिया फैलाने वाले मच्छरों को सरकार खत्म कर रही है.

क्या है सरकार का मिशन?

इनका मिशन यह है कि 2027 तक भारत को मलेरिया-मुक्त कर दिया जाए और 2030 तक मलेरिया पूरी तरह खत्म हो जाए.

सरकार सर्विलेंस सिस्टम को मजबूत बनाना चाहती है. मलेरिया के मच्छरों को पूरी तरह खत्म करने के लिए सरकार 18816.96 करोड़ रुपए का फंड तैयार किया है. सरकार को अपना यह मिशन पूरा करने में 5 साल का वक्त लगेगा.

इसे सफल बनाने के लिए सरकार, प्राइवेट कंपनियां और इंटरनेशनल डोनर भाग लेंगे.