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नीतीश कुमार का इस्तीफा: अब ये चार संभावनाएं सबसे प्रबल!

नीतीश के इस्तीफे के बाद राज्य की राजनीति क्या करवट लेगी यहां जानें!

FP Staff

बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने राज्यपाल केसरीनाथ त्रिपाठी को अपना इस्तीफा सौंप दिया है. इसके साथ ही पूरे मंत्रिमंडल का इस्तीफा हो गया है.

बता दें कि खबरें आ रहीं थीं कि नीतीश कुमार उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव का इस्तीफा चाहते थे पर लालू इसके लिए तैयार नहीं थे. नीतीश कुमार अपनी छवि से समझौता करने के लिए तैयार नहीं थे और तेजस्वी पर मनी लॉन्ड्रिंग का आरोप लग चुका था.

नीतीश कुमार के इस्तीफा देने के बाद राज्य के सियासी माहौल में अटकलों का बाजार गर्म हो चुका है.

बिहार में कुल 243 विधायक हैं. इनमें सबसे ज्यादा 80 विधायक आरजेडी के, 71 जेडीयू के, 53 बीजेपी के, 27 कांग्रेस के और 2-2 बीजेपी के सहयोगी दलों एलजेपी और आरएलएसपी के हैं. इसके अलावा 3 सीपीआई (एमएल), 1 'हम' के और 4 निर्दलीय विधायक हैं.

सरकार बनाने के लिए मुख्यमंत्री को कम से कम 122 विधायकों का समर्थन चाहिए. सारे समीकरणों को देखते हुए बिहार क्या राजनीतिक भविष्य क्या होगा इस बारे में चार संभावनाएं जताई जा रही हैं-

नीतीश+बीजेपी= 124 विधायक

सबसे ज्यादा संभावना जिस समीकरण की जताई जा रही है वह यही है कि नीतीश कुमार बीजेपी के समर्थन से सरकार बनाएंगे. इससे पहले भी बीजेपी के कई नेता कह चुके हैं कि बीजेपी नीतीश को समर्थन दे सकती है.

दोबारा चुनाव करवाने पर भारी खर्च होता है और राजनीतिक दल कई बार इसका हवाला दे कर गठबंधन सरकार बनाते हैं.

बीजेपी का बाहर से समर्थन

यह भी हो सकता है कि नीतीश कुमार सांप्रदायिकता का हवाला देकर बीजेपी को सरकार में शामिल करने से कतराएं. उन्होंने भ्रष्टाचार विरोधी अपने सिद्धांत के नाम पर इस्तीफा दिया है और वह धर्मनिरपेक्षता को अपना दूसरा सिद्धांत बताते हैं. ऐसे में वह एक सिद्धांत पर अडिग और दूसरे से समझौता कर लें यह गलत संदेश दे सकता है. इस हालत में बीजेपी के बाहर से समर्थन के दम पर सरकार बनाई जा सकती है.

राष्ट्रपति शासन

अगर राज्यपाल को लगता है कि कोई भी सरकार बनाने की हालत में नहीं है तो राज्यपाल राज्य में राष्ट्रपति शासन लगाने की सिफारिश कर सकते हैं. ऐसा होने की सूरत में 6 महीने के भीतर दोबारा चुनाव करवाना होता है.

आरजेडी कर सकती है सरकार बनाने का दावा

यह बेहद मुश्किल है पर कहते हैं राजनीति में कुछ भी असंभव नहीं है. 80 विधायकों वाली आरजेडी सबसे बड़ी पार्टी है. ऐसे में कायदे से राज्यपाल आरजेडी विधायक दल के नेता तेजस्वी यादव को सरकार बनाने का न्योता दे सकते हैं.

हालांकि जेडीयू और बीजेपी और उसके सहयोगी दलों को छोड़ कर सभी विधायकों को अपने साथ जोड़ने पर भी जो संख्या होगी वह बहुमत से दूर रह जाएगी. इस गठजोड़ के कुल 115 विधायक होंगे. जेडीयू या बीजेपी के कुछ विधायक अगर समर्थन कर दें तो यह हो सकता है पर यह होना बहुत मुश्किल है.