सरकार ने जब से जीएसटी लागू करने का फैसला लिया था तब से ही इसे लेकर उलझन बनी हुई है. जीएसटी अब लागू हो चुका है लेकिन अभी भी इसे समझना टेढ़ी खीर है.
जीएसटी से जनता और ट्रेडर्स तो परेशान हैं ही लेकिन अब राजनीतिक पार्टियों के भी पसीने छूट गए हैं. ताजा मामला आम आदमी पार्टी का है. आम आदमी पार्टी ने बाकायदा एक ट्वीट करके ट्यूटर खोज रहे हैं. हालांकि आम आदमी पार्टी को खास तरह के ट्यूटर की तलाश है जो जीएसटी की कमियां और उससे जनता को होने वाले नुकसान के बारे में समझा सके.
कुछ दिनों पहले ही यूपी सरकार के एक मंत्री भी जीएसटी पर फंस गए थे. यूपी के समाजिक कल्याण मंत्री रमापति शास्त्री जीएसटी से होने वाले फायदे समझाने आए थे, लेकिन खुद जीएसटी का फुल फॉर्म नहीं बता पाए थे. आम आदमी पार्टी को अगर ट्यूटर मिल गया तो वो ऐसी स्थिति में नहीं फंसेगी.