नरेंद्र मोदी और बीजेपी के खिलाफ विपक्ष को एकजुट करने की अपनी मुहिम में पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री और तृणमूल कांग्रेस की अध्यक्ष ममता बनर्जी आज यानी बुधवार को यूपीए की चेयरपर्सन सोनिया गांधी से मिल सकती हैं.
ममता बनर्जी के दिल्ली दौरे का आज दूसरा दिन है. बुधवार को भी वो कई विपक्षी पार्टियों के नेताओं से मुलाकात करेंगी. सूत्रों के अनुसार ममता शाम 6 दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल से मिलेंगी. इसके बाद उनका सोनिया गांधी से मिलने का कार्यक्रम है.
ममता सोनिया गांधी के अस्वस्थ होने की वजह से मंगलवार को उनसे नहीं मिल पाई थीं.
इसके अलावा ममता बुधवार को बीजेपी के असंतुष्ट चल रहे नेताओं यशवंत सिन्हा, अरुण शौरी और शत्रुघ्न सिन्हा से भी मिलेंगी.
इस बीच बीजेपी की पुरानी सहयोगी शिवसेना ने ममता बनर्जी से हुई मुलाकात को उचित ठहराया है. पार्टी के सांसद संजय निरुपम ने कहा, 'जब हमारे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पाकिस्तान जाकर नवाज शरीफ से मिल सकते हैं तो हम ममता बनर्जी से क्यों नहीं मिल सकते. वो एक भारतीय हैं एक और राज्य की मुख्यमंत्री हैं.'
#WATCH If our PM can meet Nawaz Sharif in Pakistan then why can't we meet Mamata ji? She is an Indian and the Chief Minister of a state, she has been an important NDA member in the past: Sanjay Raut,Shiv Sena pic.twitter.com/dNxonQdBQW
— ANI (@ANI) March 28, 2018
स्पष्ट है कि बीजेपी के लिए शिवसेना का यह रूख परेशानी बढ़ाने वाला कदम है.
मंगलवार को पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ने एनसीपी, टीआरएस, शिवसेना बीजेडी, आरजेडी, डीएमके समेत सात दलों के नेताओं से मुलाकात कर 2019 चुनाव से पहले देश में तीसरे मोर्चे के गठन को लेकर चर्चा की थी. उन्होंने इन सभी से संसद भवन और उसके बाहर बैठक की थी.
बीएसपी सुप्रीमो मायावती और अखिलेश यादव से मुलाकात पर ममता ने कहा कि अगर वो लखनऊ में बैठक बुलाएंगे तो सभी पार्टियों के लोग वहां पहुंचेंगे.
दरअसल ममता देश में गैर-बीजेपी, गैर-कांग्रेसी तीसरा मोर्चा खड़ा करना चाहती हैं. इसके लिए वो 12 विपक्षी दलों को एकजुट करने की कोशिश में हैं जिनके पास लोकसभा में 172 सांसद हैं.
हालांकि ममता 2019 में राहुल गांधी के नेतृत्व में चुनाव लड़ने के संबंध में पूछे जाने पर कुछ भी स्पष्ट कहने से इनकार करती हैं.