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हमारे पास ‘धरना’ देने के अलावा कोई विकल्प नहीं बचा था: केजरीवाल

केजरीवाल ने कहा कि वे 23 फरवरी से उपराज्यपाल से अधिकारियों को हड़ताल खत्म करने के निर्देश देने का आग्रह कर रहे हैं लेकिन वह उनकी मांग पर ध्यान नहीं दे रहे

Bhasha

दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने मंगलवार को कहा कि उपराज्यपाल अनिल बैजल उनकी मांगों के प्रति ध्यान नहीं दे रहे थे जिसके चलते उनके और उनके मंत्रियों के पास उपराज्यपाल के दफ्तर पर ‘धरना’ देने के अलावा कोई विकल्प नहीं बचा.

उपराज्यपाल के कार्यालय से जारी एक वीडियो बयान में केजरीवाल ने कहा कि वह और उनके मंत्री ‘धरने’ पर इसलिए बैठे हैं ताकि दिल्ली वासियों को सुविधाएं मिल सके और सरकार अपना काम कर सके. केजरीवाल, उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया, मंत्री गोपाल राय और सत्येंद्र जैन अपनी मांगे मनवाने को लेकर सोमवार शाम से उपराज्यपाल के दफ्तर में बैठे हुए हैं.


इन मांगों में आईएएस अधिकारियों को  'हड़ताल' खत्म करने का निर्देश देने के साथ ही 'चार महीनों' तक कार्य को बाधित करने वालों के खिलाफ कार्रवाई की मांग शामिल है. साथ ही इन्होंने उपराज्यपाल से राशन की घर-घर डिलिवरी के प्रस्ताव को अनुमति देने को भी कहा है.

आम आदमी पार्टी (आप) की सरकार के मुताबिक अधिकारी मंत्रियों के साथ बैठक में शामिल नहीं हो रहे और उनका फोन नहीं उठाते. बयान में बताया गया कि मुख्य सचिव अंशु प्रकाश के साथ हुई कथित मारपीट के बाद से ये अधिकारी ‘आंशिक हड़ताल’ पर हैं.

केजरीवाल ने अपने वीडियो संदेश में कहा कि वे 23 फरवरी से उपराज्यपाल से अधिकारियों को हड़ताल खत्म करने के निर्देश देने का आग्रह कर रहे हैं लेकिन वह उनकी मांग पर ध्यान नहीं दे रहे.

केजरीवाल ने कहा कि सोमवार को, हम फिर उनसे मिले और उन्हें बताया कि हमारी मांगे पूरी होने के बाद ही हम यहां (उपराज्यपाल के कार्यालय) से जाएंगे. उन्होंने आरोप लगाया कि कुछ अधिकारियों ने उन्हें बताया कि यह हड़ताल उपराज्यपाल कार्यालय की ओर से आयोजित कराई गई. वहीं अधिकारी संघ का दावा है कि कोई भी अधिकारी हड़ताल पर नहीं है और कोई काम प्रभावित नहीं हुआ.