बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह जब भुवनेश्वर में भगवान लिंगराज के मंदिर पहुंचे तो उनका वहां जोरदार स्वागत किया गया.
पारंपरिक गीत-संगीत और नृत्य के साथ बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह की अगुवानी की गई. ग्यारहवीं सदी में बने इस शिव मंदिर में माथा टेकने पहुंचे अमित शाह के साथ केंद्रीय पेट्रोलियम मंत्री धर्मेंद्र प्रधान और बीजेपी के ओडिशा अध्यक्ष वसंत पांडा भी थे.
भगवान लिंगराज, देवी पार्वती और मां भुवनेश्वरी के दर्शन के बाद उन्होंने मंदिर के सेवकों से मंदिर से जुड़े मुद्दों पर चर्चा की. शाह शुक्रवार को यहां जनता मैदान में लोगों को संबोधित भी करेंगे.
अमित शाह आजकल ओडिशा के तीन दिनों के दौरे पर हैं. इस दौरान वो पार्टी कार्यकर्ताओं से लेकर पार्टी के स्थानीय नेताओं से मुलाकात कर आगे की रणनीति पर चर्चा करने वाले हैं. इस दौरान अमित शाह राज्य प्रभारी, जिला प्रभारी और जिलाध्यक्षों के साथ एक अलग से बैठक भी करने वाले हैं.
दरअसल अमित शाह लगातर अलग-अलग राज्यों के दौरे पर जा रहे हैं. 110 दिनों तक चलने वाले उनके प्रवास के दौरान वो अलग-अलग राज्यों में बूथ स्तर के कार्यकर्ताओं से लेकर कुछ प्रबुद्ध तबके के लोगों के बीच भी अपनी बात रख रहे हैं. पार्टी की भावी रणनीति और निचले स्तर तक संगठन को चुस्त-दुरुस्त करने की कवायद के तौर पर इसे देखा जा रहा है.
ओडिशा में पार्टी मिशन मोड में
लेकिन अमित शाह का पिछले छह महीने में ओडिशा का यह तीसरा दौरा है. अमित शाह का बार-बार ओडिशा का दौरा बीजपी की ओडिशा को लेकर गंभीरता का एहसास कराता है. इस दौरे से पहले अप्रैल में भुवनेश्वर में ही बीजेपी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक हुई थी जिसमें पार्टी अध्यक्ष अमित शाह और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी समेत पार्टी के आला नेतृत्व का वहां जमावड़ा लगा था.
पार्टी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक के जरिए ओडिशा बीजेपी के भीतर जान फूंकने की कोशिश की गई थी.
बीजेपी लगातार ओडिशा में अपने संगठन को मजबूत करने में लगी है. इसका असर देखने को भी मिला जब स्थानीय निकाय के चुनाव में पार्टी का प्रदर्शन काफी बेहतर रहा.
पंचायत चुनाव में मिली सफलता के बाद पार्टी अध्यक्ष अमित शाह ने जुलाई के पहले हफ्ते में ओडिशा का फिर से दौरा किया. इस दौरान अमित शाह ने सत्ताधारी बीजेडी के गढ़ यानी गंजम जिले का दौरा किया. गंजम जिला मुख्यमंत्री नवीन पटनायक का गृह जिला है. ऐसे में शाह ने सीधे गंजम जाकर पार्टी कार्यकर्ताओं को उत्साह से भर दिया. अमित शाह ने अपनी रणनीति के तहत उस दौरे के वक्त एक दलित परिवार के घर खाना भी खाया था.
लेकिन, दो महीने बाद शाह का ये एक दौरा दिखा रहा है कि बीजेपी ओडिशा में मिशन मोड में काम कर रही है. राज्य की 21 लोकसभा और 147 विधानसभा सीटों पर बीजेपी की नजर है. लोकसभा के साथ ही राज्य में विधानसभा का चुनाव होना है, लिहाजा बीजेपी अभी से ही यहां पटनायक सरकार को घेरने की रणनीति बना रही है. 17 सालों से ओडिशा की सत्ता पर काबिज नवीन पटनायक को सत्ता से बेदखल करने में लगी बीजेपी को बीजेडी के भीतर की कलह का भी फायदा हो सकता है.
बीजेपी के एक वरिष्ठ नेता के मुताबिक, ‘बीजेपी की नजर बीजेडी के भीतर की हलचल पर है. लेकिन सही समय आने पर सही फैसला लिया जाएगा.’ माना जा रहा है कि बीजेपी चुनाव के ठीक पहले बीजेडी के कुछ बड़े नेताओं को अपने पाले में ला सकती है. इसमें कुछ सांसद और विधायक भी हो सकते हैं.
धर्मेंद्र प्रधान की दावेदारी मजबूत
अभी हाल में हुए कैबिनेट विस्तार में ओडिशा के नेता धर्मेंद्र प्रधान का कद बढ़ा कर बीजेपी ने अघोषित तौर पर ही सही, प्रधान के चेहरे को आगे कर दिया है.
बीजेपी को अभी भी 2009 में नवीन पटनायक के बीजेपी का अचानक साथ छोड़कर चले जाने का दर्द सताता रहता है. पार्टी अब तक उस कड़वी याद को भुला नहीं पाई है.
अब पार्टी नेताओं को लगता है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की लोकप्रियता के दम पर ओडिशा में बीजेपी नवीन पटनायक से बदला ले सकती है. शायद इससे बेहतर और मौका नहीं मिल सकता. अब मौके की तलाश में ही बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह बार-बार ओडिशा पहुंच रहे हैं.