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हेल्थ बीमा के साथ सुपर टॉप प्लान से बनेगी बिगड़ी बात

चाहे आप किसी भी आयु वर्ग में हों, सुपर टॉप-अप कवरेज वाला हेल्थ इंश्योरेंस प्लान आप सभी के लिए अच्छा रहेगा

FP Staff

30 साल के अमित के पास वो सब था जो एक आम आदमी चाहता है. अच्छी नौकरी, प्यार करने वाली पत्नी संजना और दो प्यारी बेटियां, 3 साल की सुष्मिता और 6 साल की स्वाति. अमित के लिए सबकुछ अच्छा चल रहा था. अमित ने हाल में निवेश करना शुरू किया ताकि अपने परिवार के लिए कुछ फंड जुटा सके. हालांकि जिंदगी में सबकुछ वैसा नहीं होता, जैसा आप सोचते हैं.

रविवार की एक सुबह अमित अपने परिवार के साथ नाश्ता कर रहा था तभी उसे दिल का दौरा पड़ गया. अमित के पास 5 लाख रुपए का ग्रुप कवरेज प्लान तो था. लेकिन पता चला कि यह रकम पूरी नहीं पड़ने वाली है, क्योंकि इलाज का खर्च बीमा की रकम से ज्यादा हो रहा था. फिलहाल संजना ने रिश्तेदारों और दोस्तों से पैसे उधार लेकर काम चलाया लेकिन इस कारण पूरा परिवार बड़े मुश्किल में आ गया.


अब सवाल यह है कि क्या इस स्थिति से बचा जा सकता था. मेडिकल इमरजेंसी तो बिना बताए कभी भी आ सकती है लेकिन आप ऐसी मुसीबतों के लिए पहले से तैयारी कर सकते हैं. निश्चित तौर पर एक काम जो आपको करना चाहिए वो यह है कि सही राशि का कवरेज लें और पूरी तरह ग्रुप मेडिकल कवर के भरोसे ना रहें. दिन ब दिन महंगे होते इलाज खर्च और प्रीमियम को कम रखने के लिए बीमा कंपनियों ने 'सुपर टॉप-अप प्लान' को लॉन्च किया है. इसे आप अपने मौजूदा ग्रुप हेल्थ कवर या पर्सनल हेल्थ कवर के अतिरिक्त ले सकते हैं.

क्या है सुपर टॉप-अप प्लान?

एक तय सीमा से ज्यादा क्लेम का भुगतान टॉप-अप प्लान से किया जाता है. इसे 'एग्रिगेट थ्रेसहोल्ड लिमिट' भी कहते हैं. जिस तरह हम टॉप अप रिचार्ज करके लिमिट बढ़ा लेते है. ठीक उसी तरह यह हेल्थ बीमा का टॉप अप प्लान होता है.

कैसे काम करता है यह?

2 लाख रुपए की मिनिमम सीमा के साथ अगर आपके पास 5 लाख रुपए का सुपर टॉप-अप कवर है तो आपकी पॉलिसी 2 लाख रुपए से लेकर 7 लाख रुपए तक के सभी क्लेम का भुगतान करेगी. प्रभावी रूप से आपकी पॉलिसी दो लाख रुपए से अधिक और सात लाख रुपए तक के सभी क्लेम का भुगतान करेगी.

पॉलिसीबाजार डॉटकॉम के हेड (प्रोडक्ट एंड इनोवेशन) वैद्यानाथन रमनी ने कहा, 'बाज़ार में हेल्थ इंश्योरेंस प्लान एलआईसी के दिनों से ही मौजूद हैं, लेकिन हमेशा से इस क्षेत्र में कुछ नये एवं अलग उत्पादों का अभाव रहा है. अब बढ़ती प्रतिस्पर्धा और जागरूकता बढ़ने से ग्राहक बीमा कंपनियों को कुछ नया सोचने पर मजबूर करने लगे हैं.'

आखिर क्यों जरूरी है सुपर टॉप-अप?

-सुपर टॉप-अप प्लान उन लोगों के लिए तैयार किए गये हैं, जिनके पास किसी दुर्घटना या आपातकालीन स्थिति के लिए बहुत कम फंड है. यह दिक्कत उन युवाओं के साथ ज्यादा रहती है जिनकी नौकरी नई और आमदनी कम हो.

-अगर आपके हेल्थ इंश्योरेंस का कवर कम है और आपको कोई ऐसी बीमारी है जो हेल्थ बीमा के दायरे में नहीं है तो पॉलिस बदलना ठीक नहीं होगा. अगर ऐसा करते हैं तो आप नो क्लेम बोनस का मौका भी गंवा देंगे. लिहाजा ऐसे में एक सुपर टॉप-अप प्लान बिना पॉलिसी बदले बीमा कवर बढ़ाने में मददगार होगी.

-सुपर टॉप-अप कवर खरीदने के लिए पहले से पर्सनल हेल्थ कवर या ग्रुप मेडिक्लेम होना जरूरी नहीं है. इस कवर को खरीदने के लिए आपको सिर्फ अपनी ज़रूरत के अनुसार कटौती सीमा को चुनना है. इसके बाद सुपर टॉप-अप प्लान अधिक आकर्षक बन जाएगा. आपके जैसे कई नौजवानों ने अभी तक इसे ग्रुप कवर से अलग खरीदा है जो उनके पास पहले से ही है.

-अपने सुरक्षा कवर को बढ़ाने के लिए आप बेस हेल्थ पॉलिसी के सम इंश्योर्ड को बढ़ा तो सकते हैं लेकिन ऐसा करना आपके लिए महंगा होगा. ज्यादा कवर के लिए सुपर टॉप-अप प्लान ही बेहद किफायती तरीका होगा.

-मसलन एक 30 साल के युवक के लिए 10 लाख रुपए का सम इंश्योर्ड और 2 लाख रुपए की कटौती सीमा वाले सुपर टॉप-अप प्लान की कीमत 2,000 से 3,000 रुपए होगी. लेकिन इतने ही कवर वाले हेल्थ प्लान की कीमत करीब 10,000 से 12,000 रुपए होगी.

क्या है सही?

चाहे आप किसी भी आयु वर्ग में हों, सुपर टॉप-अप कवरेज वाला हेल्थ इंश्योरेंस प्लान आप सभी के लिए अच्छा रहेगा. मेडिकल खर्च सालाना 10 फीसदी की दर से महंगा हो रहा है. इसलिए कम कीमत वाला सुपर टॉप-अप प्लान सही में पैसा लगाने योग्य है. यह एक सुरक्षा कवच तैयार करता है, जिसे हर किसी को बढ़ावा देना चाहिए.