view all

जाति है कि जाती नहीं! सी.पी. जोशी के जातिवादी बयान को किस हद तक भुना पाएंगे मोदी?

25 नवंबर को अलवर की रैली में भी मोदी ने कांग्रेस के नेता सी.पी. जोशी की तरफ से जाति को लेकर उठाए गए सवाल पर मोदी ने पलटवार करते हुए कहा था, ‘यह सब नामदार (कांग्रेस अध्यक्ष) के इशारे पर हो रहा है.’

Amitesh

राजस्थान के डुंगरपुर की रैली में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कांग्रेस पर जातिवाद का जहर फैलाने का आरोप लगाया. मोदी ने कहा, ‘कांग्रेस की चले तो ये वाल्मीकि, तुलसीदास, कबीरदास के अलावा संत रविदास तक की जाति पूछ लेंगे. उनके दिमाग में जाति भरी रही है, जिसे हटाने की जरूरत है.’

मोदी ने कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी पर भी हमला बोलते हुए कहा, नामदार के चेले-चपाटे पूछ रहे हैं कि मोदी की जाति क्या है. लेकिन, जब कभी हम अमेरिका जाते हैं तो क्या वहां के राष्ट्रपति मोदी की जाति पूछता है क्या? वहां तो सवा सौ करोड़ हिंदुस्तानियों की एक ही जाति है.’


इसके पहले रविवार 25 नवंबर को अलवर की रैली में भी मोदी ने कांग्रेस के नेता सी.पी. जोशी की तरफ से जाति को लेकर उठाए गए सवाल पर मोदी ने पलटवार करते हुए कहा था, ‘यह सब नामदार (कांग्रेस अध्यक्ष) के इशारे पर हो रहा है.’ मोदी ने आरोप लगाया कि इनके पास चुनाव में अब कोई मुद्दे नहीं हैं, इसलिए कभी हमारी मां को गाली दे रहे हैं तो कभी मेरी जाति पूछ रहे हैं.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़ के चुनाव प्रचार खत्म होने के बाद अब राजस्थान में धुंआधार चुनाव प्रचार में लग गए हैं. कांग्रेस की तरफ से मिल रही चुनौतियों से निपटने के लिए बीजेपी ने अब अपने सबसे बड़े स्टार प्रचारक को मैदान में उतार दिया है और मोदी के मैदान में उतरने से पहले ही कांग्रेस की तरफ से ऐसा मुद्दा थमा दिया गया है, जिसपर मोदी खुलकर पलटवार कर रहे हैं.

कांग्रेस के नेता सी.पी. जोशी ने अभी कुछ दिन पहले ही एक चुनावी सभा में बोलते हुए कहा था कि अगर हिंदू धर्म के बारे में कोई जानता है तो वो ब्राम्हण ही जानते हैं. उन्होंने केंद्रीय मंत्री उमा भारती, साध्वी ऋतंभरा की जाति पर सवाल खड़ा करने के अलावा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर भी सवाल खड़ा किया था. जोशी के बयान पर बवाल मचा तो जोशी ने सफाई भी दी. लेकिन, तबतक इस मुद्दे को प्रधानमंत्री मोदी ने कांग्रेस के खिलाफ प्रचार के लिए इस्तेमाल कर लिया है.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर कांग्रेस की तरफ से इस तरह के हमले होते रहे हैं. लेकिन, हर बार मोदी इन निजी हमलों के बाद कांग्रेस के खिलाफ माहौल बनाकर इसका सियासी फायदा उठाते रहे हैं. इस बार भी कांग्रेस की तरफ से वही गलती की जा रही है. कांग्रेस नेता सी.पी. जोशी की तरफ से उनपर सवाल खड़ा करना कांग्रेस की इसी गलती को दिखा रहा है.

लेकिन, मोदी के खिलाफ बोलने वाले केवल सी.पी. जोशी ही अकेले नहीं हैं. उनकी मां को लेकर जिस तरह राज बब्बर ने बयान दिया उससे भी कांग्रेस की रणनीति पर सवाल खड़ा हो रहा है. मोदी अब चुनावों में अपनी जाति और अपनी मां को घसीटे जाने के मुद्दे के सहारे फिर से कांग्रेस पर जातिवादी राजनीति करने का आरोप लगा रहे हैं.

गुजरात विधानसभा चुनाव के वक्त एक साल पहले भी मोदी के बारे में कांग्रेस नेता मणिशंकर अय्यर की तरफ से दिए गए बयान को भी मोदी ने अपनी पिछड़ी जाति और गरीब के बेटे होने से जोड़ दिया. उस वक्त भी कांग्रेस को अपने नेता मणिशंकर अय्यर का यह बयान काफी भारी पड़ गया था. यह वही मणिशंकर अय्यर हैं जिन्होंने पांच साल पहले लोकसभा चुनाव से पहले मोदी को कांग्रेस अधिवेशन के सामने चाय का स्टॉल लगाने की सलाह दी थी, जिस पर मोदी के पलटवार ने कांग्रेस को कठघरे में खड़ा कर दिया था.

लेकिन, लगता है कांग्रेस अपनी गलतियों से सबक नहीं ले रही है. मोदी पर हो रहे निजी हमले का फायदा हमेशा उन्हें होता रहा है. अपनी पिछड़ी जाति और गरीबी के कारण अपने ऊपर कांग्रेस के हमले को मोदी हमेशा एक नई दिशा में मोड़ देते हैं. अब एक बार फिर राजस्थान के रण में कांग्रेस पर प्रहार करने के लिए उन्होंने ऐसा ही किया है.