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मीसा भारती पर गिरफ्तारी की तलवार, लालू यादव की क्या होगी अगली चाल?

शनिवार को ईडी ने 8 हजार करोड़ रुपए के मनी लॉन्ड्रिंग केस में मीसा भारती से जुड़ी तीन संपत्तियों पर छापेमारी की थी

Ravishankar Singh

राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव की सांसद बिटिया मीसा भारती और उनके पति पर भी अब गिरफ्तारी की तलवार लटक गई है. प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की जांच में जो बात निकल कर सामने आई है उससे मीसा भारती की गिरफ्तारी तय मानी जा रही है.

शनिवार को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने 8 हजार करोड़ रुपए के मनी लॉन्ड्रिंग केस के सिलसिले लालू की बेटी मीसा भारती और दामाद शैलेश कुमार से जुड़ी तीन संपत्तियों पर छापेमारी की थी. ईडी अधिकारियों ने दोनों से करीब 9 घंटे तक पूछताछ की.


शुक्रवार को यानी ठीक एक दिन पहले ही लालू प्रसाद यादव और उनके परिवार के 12 ठिकानों पर सीबीआई द्वारा छापेमारी की गई थी.

100 रुपए में शेयर खरीदकर 10 रुपए में वापिस कर दिए गए

सीबीआई के इस छापेमारी के ठीक एक दिन बाद यानी शनिवार को लालू यादव की सांसद बेटी मीसा भारती के तीन ठिकानों पर प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की छापेमारी ने बची-खुची कसर भी पूरी कर दी.

ईडी की कई टीमों ने दिल्ली में घिटोरनी, बिजवासन और सैनिक फार्म्स के फार्महाउसों में छापेमारी की. ये फार्महाउस मीसा भारती, उनके पति शैलेश और उनकी कंपनी मेसर्स मिशैल पैकर्स एंड प्रिंटर्स प्राइवेट लिमिटेड के नाम हैं.

यह पूरा मामला मनी लॉड्रिंग के आरोप से जुड़ा है. इस मामले में प्रवर्तन निदेशालय पहले ही सीए राजेश अग्रवाल और एक मुखौटा कंपनी के मालिक जैन बंधुओं को गिरफ्तार कर चुकी है.

ईडी के मुताबिक सुरेंद्र जैन और वीरेंद्र जैन ने कई फर्जी कंपनियों के जरिए मीसा भारती के लिए धनशोधन का काम किया.

मीसा भारती के सीए राजेश अग्रवाल से पूछताछ और जांच में भी सामने आया है कि जैन बंधुओं की कंपनी का मिशैल पैकर्स से साथ संदिग्ध लेनदेन था.

मीसा भारत के फार्म हाउस की तलाशी लेते ईडी अधिकारी (फोटो: पीटीआई)

ईडी सूत्रों के हवाले से खबर है कि इस लेनदेन से आए पैसे का इस्तेमाल इन फार्महाउसों की खरीद में किया गया है. ईडी के पास मीसा और शैलेश कुमार को गिरफ्तार करने के पुख्ता सबूत हैं.

पिछले मई महीने में आयकर विभाग के छापे के दौरान मीसा भारती की वो शेल कपंनियां निशाने पर रहीं, जिन कंपनियों ने मीसा भारती को करोड़ों रुपए का लोन दे कर दिल्ली की महंगी जमीन सस्ते दाम में बेची थी.

शालिनी होल्डिंग नाम की एक कंपनी ने 2008 में 100 रुपए की दर से मिशैल पैकर्स के 30 हजार शेयर्स खरीदे. बाद में यह शेयर 10 रुपए की दर से वापस बेच दिए गए.

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बाद में जांच में पता चला कि 2007-08 के दौरान मिशैल के 1 लाख 20 हजार शेयर 100 रुपए की दर से खरीदे गए. यह चार शेल कंपनियां- शालिनी होल्डिंग्स लिमिटेड, ऐड-फिन कैपिटल सर्विसेज, मणि माला दिल्ली प्रॉपर्टीज और डायमंड विनिमय प्राइवेट लिमिटेड के जरिए किया गया.

बाद में यही शेयर 10 रुपए की दर से वापस बेच दिए गए. मतलब कि करीब 8,000 करोड़ की मनी लॉड्रिंग की गई.

बताया जाता है कि इस गोरखधंधे के लिए जैन बंधु पहले कैश लेते थे. फिर शेल (मुखौटा) कंपनियां बनाकर शेयर की खरीद करते थे. बाद में शेयर सस्ते दाम पर वापस बेच दिए जाते थे. मिशैल पैकर्स एंड प्रिंटर्स को 2002 में रजिस्टर कराया गया. मीसा के पति शैलेश कुमार भी इसके निदेशक थे.

ईडी की रेड के दौरान मीसा भारती

20 मई को मीसा के सीए को गिरफ्तार किया गया

मई महीने में आयकर विभाग के छापे के बाद 24 मई को आयकर विभाग ने बेनामी जमीन एक्ट और आय से अधिक संपत्ति के मामले में मीसा भारती और उनके पति शैलेश को समन जारी किया था और 6 जून को पूछताछ के लिए मीसा भारती को बुलाया था.

इससे पहले 20 मई को मीसा भारती के चार्टर्ड अकाउंटेंट राजेश अग्रवाल को ईडी ने गिरफ्तार किया था. राजेश के ऊपर आरोप है कि उसने दिल्ली के कुछ बिजनेसमैन और नेताओं के लिए शेल कपंनी बनाई और उन बिजनेसमैन और नेताओं की ब्लैक मनी को सफेद किया.

मीसा भारती के लिए चौंकाने वाली बात यह थी कि ईडी ने अपने बयान में कहा था कि राजेश अग्रवाल ने मिशेल पैकर्स एंड प्रिंटर कंपनी के लिए भी काम किया है. आयकर विभाग ने अपने जांच में पाया कि मिशेल पैकर्स एंड प्रिंटर कंपनी में मीसा भारती निदेशक रह चुकी हैं.

आयकर विभाग के रडार पर आने के बाद लालू प्रसाद यादव के 22 ठिकानों पर 16 मई को छापा पड़ा था. आयकर विभाग की इस छापेमारी में आरजेडी अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव और बेटे-बेटियों के नाम बेनामी संपत्ति की बात सामने आई थी. लालू प्रसाद के दोनों बेटे इस समय बिहार में मंत्री हैं. जबकि, बेटी मीसा भारती राज्यसभा सांसद हैं.

बिजवासन में जिस फार्म हाउस की खरीददारी की गई थी वह फार्म हाउस मीसा भारती के नाम है. मीसा पर आरोप है कि लगभग 100 करोड़ की संपत्ति को एक करोड़ 41 लाख में खरीदा. इसमें चार्टर्ड अकाउंटेंट राजेश अग्रवाल ने मीसा भारती को मदद की.

आयकर विभाग ने मीसा भारती के पति को भी समन जारी किया था. इससे पहले भी मीसा भारती आयकर विभाग के सामने पेश नहीं हुई थी. जिसके बाद से आयकर विभाग ने मीसा भारती पर 10 हजार रुपए का जुर्माना लगाया था और दोबारा से समन जारी कर पेश होने का आदेश दिया था.