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चुनाव आयोग के बहाने क्या बीजेपी पर निशाना साध रहे हैं वरुण गांधी!

वरुण ने ऐसे समय में आयोग पर निशाना साधा है जब उस पर दबाव में काम करने के कई आरोप लगे हैं

FP Staff

बीजेपी सांसद वरुण गांधी ने चुनाव आयोग को ‘दंतहीन बाघ’ कह दिया. वरुण ने कहा कि निर्धारित समय के भीतर चुनाव खर्च का ब्यौरा नहीं सौंपने पर आयोग ने अब तक किसी भी राजनीतिक पार्टी को अमान्य घोषित नहीं किया है.

वरुण यह भी बोले कि राजनीतिक पार्टियां चुनाव प्रचार पर काफी रुपए खर्च करती हैं जिसकी वजह से साधारण लोगों को चुनाव लड़ने का अवसर नहीं मिल पाता. उन्होंने यह बयान तब दिया है जब विपक्ष बीजेपी पर हमला कर रहा है कि उसकी ओर से ‘दबाव’ डाले जाने के कारण आयोग ने हिमाचल प्रदेश विधानसभा चुनाव की तारीखों के साथ गुजरात विधानसभा चुनाव के कार्यक्रम घोषित नहीं किए.


कांग्रेस बीजेपी पर आरोप लगा रही है कि वह चुनाव आयोग पर ‘बेशर्म दबाव के तौर-तरीके’ इस्तेमाल कर रही है ताकि वह अंतिम समय में लोक-लुभावन वादे कर गुजरात में वोटरों को आकर्षित कर सके.

नलसार यूनिवर्सिटी ऑफ लॉ में ‘भारत में राजनीतिक सुधार’’ विषय पर एक व्याख्यान को संबोधित करते हुए वरुण ने कहा, ‘सबसे बड़ी समस्याओं में से एक है चुनाव आयोग की समस्या, जो वाकई एक दंतहीन बाघ है. संविधान का अनुच्छेद 324 कहता है कि यह (चुनाव आयोग) चुनावों का नियंत्रण एवं पर्यवेक्षण करता है, लेकिन क्या वाकई ऐसा होता है?’

उन्होंने कहा, ‘चुनाव खत्म हो जाने के बाद उसके पास मुकदमे दायर करने का अधिकार नहीं है. ऐसा करने के लिए उसे उच्चतम न्यायालय जाना पड़ता है. समय पर चुनावी खर्च दाखिल नहीं करने को लेकर आयोग ने कभी किसी राजनीतिक पार्टी को अमान्य घोषित नहीं किया.

वरुण ने कहा, ‘यूं तो सारी पार्टियां देर से रिटर्न दाखिल करती हैं, लेकिन समय पर रिटर्न दाखिल नहीं करने को लेकर सिर्फ एक राजनीतिक पार्टी (एनपीपी), जो दिवंगत पी ए संगमा की थी, को अमान्य घोषित किया गया और आयोग ने उसकी ओर से खर्च रिपोर्ट दाखिल करने के बाद उसी दिन अपने फैसले को वापस ले लिया.’