view all

जब अटल बिहारी वाजपेयी ने राजनाथ सिंह की ‘चोट’ पर ली थी चुटकी

1998 में राजनाथ सिंह एक सड़क दुर्घटना में घायल हो गए थे

Amitesh

गंभीर राजनीति के पुरोधा नेता भी कई बार चुटीले अंदाज में ऐसी बातें कह जाते हैं जो अतिगंभीर माहौल को भी हल्का कर देने के लिए पर्याप्त होता है. देश के पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी भी ऐसे ही नेताओं में थे जिनकी बातें हास्य का पुट लिए होती थीं. कई बाद गंभीर माहौल को हल्का करने के लिए वे सेंस ऑफ ह्यूमर का कमाल इस्तेमाल किया करते थे.

घटना 1998 की है जब यूपी बीजेपी अध्यक्ष राजनाथ सिंह एक सड़क दुर्घटना में घायल हो गए थे. मौजूदा गृह मंत्री राजनाथ सिंह उस वक्त यूपी बीजेपी के अध्यक्ष थे.


उस वक्त दिल्ली से सटे गाजियाबाद में एनएच 24 पर उनकी कार दुर्घटनाग्रस्त हो गई. उन्हें चोट लगी. पैर फ्रैक्चर हो गया. दुर्घटना के बाद उन्हें पहले गाजियाबाद के एक अस्पताल में भर्ती कराया गया. फिर, उनका इलाज लखनऊ के मेडिकल कॉलेज में इलाज हुआ.

दुर्घटना के बाद उनके चाहने वालों की तरफ से उनके लिए दुआएं भी मांगी गईं और उनका कुशल-क्षेम पूछने वालों का तांता लग गया. जल्द स्वस्थ होने की कामना के साथ लोग उनके साथ आते रहे.

इसी बीच तत्कालीन प्रधानमंत्री और लखनऊ के सांसद अटल बिहार वाजपेयी राजनाथ का हाल जानने लखनऊ पहुंचे. उस वक्त सबको उम्मीद थी कि अटल जी उनका हाल-चाल पूछेंगे, जल्द स्वस्थ होने की शुभकामना देंगे.

लेकिन, अटल जी ने अपने चिर-परिचित अंदाज में राजनाथ सिंह से कहा ‘मैंने कहा था ना, हर बात में टांग ना अड़ाया करो.’ अटल जी का ऐसा कहना था कि वहां मौजूद सारे लोग हंस पड़े. यहां तक कि अपना इलाज करा रहे राजनाथ सिंह भी खुद अपनी हंसी नहीं रोक पाए.

यह अटल जी की वाकपटुता ही थी कि वो एक गंभीर बात को हल्के-फुल्के अंदाज में कह कर आगे निकल गए. उस वक्त अटल जी की कही बात आज भी लोगों के जेहन में एक बार फिर से आ कर गुदगुदा रही है, जब देश के गृह-मंत्री राजनाथ सिंह फिर से चोटिल हो गए हैं.

राजनाथ सिंह पिछले हफ्ते ही दिल्ली के अपने सरकारी बंगले पर मॉर्निंग वाक करते दौरान घायल हो गए. टहलने के दौरान उनका टखना मुड़ गया जिसके बाद बाएं पैर की हड्डी फ्रैक्चर हो गई. दिल्ली के एम्स में उनके पैर का प्लास्टर किया गया है. फिलहाल वो आराम कर रहे हैं.

1 दिसंबर 2002 को गुजरात के साबरकांठा में राजनाथ सिंह की कार दूसरी कार से भिड़ गई थी. इस दुर्घटना में भी वो घायल हो गए थे. उस वक्त राजनाथ सिंह बीजेपी के राष्ट्रीय महासचिव थे. वो गुजरात विधानसभा चुनाव के वक्त पार्टी के प्रचार में वहां गए थे.

इसके बाद 2004 में 8 मई को भी एक घटना हुई थी. उस वक्त राजनाथ सिंह वाजपेयी सरकार में कृषि मंत्री थे. वो उत्तराखंड में चुनाव प्रचार करने के लिए  उधमसिंहनगर के दौरे पर थे.

रैली के बाद उड़ान से ठीक पहले जब हेलीकॉप्टर टेक ऑफ करने वाला था तभी पायलट को अचानक एहसास हुआ कि हेलीकॉप्टर से धुंआ निकल रहा है. फिर इसके बाद पायलट ने उस वक्त बाहर निकल कर देखने की कोशिश की थी कि आखिर हेलीकॉप्टर में खराबी कहां से है. लेकिन, हेलीकॉप्टर के डैने से उस पायलट का सिर कट गया था. जिसके बाद उसकी मौत हो गई थी. उस वक्त राजनाथ सिंह हेलीकॉप्टर में ही सवार थे. इस हादसे के बाद राजनाथ सिंह को सड़क मार्ग से दिल्ली लाया गया.

राजनाथ सिंह फिलहाल अपने घर पर ही आराम कर रहे हैं. जल्द ही स्वस्थ होकर वो पहले की तरह अपना काम संभाल लेंगे. लेकिन, आराम के दौरान भी उनको अटल जी की लगभग बीस साल पहले कही गई वो बात याद आ रही होगी.