view all

कार्ति चिदंबरम पर कसा शिकंजा, क्या होगा आगे?

जांच एजेंसियों की कार्ति चिदंबरम पर ताजा कार्रवाई को पिता-पुत्र पर नकेल कसने की शुरुआत मानी जा रही है

Ravishankar Singh

प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने कार्ति चितंबरम पर नकेल कसते हुए 90 लाख की फिक्स डिपॉजिट समेत कई बैंक खाते कुर्क कर दिए हैं. ईडी ने एयरसेल-मैक्सिस डील केस में यह बड़ी कार्रवाई की है.

जांच एजेंसियां देश के पूर्व वित्त मंत्री और वरिष्ठ कांग्रेस नेता पी चिदंबरम के बेटे कार्ति चिदंबरम को एयरसेल-मैक्सिस डील में कथित 2 लाख डॉलर लेने की जांच कर रहा है.


ईडी सूत्रों का कहना है कि कार्ति चिदंबरम अपनी कई संपत्तियों को गुपचुप तरीके से बेचने का प्रयास कर रहे थे. साथ ही अपने और अपनी कुछ कंपनियों के बैंक अकाउंट को भी बंद करने में लगे थे.

बीते शुक्रवार को ही सीबीआई ने सुप्रीम कोर्ट में कहा था कि कार्ति चिदंबरम को विदेश जाने से रोका गया है क्योंकि वह विदेश जाकर अपने बैंक खातों और एफडी को बंद कर रहे हैं.

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पी. चिदंबरम के बेटे कार्ति चिदंबरम भ्रष्टाचार के मामले में भारतीय जांच एजेंसियों के राडार पर हैं. कार्ति पिछले महीने सीबीआई के सामने पेश हुए थे. जांच एजेंसी ने उनसे घंटों तक पूछताछ की थी.

कार्ति चिदंबरम कई महीनों से सीबीआई के सामने पेशी से बचना चाह रहे थे. लेकिन, सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों के बाद कार्ति को सीबीआई के सामने पेश होना पड़ा.

सीबीआई

विदेशी निवेश संवर्धन बोर्ड द्वारा दी गई मंजूरी के सिलसिले में हुई पूछताछ 

कुछ दिन पहले ईडी ने भी कार्ति से कई घंटों तक पूछताछ की थी. मॉरीशस से मनी लॉन्ड्रिंग करने के लिए मीडिया समूह आईएनएक्स मीडिया (अब 9X मीडिया) को विदेशी निवेश संवर्धन बोर्ड (एफआईपीबी) द्वारा दी गई मंजूरी के सिलसिले में यह पूछताछ की गई थी. जिस समय इस कंपनी को मंजूरी दी गई थी उस समय कार्ति के पिता पी चिदंबरम देश के वित्त मंत्री थे. इस कंपनी का भी स्वामित्व कार्ति के पास था और आईएनएक्स मीडिया से पैसा मिला था.

आईनएनएक्स मीडिया के दोनों निदेशक पीटर मुखर्जी और इंद्राणी मुखर्जी वर्तमान में शीना बोरा हत्याकांड में जेल में बंद हैं. यह पूरा मामला शीना बोरा हत्याकांड के खुलासे के बाद सामने आया था.

सीबीआई ने आईएनएक्स मीडिया के अलावा कार्ति की कंपनी चेस मैनेजमेंट सर्विसेज और एडवांटेज कंसल्टिंग लिमिटेड के निदेशक पद्मा विश्वनाथन के खिलाफ भी मामला दर्ज किया है. इनके खिलाफ आपराधिक साजिश, धोखाधड़ी और भ्रष्टचार के आरोप लगाए गए थे.

यह पहला मौका नहीं है कि जब चिदंबरम के बेटे कार्ति पर कार्रवाई हुई है. ईडी कार्ति को 45 करोड़ रुपए के फेमा उल्लंघन मामले में भी पूछताछ कर चुका है.

आरोप था कि कार्ति वासन हेल्थकेयर प्राइवेट लिमिटेड कंपनी से कथित तौर पर जुड़े हुए हैं. इस कंपनी से जुड़े विदेशी निवेशकों से कई नामों से करीब 2100 करोड़ रुपए लिए गए.

वहीं, कार्ति पर आरोप है कि 162 करोड़ रुपए अलग से भी लिए गए. आरोप है कि इस लेन-देन में कार्ति चिदंबरम की कंपनी मैसर्स एडवांटेज स्ट्रेटजिक कंसल्टिंग प्राइवेट लिमिटेड भी सीधे तौर पर शामिल थी. इस कंपनी को इसमें तकरीबन 45 करोड़ रुपए मिले थे.

ताजा कार्रवाई के बाद चिंदबरम ने कहा कि केंद्र सरकार सीबीआई का दुरुपयोग कर मेरे बेटे को टारगेट कर रही है. सीबीआई को जो भी पूछना है मुझसे पूछे.

इस केस में बीजेपी नेता और राज्यसभा सांसद सुब्रमण्यम स्वामी की विशेष दिलचस्पी है. स्वामी सुप्रीम कोर्ट से लगातार मांग कर रहे हैं कि एयरसेल-मैक्सिस डील केस में चिदंबरम को भी सीबीआई जांच के घेरे में लाया जाए.

एयरसेल-मैक्सिस डील टेलिकॉम रूल के मुताबिक नहीं हुई

स्वामी ने अपनी याचिका में आरोप लगाया था कि एयरसेल को मलेशिया की मैक्सिस कंपनी को बेचा गया था. यह डील इंडियन टेलिकॉम रूल के मुताबिक नहीं हुई थी.

उन्होंने दावा किया था कि यह डील टेलिकॉम सेक्टर में 74 फीसदी एफडीआई के खिलाफ थी. चिदंबरम ने गैरकानूनी तरीके से विदेशी निवेश संवर्धन बोर्ड (एफआईपीबी) को मंजूरी दी थी.

पी चिदंबरम

वहीं पी चिदंबरम के मुताबिक विदेशी निवेश संवर्धन बोर्ड (एफआईपीबी) द्वारा आईएनएक्स मीडिया को मंजूरी दिए जाने में किसी भी तरह की धांधली नहीं हुई थी.

पी चिदंबरम के मुताबिक, एफआईपीबी की मंजूरी कई मामलों में दी गई. एफआईपीबी में शामिल पांच सचिव और अन्य अधिकारी सरकारी कर्मचारी हैं. उनके खिलाफ कोई मामला नहीं है. चिदंबरम का कहना है कि जब वह वित्त मंत्री थे तो हर मामले में नियमों के तहत कार्रवाई की गई और एफआईपीबी की अनुशंसा पर ही मंजूरी या नामंजूरी दी गई.

सीबीआई इस मामले में पी. चिदंबरम की ओर से 2006 में एयरसेल-मैक्सिस करार को एफआईपीबी की मंजूरी दिए जाने की परिस्थितियों की जांच कर रही है.

जांच एजेंसियों की कार्रवाई चिदंबरम पिता-पुत्र पर नकेल कसने की शुरुआत 

जांच एजेंसियों की कार्ति चिदंबरम पर ताजा कार्रवाई को पी चिदंबरम और उनके बेटे कार्ति चिदंबरम पर नकेल कसने की शुरुआत मानी जा रही है. वहीं दूसरी तरफ पी चिदंबरम ने भी जांच एजेंसियों पर जवाबी हमला बोलना शुरू कर दिया है. कानून की बारीकी को काफी करीब से समझने वाले पी चिदंबरम के खिलाफ अगर जांच एजेंसियां अदालत में कोई ठोस सबूत जुटा नहीं पाती हैं तो उनके लिए भी ये परेशानी का सबब साबित होगा.

जांच एजेंसियों को पता है कि पी चिदंबरम सिर्फ नेता ही नहीं है बल्कि देश के एक जाने-माने वकील भी हैं. ऐसे में जांच एजेंसियां इस मामले में फूंक-फूंक कर कदम रख रही हैं.