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सुप्रीम कोर्ट ने योगी सरकार को 2007 के हेट स्पीच पर दिया नोटिस

सोमवार को सुप्रीम कोर्ट ने उत्तर प्रदेश सरकार को नोटिस जारी किया है. सरकार को अगले 6 हफ्ते में नोटिस का जवाब देना होगा

FP Staff

इस साल जनवरी 2007 में मुहर्रम के दौरान हिंदू-मुस्लिम संघर्ष में एक युवा हिंदू लड़के राज कुमार अग्रहरि की हत्या कर दी गई थी. इस हत्या के बाद योगी आदित्यनाथ ने उस इलाके का दौरा किया था. तब वे गोरखपुर के सांसद थे. उस वक्त योगी आदित्यनाथ ने वहां भड़काउ भाषण दिया था. उन्होंने हिंदू लड़के की मौत का बदला लेने के कहा. उस वक्त योगी आदित्यनाथ ने कहा था, 'अगर कोई हिंदुओं के घरों और दुकानों में आग लगाता है, तो मैं नहीं मानता कि आप सब इन कृत्यों को करने से रुकते हैं.

इंडियन एक्सप्रेस के बाद इस भाषण के बाद स्थानीय पुलिस ने उन्हें और उनके कुछ समर्थकों को गिरफ्तार करके जेल में डाल दिया था. उनपर शांति भंग करने का आरोप लगाया गया था. करीब एक पखवाड़े के बाद योगी आदित्यनाथ को रिहा किया गया. आदित्यनाथ की गिरफ्तारी से राज्य में दंगे भड़क गए थे. जगह-जगह ट्रेन, बस और घरों को जलाया गया. उस वक्त दंगे में कम से कम 10 लोगों की मौत हो गई थी.


किसने की योगी के खिलाफ शिकायत?

2008 में परवेज परवाज ने गोरखपुर के कैंटोनमेंट पुलिस स्टेशन में एक एफआईआर करवाया. उसमें उन्होंने आदित्यनाथ पर सामुदायिक हिंसा फैलाने का आरोप लगाया था. हालांकि एडवोकेट जनरल ने उस याचिका पर सवाल खड़े करते हुए कहा कि जांच खत्म हो गई. उस वक्त याचिकाकर्ता को लगा कि इस मामले को किसी सीबीआई जैसी किसी स्वतंत्र जांच एजेंसी को सौंप दी गई है.

परवाज ने फिर हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया. लेकिन हाईकोर्ट ने याचिका खारिज करते हुए कहा कि उसे जांच की प्रक्रिया में कोई गड़बड़ी नजर नहीं आती है. पिछले साल राज्य सरकार ने आदित्यनाथ सहित बीजेपी के 4 नेताओं के खिलाफ केस शुरू करने से इनकार कर दिया. राज्य सरकार ने कहा कि सबूत के तौर पर जो वीडियो पेश किया गया है वह 'टेम्पर्ड' है.

सोमवार को सुप्रीम कोर्ट ने उत्तर प्रदेश सरकार को नोटिस जारी किया है. इलाहाबाद हाई कोर्ट के फैसले के खिलाफ दायर याचिका की सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने यूपी सरकार को नोटिस भेजा है. इलाहाबाद हाईकोर्ट ने अपने फैसले में राज्य सरकार के उस आदेश को सहमति दे दी थी जिसके तहत उसने आदित्यनाथ खिलाफ केस ना चलाने का फैसला किया था. सीनियर एडवोकेट अमन लेखी ने राज्य सरकार की तरफ से नोटिस स्वीकार किया है. यूपी सरकार को अगले 6 हफ्तों में इस नोटिस का जवाब देना है. इस मामले में सुनवाई अब 6 हफ्ते बाद होगी.