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रामजन्मभूमि मामला: गैर विवादित जमीन लौटाने की केंद्र की मांग पर VHP ने कहा- अब सही कदम उठाया

वीएचपी ने कहा, 'यह जमीन राम जन्मभूमि न्यास की है और यह किसी वाद में नहीं है

FP Staff

विश्व हिंदू परिषद (वीएचपी) ने अयोध्या में विवादास्पद राम जन्मभूमि बाबरी मस्जिद स्थल के पास अधिग्रहण की गई 67 एकड़ जमीन मूल मालिकों को लौटाने की अनुमति मांगने के लिये केंद्र सरकार की ओर से सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर किए जाने का स्वागत किया है. वीएचपी ने कहा कि यह सही दिशा में उठाया गया कदम है.

केंद्र ने अयोध्या में विवादास्पद राम जन्मभूमि बाबरी मस्जिद स्थल के पास अधिग्रहण की गई 67 एकड़ जमीन को उसके मूल मालिकों को लौटाने की अनुमति मांगने के लिए कोर्ट का दरवाजा खटखटाया. वीएचपी के अंतरराष्ट्रीय कार्याध्यक्ष आलोक कुमार ने कहा, 'यह जमीन राम जन्मभूमि न्यास की है और यह किसी वाद में नहीं है. यह सरकार का सही दिशा में उठाया गया कदम है और हम इसका स्वागत करते हैं.'


अयोध्या राम मंदिर मुद्दे पर मंगलवार को केंद्र सरकार ने बड़ा कदम उठाया. मामले को लेकर सरकार सुप्रीम कोर्ट पहुंची. केंद्र सरकार ने कोर्ट में रिट पिटीशन दायर की है जिसमें विवादित जमीन को छोड़कर बाकी जमीन लौटाने की मांग की है. न्यूज 18 के मुताबिक, सरकार ने अपनी याचिका में 67 एकड़ जमीन का कुछ हिस्सा सौंपने की इजाजत मांगी है. 67 एकड़ की ये जमीन 2.7 एकड़ विवादित जमीन के चारों ओर घिरी हुई है. केंद्र सरकार ने अपनी याचिका में अयोध्या में विवादित जमीन को छोड़कर बाकी जमीन राम जन्मभूमी न्यास को सौंपने की इजाजत मांगी है.

दरअसल इस मामले में केंद्र सरकार ने अयोध्या अधिग्रहण एक्ट के तहत विवादित जमीन समेत आसपास की जमीन का भी अधिग्रहण कर लिया था. इसके साथ जमीन को लेकर पहले से दाखिल तमाम याचिकाओं को खत्म कर दिया था. सरकार के इस फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गई. तब सुप्रीम कोर्ट ने तमाम याचिकाओं को फिर बहाल कर दिया और जमीन को केंद्र के पास भी रखने का निर्देश दिया. इसके साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने ये भी फैसला सुनाया था कि जिसके पक्ष में कोर्ट का फैसला आएगा उसे ये जमीन दे दी जाएगी.

हालांकि केंद्र सरकार ने अब जाकर सुप्रीम कोर्ट से मांग की है गैर विवादित जमीन पर जारी यथास्थिति हटा दी जाए, ताकि राम मंदिर निर्माण का काम शुरू हो सके. केंद्र सरकार ने ये भी कहा है कि विवदित भूमि को लेकर जारी समस्या का समाधान होने में काफी समय लग रहा है, ऐसे में गैर विवादित जमीन मंदिर के ट्रस्ट को सौंप दी जानी चाहिए.

(भाषा से इनपुट)