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संसद LIVE: मनमोहन सिंह मुद्दे पर सरकार ने राज्यसभा में दी सफाई, विपक्ष संतुष्ट

अनंत हेगड़े के संविधान को लेकर दिए गए बयान पर कांग्रेस के गुलाम नबी आजाद ने कहा कि जिस सदस्य को संविधान पर यकीन न हो, उसे सदन का सदस्य रहने का कोई अधिकार नहीं है

FP Staff

राज्यसभा में बुधवार को वित्त मंत्री और सदन के नेता अरुण जेटली ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के गुजरात चुनाव के दौरान दिए गए बयान को लेकर अपनी सफाई दी. जेटली ने कहा कि 'प्रधानमंत्री ने न पूर्व उपराष्ट्रपति हामिद अंसारी और न ही पूर्व पीएम मनमोहन सिंह की देशभक्ति पर कोई सवाल उठाया था. सरकार इन नेताओं का पूरा सम्मान करती है.'

इसपर राज्यसभा में कांग्रेस के नेता गुलाम नबी आजाद ने सफाई देने के लिए सरकार का आभार जताया. उन्होंने कहा कि वो चाहेंगे कि भविष्य में इस तरह की टिप्पणी फिर न की जाए.

इससे पहले बुधवार को चार दिन के ब्रेक के बाद संसद के शीतकालीन सत्र की कार्यवाही फिर शुरू हुई. लेकिन भारी हंगामे के कारण सभापति वेंकैया नायडू ने पहले दोपहर 12 तक राज्यसभा की कार्यवाही स्थगित कर दी. 12 बजे के बाद राज्यसभा में विपक्ष ने फिर हंगामा और शोरगुल किया तो इसे 2 बजे तक के लिए स्थगित कर दिया गया.

लोकसभा की कार्यवाही को भी हंगामे की वजह से दोपहर 2 बजे तक के लिए स्थगित कर दिया गया है.

कांग्रेस ने लोकसभा में हेगड़े के बयान को लेकर स्थगन प्रस्ताव दिया है. तो वहीं नियम 267 के तहत राज्यसभा में कार्यवाही रोकने का नोटिस भी दिया है. आपको बता दें कि केंद्रीय मंत्री अनंत कुमार हेगड़े ने धर्मनिरपेक्ष लोगों का उपहास उड़ाने वाला बयान देकर एक और विवाद को जन्म दिया था. उन्होंने कहा था कि धर्मनिरपेक्ष लोग अपनी जड़ों से अनजान होते हैं.

राज्यसभा की कार्यवाही के दौरान कांग्रेस के गुलाम नबी आजाद ने कहा कि जिस सदस्य को संविधान पर यकीन न हो, उसे सदन का सदस्य रहने का कोई अधिकार नहीं है.

कर्नाटक से पांच बार के लोकसभा सदस्य हेगड़े ने कहा था कि यह नई परंपरा चलन में है, जिसमें लोग खुद को धर्मनिरपेक्ष बताते हैं. उन्होंने जोर देकर कहा था कि उन्हें ‘खुशी’ होगी अगर कोई यह दावा गर्व से करे कि वह मुस्लिम, ईसाई, लिंगायत, ब्राह्मण या हिंदू है.

इससे पहले विपक्ष पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह पर दिए गए बयान पर पीएम मोदी से माफी की मांग को लेकर अड़ा हुआ था. वहीं दूसरी ओर सरकार इस कोशिश में लगी हुई है कि किसी तरह सदन की कार्यवाही चले, ताकि वो मुसलमानों के बीच तीन तलाक के चलन को समाप्त करने के प्रस्ताव वाला विधेयक गुरूवार को लोकसभा में पेश कर सके.