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पश्चिम बंगाल में एक और दलित BJP कार्यकर्ता की हत्या, अमित शाह ने ममता बनर्जी पर साधा निशाना

इससे पहले भी पश्चिम बंगाल के पुरुलिया में बीजेपी के दो कार्यकर्ताओं की हत्या के मामले के सामने आए थे

FP Staff

पश्चिम बंगाल में एक और बीजेपी कार्यकर्ता कि लाश बरामद हुई है. बंगाल के मुर्शिदाबाद में 54 साल के एक दलित बीजेपी कार्यकर्ता धर्मराज हजरा नामक कार्यकर्ता की हत्या का मामला सामने आया है.

हजरा की लाश मुर्शिदाबाद के शक्तिपुर पुलिस थाने के तलदंगा नामक गांव के तालाब में तैरती हुई बरामद हुई. बीजेपी के कार्यकर्ता के हाथ रस्सी से बंधे हुए थे. इस हत्याकांड के पीछे बीजेपी ने सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस को जिम्मेदार ठहराया है. बीजेपी का आरोप है कि मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की पार्टी के गुंडों ने दलित धर्मराज हजरा कि हत्या की है.


बंगाल बीजेपी ने ट्वीट कर कहा की, 'मुर्शिदाबाद में टीएमसी के गुंडों ने दलित बीजेपी कार्यकर्ता धर्मराज हजरा की हत्या कर दी और उसके हाथ रस्सी बांधकर तालाब में फेंक दिया. हजरा की हत्या इसलिए की गई, क्योंकि वह बीजेपी कार्यकर्ता था. पश्चिम बंगाल में सत्तारूढ़ आतंकी पार्टी द्वारा बीजेपी कार्यकर्ता की हत्या के पर्याप्त कारण हैं.'

पश्चिम बंगाल बीजेपी अध्यक्ष दिलीप घोष ने भी हजरा की हत्या की निंदा की है. उन्होंने ट्वीट कर कहा कि, 'एक और सक्रिय बीजेपी कार्यकर्ता की दर्दनाक मौत. हजरा रविवार रात को लापता हो गया था और सोमवार तालाब से उसका शव बरामद हुआ. उसके हाथ रस्सी से बंधे हुए थे.' बीजेपी का कहना है कि हजरा उसकी पार्टी कार्यकर्ता और कोर कमेटी का सदस्य था. पंचायत चुनाव के बाद से उसको लगातार धमकियां मिल रही थीं.

इस मामले को लेकर बीजेपी के राष्ट्रीय प्रमुख अमित शाह ने ममता बनर्जी पर निशाना साधा है. उन्होंने कहा कि 'एक बार फिर से टीएमसी ने मानवता को शर्मसार कर दिया. एक और बीजेपी कार्यकर्ता की निर्मम हत्या कर दी गई. पश्चिम बंगाल में ममता बनर्जी का शासन हिंसा और क्रूरता का पर्याय बन गया है. उन्होंने कहा कि बीजेपी इस दुख की घड़ी में धर्मराज हजरा के परिवार के साथ मजबूती से खड़ी है. मेरी गहरी संवेदना. ओम शांति.'

मालूम हो कि इससे पहले भी पश्चिम बंगाल के पुरुलिया में बीजेपी के दो कार्यकर्ताओं की हत्या के मामले के सामने आए थे. जिसको लेकर बीजेपी ने इन हत्याकांडो के खिलाफ कदा विरोध जताया था और घटनाओं कि एनएचआरसी से मामले की जांच की मांग भी की थी. हालांकि ममता सरकार ने इन घटनाओं की जांच सीआईडी को सौंपी है.